देहरादून। राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के अवसर पर पब्लिक रिलेशन सोसायटी ऑफ इंडिया (PRSI) के देहरादून चैप्टर द्वारा आयोजित कार्यशाला में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के जिम्मेदार उपयोग और जनसंपर्क के क्षेत्र में उसकी भूमिका पर गंभीर विमर्श हुआ। इस अवसर पर सूचना महानिदेशक (डीजी) और उपाध्यक्ष एमडीडीए, बंशीधर तिवारी ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार साझा किए। उन्होंने जोर देकर कहा कि एआई के दौर में मानवता को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस : फेक न्यूज पर चिंता जताई
राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि बंशीधर तिवारी, संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय, बद्रीकेदार मंदिर समिति के सीईओ विजय थपलियाल, और पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष रवि बिजारनिया ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। कार्यक्रम का संचालन अनिल वर्मा ने किया, और इसमें पीआरएसआई के कई वरिष्ठ सदस्य और जनसंपर्क पेशेवर शामिल हुए। मुख्य अतिथि बंशीधर तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि तेजी से विकसित हो रही एआई तकनीक ने हमारे कार्यों को आसान बनाया है, लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी भी बढ़ी है।
उन्होंने कहा, “एआई से समय की बचत होती है, लेकिन इस समय का उपयोग हमें मानवीय मूल्यों और सामाजिक जुड़ाव को बढ़ाने में करना चाहिए।” उन्होंने फेक न्यूज और गलत सूचनाओं के प्रसार पर चिंता जताते हुए कहा कि सूचना को साझा करने से पहले उसकी सत्यता की जांच जरूरी है। तिवारी ने जोर दिया कि एआई से कंटेंट तैयार किया जा सकता है, लेकिन उसमें व्यक्तिगत अनुभव और विचारों का समावेश आवश्यक है। “एआई का जिम्मेदारीपूर्ण उपयोग हमारा कर्तव्य है, और इसके लिए व्यापक जागरूकता की जरूरत है,” उन्होंने कहा।
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AI को टूल के रूप में देखें, विकल्प के रूप में नहीं
राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि और सूचना निदेशालय के संयुक्त निदेशक डॉ. नितिन उपाध्याय ने कहा कि “AI हमारे सहयोगी के रूप में उपयोगी है, परन्तु हमें उस पर पूरी तरह निर्भर नहीं होना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि जनसंपर्क जैसे मानवीय संपर्क वाले क्षेत्र में AI की भूमिका सहायक होनी चाहिए, नेतृत्वकारी नहीं।
वरिष्ठ पत्रकार अनुपम त्रिवेदी ने फेक न्यूज को एआई के दुरुपयोग का सबसे बड़ा परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि जनसंपर्क में व्यक्तिगत संबंधों का कोई विकल्प नहीं है, और एआई इस क्षेत्र में सीमित भूमिका निभा सकता है। “विज्ञान सुविधाएं देता है, लेकिन समस्याएं भी लाता है। हमें जागरूकता के साथ एआई का उपयोग करना होगा,” त्रिवेदी ने कहा।
बद्रीकेदार मंदिर समिति के सीईओ विजय थपलियाल ने भावनाओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “एआई हमें सब कुछ दे सकता है, लेकिन भावनाएं नहीं। भावनाएं केवल मनुष्य के पास हैं।” उन्होंने एआई को वरदान और चुनौती दोनों के रूप में स्वीकार करने की बात कही।
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तकनीकी सत्र में AI टूल्स की जानकारी
कार्यशाला में तकनीकी विशेषज्ञ आकाश शर्मा ने “जनसंपर्क में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जिम्मेदार उपयोग” पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि “एआई हमारा स्थान नहीं ले रहा, बल्कि हमारे कार्य को तेज और प्रभावी बना रहा है।” शर्मा ने जनसंपर्क में उपयोगी कुछ प्रमुख एआई टूल्स की जानकारी दी।
- ChatGPT: प्रेस रिलीज, सोशल मीडिया पोस्ट, और नारे तैयार करने के लिए रचनात्मक लेखन सहायक।
- Canva AI: पोस्टर, बैनर, और सोशल मीडिया ग्राफिक्स डिजाइन करने के लिए स्वचालित लेआउट टूल।
- Google Forms: ऑडियंस से रियल-टाइम फीडबैक और वोट लेने के लिए डिजिटल फॉर्म।
- Mentimeter: लाइव इवेंट्स में इंटरैक्टिव पोल और सवाल-जवाब के लिए मंच।
- SlidesAI.io: टेक्स्ट को आकर्षक प्रेजेंटेशन स्लाइड्स में बदलने वाला टूल।
- Buffer/Hootsuite: सोशल मीडिया पोस्ट शेड्यूलिंग और मल्टी-प्लेटफॉर्म प्रकाशन टूल।
- Meltwater/Brand24: ऑनलाइन और सोशल मीडिया पर ब्रांड निगरानी और विश्लेषण।
- Talkwalker: ब्रांड की मौजूदगी और भावनात्मक विश्लेषण के लिए टूल।
- Google Alerts: कीवर्ड-आधारित नई खबरों की मुफ्त सूचनाएं।
- Mailchimp: ईमेल न्यूजलेटर और अभियान प्रबंधन के लिए लोकप्रिय टूल।
तकनीकी विशेषज्ञ की सलाह: आकाश शर्मा ने कहा कि एआई टूल्स जनसंपर्क को तेज और सटीक बनाते हैं, लेकिन मानवीय रचनात्मकता और नैतिकता का कोई विकल्प नहीं है।
पीआरएसआई देहरादून चैप्टर की पहल
पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष रवि बिजारनिया ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के अवसर पर यह कार्यशाला जनसंपर्क पेशेवरों को एआई के जिम्मेदार उपयोग के प्रति जागरूक करने के लिए आयोजित की गई है। बिजारनिया ने कहा, हमारा लक्ष्य जनसंपर्क को और अधिक प्रभावी और नैतिक बनाना है। कार्यशाला में पीआरएसआई के सचिव अनिल सती, कोषाध्यक्ष सुरेश चन्द्र भट्ट, और अन्य सदस्य जैसे सुधाकर भट्ट, वैभव गोयल, राकेश डोभाल, अजय डबराल, दीपक शर्मा, प्रशांत रावत, ज्योति नेगी, शिवांगी, मनमोहन भट्ट, संजय सिंह, और प्रताप सिंह बिष्ट उपस्थित थे।
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शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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