New Delhi : भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है, जो मई 2025 से लागू होगा। नए नियम के तहत वेटिंग टिकट धारक अब स्लीपर कोच या एसी कोच में यात्रा नहीं कर सकेंगे। रेलवे का नया नियम उन यात्रियों पर सख्ती से लागू होगा जो बिना कन्फर्म टिकट के आरक्षित डिब्बों में सफर करने की कोशिश करेंगे। आइए जानते हैं कि रेलवे का नया नियम क्या है और यात्रियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
रेलवे का नया नियम : वेटिंग टिकट पर सख्ती
1 मई 2025 से, भारतीय रेलवे ने वेटिंग टिकट के साथ स्लीपर और एसी कोच में यात्रा को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है। उत्तर पश्चिम रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर कैप्टन शशि किरण के अनुसार, रेलवे का नया नियम कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर लागू किया जा रहा है। नए नियमों के तहत:
- वेटिंग टिकट धारक केवल जनरल कोच में यात्रा कर सकेंगे।
- स्लीपर कोच में वेटिंग टिकट के साथ यात्रा करने पर कम से कम 250 रुपये का जुर्माना और अगले स्टेशन तक का किराया देना होगा।
- एसी कोच में अनधिकृत यात्रा पर 440 रुपये का जुर्माना लगेगा, और यात्री को अगले स्टेशन पर उतारा जा सकता है।
- टिकट चेकर (TTE) को यह अधिकार होगा कि वे वेटिंग टिकट धारकों को जनरल कोच में भेजें या ट्रेन से उतार दें।
रेलवे का नया नियम ऑनलाइन और ऑफलाइन (विंडो काउंटर) दोनों तरह के वेटिंग टिकटों पर लागू होगा। ऑनलाइन बुक किए गए वेटिंग टिकट, जो कन्फर्म नहीं होते, स्वतः रद्द हो जाएंगे, और रिफंड यात्री के खाते में 3-4 दिनों में वापस हो जाएगा।
महत्वपूर्ण तथ्य: रेलवे के अनुसार, एक PNR पर यदि एक टिकट भी कन्फर्म है, तो उसी PNR पर बुक अन्य वेटिंग टिकट धारक भी यात्रा कर सकते हैं, लेकिन उन्हें सीट की गारंटी नहीं होगी।
रेलवे का नया नियम क्यों?
भारतीय रेलवे में प्रतिदिन लगभग 2.3 करोड़ यात्री सफर करते हैं, और सीटों की कमी के कारण वेटिंग टिकट एक आम समस्या है। रेलवे का नया नियम लागू करने के पीछे निम्नलिखित प्रमुख कारण हैं:
1. कन्फर्म टिकट वालों की सुविधा
वेटिंग टिकट धारक अक्सर स्लीपर और एसी कोच में जबरन बैठने की कोशिश करते हैं, जिससे कन्फर्म टिकट वालों को असुविधा होती है। इससे कोच में भीड़ बढ़ती है, और यात्रियों को चलने-फिरने या सामान रखने में परेशानी होती है। रेलवे को पिछले कुछ महीनों में ऐसी शिकायतें 45% तक बढ़ी हैं।
2. ट्रेनों में अनुशासन और सुरक्षा
वेटिंग टिकट वालों की अनधिकृत यात्रा से कोच में टकराव की स्थिति बनती है, जिससे यात्रा का अनुभव खराब होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि रेलवे का नया नियम ट्रेनों में अनुशासन और यात्रा की गुणवत्ता को बेहतर करेगा।
3. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
हाल के दिनों में, स्लीपर और एसी कोच में अत्यधिक भीड़ के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, जिसने रेलवे की छवि को नुकसान पहुंचाया है। इन वीडियो में दिखाया गया कि वेटिंग टिकट धारक कन्फर्म सीटों पर कब्जा कर लेते हैं, जिससे रेलवे ने सख्ती बरतने का फैसला किया।
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4. राजस्व और नियमों का पालन
रेलवे के 2010 के सर्कुलर में पहले से ही वेटिंग टिकट पर आरक्षित कोच में यात्रा को अवैध माना गया था, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा था। अब रेलवे का नया नियम सख्ती से लागू किया जा रहा है ताकि केवल कन्फर्म टिकट धारक ही आरक्षित कोच में यात्रा करें।
यात्रियों पर क्या होगा प्रभाव?
