देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण बैठक में विकास, तकनीक और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े कई बड़े फैसले लिए गए। बैठक में विभिन्न विभागों से जुड़े 9 से अधिक प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनका सीधा लाभ आम जनता और राज्य के संसाधनों के बेहतर प्रबंधन से जुड़ेगा।
जियो थर्मल एनर्जी पॉलिसी को मंजूरी
राज्य की पहली भू-तापीय ऊर्जा नीति को मंजूरी दी गई। यह नीति राज्य में पर्यावरण के अनुकूल, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में सहायक होगी। इसका कार्यान्वयन ऊर्जा विभाग, उरेडा (UREDA) और यूजेवीएनएल (UJVNL) द्वारा किया जाएगा।
पुलों की क्षमता बढ़ाने के लिए PMU का गठन
राज्य के लोक निर्माण विभाग (PWD) के तहत पुलों की वहन क्षमता बढ़ाने और उनके वैज्ञानिक अध्ययन हेतु “परियोजना प्रबंधन इकाई (PMU)” गठित करने को कैबिनेट ने मंजूरी दी। यह राज्य के जर्जर पुलों की मरम्मत और सुदृढ़ीकरण में सहायक होगी।
विजिलेंस विभाग में 20 नए पद
विजिलेंस विभाग में 132 से बढ़ाकर अब 152 पद कर दिए गए हैं। इससे भ्रष्टाचार निरोधी जांच और प्रशासनिक पारदर्शिता में तेजी आएगी।
डिजिटल फॉरेंसिक लैब की स्थापना
राज्य कर विभाग में डिजिटल फॉरेंसिक लैबोरेटरी की स्थापना का निर्णय लिया गया, जिसका उद्देश्य साक्ष्य संकलन, विश्लेषण और टैक्स चोरी की जांच को आधुनिक बनाना है। इसका लाभ CGST, इनकम टैक्स और अन्य एजेंसियों को भी मिलेगा।
7 आईटी कंपनियों को सूचीबद्ध किया
भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त 7 निजी आईटी कंपनियों को राज्य में भी सूचना तकनीकी सेवाएं व आपूर्ति के लिए अधिकृत किया गया है।
खनिज अन्वेषण न्यास नियमावली को स्वीकृति
राज्य सरकार द्वारा खनिज अन्वेषण को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड राज्य खनिज अन्वेषण न्यास नियमावली 2025 को मंजूरी दी गई है। यह लघु खनिजों के वैज्ञानिक अन्वेषण और विकास को दिशा देगी। पूर्व में लागू 2017 की नियमावली में संशोधन करते हुए नवीन प्रावधानों के साथ 2025 की नई जिला खनिज फाउंडेशन न्यास नियमावली को अनुमोदन प्राप्त हुआ। इससे खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास कार्यों को और बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया जा सकेगा।
उत्तराखंड वित्त सेवा ढांचे का पुनर्गठन
वित्त सेवा संवर्ग में विभिन्न वेतनमानों एवं पदों का पुनर्वितरण किया गया है, जिससे कार्य दक्षता और विभागीय जिम्मेदारियों के बेहतर निष्पादन में मदद मिलेगी।
विधवा और वृद्धावस्था पेंशन में राहत
अब बालिग बच्चों (18 वर्ष से ऊपर) के होने पर भी विधवाओं और वृद्धजनों को सामाजिक पेंशन मिलती रहेगी। यह निर्णय गरीब और असहाय नागरिकों के हित में लिया गया है।


शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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