रामनगर, उत्तराखंड। शिक्षा और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सुचेता संस्था और वरदान वाटिका आश्रम जोगीपुरा के संयुक्त तत्वावधान में छोटे बच्चों के लिए एक वार्षिक सेमिनार आयोजित किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बच्चों को न केवल शिक्षित करना बल्कि उन्हें सकारात्मक सोच, जीवन मूल्यों और विविध धार्मिक-सांस्कृतिक ज्ञान से जोड़ना था।
इस विशेष सेमिनार में रामनगर के वरिष्ठ अधिवक्ता और शिक्षाविद् एडवोकेट पूरन चंद्र पाण्डे ने बच्चों को प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) पर भी चर्चा की, जिसमें बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा दिए जाने के प्रावधान शामिल हैं।
धार्मिक ग्रंथों और महान व्यक्तित्वों से प्रेरणा
पूरन चंद्र पाण्डे ने वेद, बाइबिल, कुरान और गुरु ग्रंथ साहिब जैसे प्रमुख धार्मिक ग्रंथों के प्रेरक प्रसंगों का उल्लेख करते हुए बच्चों को आध्यात्मिकता और नैतिकता की ओर प्रेरित किया। उन्होंने भगवान राम, हनुमान, अंगद से लेकर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, सचिन तेंदुलकर, महात्मा गांधी, सावित्रीबाई फुले, ज्योतिबा फुले और डॉ. भीमराव आंबेडकर जैसे महान व्यक्तित्वों के जीवन से जुड़ी प्रेरक घटनाओं को साझा किया। उन्होंने कहा, “बच्चों को जीवन में सकारात्मक सोच अपनाकर हर नकारात्मकता को त्यागना चाहिए। यही सोच उन्हें आगे बढ़ाएगी और एक बेहतर नागरिक बनाएगी।”
महिलाओं और समाजसेवियों की रही विशेष भागीदारी
इस प्रेरणादायी कार्यक्रम में संचालिका संगीता, संध्या, पूजा पटवाल, नंदा, लीला, नेहा, मुन्नी आर्या समेत समाजसेवी महिलाएं भी शामिल रहीं। इसके अतिरिक्त उत्तराखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता मनु अग्रवाल और चर्च से जुड़े कई सदस्य भी उपस्थित रहे। सभी ने आयोजन की सराहना करते हुए बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।


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