रेलवे का नया नियम उन लाखों यात्रियों पर असर डालेगा जो वेटिंग टिकट के साथ स्लीपर या एसी कोच में यात्रा करते थे। खासकर त्योहारी सीजन या गर्मी की छुट्टियों में, जब वेटिंग लिस्ट 400 तक पहुंच जाती है, यात्रियों को कन्फर्म टिकट पाना मुश्किल हो जाता है। इस नियम से:
- वेटिंग टिकट धारकों को जनरल कोच में यात्रा करनी होगी, जहां सुविधाएं सीमित होती हैं।
- कन्फर्म टिकट न मिलने पर यात्रियों को अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ सकती है।
- रेलवे की आमदनी पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि वेटिंग टिकट से होने वाला राजस्व कम हो सकता है।
क्या है वेटिंग टिकट और क्यों जारी किए जाते हैं?
वेटिंग टिकट तब जारी किया जाता है जब ट्रेन की सभी सीटें बुक हो चुकी हों, लेकिन यात्री फिर भी टिकट बुक करना चाहता हो। रेलवे के अनुसार, औसतन 21% यात्री अपनी टिकट रद्द करते हैं, और 4-5% यात्री कन्फर्म टिकट होने के बावजूद यात्रा नहीं करते। इन खाली सीटों को वेटिंग लिस्ट वालों को आवंटित करने के लिए वेटिंग टिकट जारी किए जाते हैं। हालांकि, अब इन टिकटों पर आरक्षित कोच में यात्रा प्रतिबंधित होगी।
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किन ट्रेनों पर लागू होगा नया नियम?
रेलवे का नया नियम देशभर की सभी मेल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट, प्रीमियम और स्पेशल ट्रेनों पर लागू होगा। यानी IRCTC या रेलवे काउंटर से जो भी टिकट बुक होंगे, अगर वो वेटिंग में हैं और कंफर्म नहीं हुए हैं, तो ऐसे यात्रियों को बोर्डिंग की अनुमति नहीं मिलेगी।
जनरल डिब्बों (General Compartments) में रेलवे का नया नियम लागू नहीं होगा, क्योंकि वहां टिकट ओपन होते हैं और पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर सीट मिलती है।
यात्रियों के लिए क्या हैं विकल्प?
भारतीय रेलवे का मई 2025 से लागू होने वाला यह नया नियम कन्फर्म टिकट धारकों के लिए राहत लेकर आएगा, लेकिन वेटिंग टिकट धारकों के लिए चुनौतियां बढ़ाएगा। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे पहले से अपनी यात्रा की योजना बनाएं और कन्फर्म टिकट सुनिश्चित करें। यदि टिकट कन्फर्म नहीं होता, तो जनरल कोच या वैकल्पिक योजनाओं का सहारा लें। वेटिंग टिकट पर यात्रा की मनाही के बाद, यात्रियों को निम्नलिखित विकल्पों पर विचार करना चाहिए:
- विकल्प योजना: IRCTC की ‘विकल्प’ योजना के तहत, यात्री वैकल्पिक ट्रेनों में कन्फर्म सीट पाने की कोशिश कर सकते हैं।
- तत्काल टिकट: तत्काल कोटा के तहत टिकट बुक करें, लेकिन ध्यान रहे कि तत्काल वेटिंग टिकट भी कन्फर्म न होने पर रद्द हो जाते हैं।
- हेडक्वार्टर कोटा: आपात स्थिति में, यात्री रेलवे के हेडक्वार्टर कोटा के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए दस्तावेजों के साथ उचित कारण देना होगा।
- स्पेशल ट्रेनें: त्योहारी सीजन में रेलवे स्पेशल ट्रेनें चलाता है, जिनमें सीटें उपलब्ध हो सकती हैं।
- जनरल कोच: यदि कन्फर्म टिकट नहीं मिलता, तो जनरल कोच में यात्रा का विकल्प चुनें।


पंकज जोशी हिंदी पत्रकारिता का जाना पहचाना नाम हैं। बिजनेस, ऑटो, टेक और आर्थिक मामलों के जानकार है। लगभग 25 वर्षों से विभिन्न संस्थानों में सेवाएं दे चुके हें। विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें प्रकाशित। कई मीडिया शो और इंटरव्यू के जरिए दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुके हैं। UNCUT TIMES के वरिष्ठ सहयोगी के रूप में टीम का मार्गदर्शन कर रहे हैं। इनसे pankajjoshi@uncuttimes.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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