NPS vs VPF : रिटायरमेंट के बाद आमदनी बंद हो जाती है, लेकिन खर्चे पहले की तरह जारी रहते हैं। ऐसे में बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा बहुत जरूरी होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने दो प्रमुख रिटायरमेंट योजनाएं उपलब्ध कराई हैं—नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF)। दोनों योजनाएं लंबे समय में फंड इकट्ठा करने और रिटायरमेंट के बाद नियमित इनकम सुनिश्चित करने का दावा करती हैं। लेकिन इनमें कई अंतर हैं जो निवेश से पहले जानना जरूरी है।
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) क्या है?
NPS एक वैकल्पिक रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है, जिसे पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा रेगुलेट किया जाता है। इसमें कोई भी भारतीय नागरिक 18 से 70 वर्ष की उम्र तक निवेश कर सकता है।
- निवेश का तरीका: कामकाजी जीवन के दौरान नियमित निवेश।
- रिटायरमेंट पर लाभ:
- 60% तक राशि एकमुश्त निकाल सकते हैं।
- कम से कम 40% से एन्युइटी खरीदना जरूरी, जिससे मासिक पेंशन मिलती है।
- रिटर्न: मार्केट लिंक्ड, डेट और इक्विटी में निवेश किया जाता है।
- टैक्स लाभ:
- धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट।
- 80CCD(1B) के तहत अतिरिक्त ₹50,000 की छूट।
वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) क्या है?
VPF, EPF स्कीम का एक एक्सटेंशन है। यह सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों के लिए है जो पहले से EPF के अंतर्गत आते हैं।
- निवेश का तरीका: कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी + डीए का 100% तक योगदान कर सकता है।
- रिटर्न: फिक्स्ड ब्याज दर (वर्तमान में लगभग 8% से 8.5%)।
- सुरक्षा: पूरी तरह से सरकारी गारंटी, कोई जोखिम नहीं।
- मैनेजमेंट: EPFO द्वारा नियंत्रित।
NPS बनाम VPF: कौन है बेहतर विकल्प?
विशेषता | NPS | VPF |
---|---|---|
उपलब्धता | सभी नागरिकों के लिए | केवल EPF सदस्यों के लिए |
रिटर्न का प्रकार | मार्केट लिंक्ड | फिक्स्ड |
टैक्स लाभ | ₹2 लाख तक | ₹1.5 लाख तक |
रिस्क | मीडियम (मार्केट रिस्क जुड़ा) | लो (सरकारी गारंटी) |
लिक्विडिटी | रिटायरमेंट तक लिमिटेड | नौकरी बदलने पर ट्रांसफर संभव |
पेंशन सुविधा | हां (एन्युइटी के ज़रिए) | नहीं (लम्पसम ही मिलता है) |
रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए टिप्स
जल्दी शुरू करें: जितनी जल्दी निवेश शुरू करेंगे, चक्रवृद्धि ब्याज का उतना अधिक लाभ मिलेगा।
वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करें: रिटायरमेंट के बाद कितनी मासिक आय चाहिए, इसका आकलन करें।
जोखिम प्रोफाइल: अपनी जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर NPS या VPF चुनें।
टैक्स प्लानिंग: दोनों योजनाओं के टैक्स लाभ का अधिकतम उपयोग करें।
विशेषज्ञ सलाह: वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें ताकि आपकी जरूरतों के हिसाब से योजना बन सके।
निगरानी: NPS में निवेश की समय-समय पर समीक्षा करें और फंड मैनेजर या निवेश अनुपात बदलें।
NPS vs VPF : आपके लिए कौन-सी योजना बेहतर है?
- अगर आप जोखिम उठाने को तैयार हैं और ज्यादा रिटर्न चाहते हैं:
➤ NPS एक अच्छा विकल्प हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो खुद का बिजनेस करते हैं या टैक्स सेविंग के साथ पेंशन भी चाहते हैं। - अगर आप फिक्स्ड और सुरक्षित रिटर्न चाहते हैं:
➤ VPF आपके लिए सही है। सरकारी कर्मचारियों और वेतनभोगी वर्ग के लिए यह स्थिर रिटर्न वाला भरोसेमंद विकल्प है।
लेटेस्ट अपडेट न्यूज के लिए जुड़े रहें Uncuttimes.com से!


पंकज जोशी हिंदी पत्रकारिता का जाना पहचाना नाम हैं। बिजनेस, ऑटो, टेक और आर्थिक मामलों के जानकार है। लगभग 25 वर्षों से विभिन्न संस्थानों में सेवाएं दे चुके हें। विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें प्रकाशित। कई मीडिया शो और इंटरव्यू के जरिए दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुके हैं। UNCUT TIMES के वरिष्ठ सहयोगी के रूप में टीम का मार्गदर्शन कर रहे हैं। इनसे pankajjoshi@uncuttimes.com पर संपर्क किया जा सकता है।
Discover more from Uncut Times - ब्रेकिंग न्यूज, फैक्ट चेक, विश्लेषण
Subscribe to get the latest posts sent to your email.