Haldwani Land Fraud News: उत्तराखंड के हल्द्वानी में प्लॉट खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर के गौलापार क्षेत्र में जमीन खरीद-फरोख्त के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक व्यक्ति ने एक भूखंड को 25 अलग-अलग लोगों को बेचकर करीब 1.5 करोड़ रुपये की ठगी कर डाली। यह मामला सामने आने के बाद अधिकारी कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
जो जमीन बेची नहीं, उसके 25 मालिक कैसे?
इस धोखाधड़ी के तार भीमताल विधानसभा क्षेत्र के ओखलाकांडा से जुड़ रहे हैं। आरोप है कि दीपांशु बेलवाल नाम के एक व्यक्ति ने एक ही जमीन को टुकड़ों में बांटकर 25 लोगों को बेच दिया। सभी पीड़ितों ने बाकायदा रजिस्ट्री भी करवा ली, लेकिन जब उन्होंने भूमि का दाखिल-खारिज (Mutation) करवाने की प्रक्रिया शुरू की, तो यह खुलासा हुआ कि वह जमीन तो असल में कभी बेची ही नहीं गई थी।
पीड़ित विधायक और पुलिस के पास पहुंचे
धोखाधड़ी का शिकार हुए सभी पीड़ित गुरुवार को भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा के पास पहुंचे और अपनी आपबीती सुनाई। विधायक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पीड़ितों को डीआईजी कुमाऊं योगेंद्र सिंह रावत से मिलने के लिए भेजा। विधायक कैड़ा ने डीआईजी से पीड़ितों को न्याय दिलाने, ठगी गई रकम की वापसी सुनिश्चित करने और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
डीआईजी ने दिलाया भरोसा
डीआईजी योगेंद्र सिंह रावत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आश्वासन दिया कि कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है। डीआईजी ने यह भी स्पष्ट किया कि उत्तराखंड में किसी भी तरह की धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जमीन खरीदने से पहले क्या जांचें
यह घटना उन लोगों के लिए एक बड़ी चेतावनी है, जो उत्तराखंड जैसे खूबसूरत और तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्र में जमीन खरीदने की योजना बना रहे हैं। हल्द्वानी, भीमताल, भवाली या नैनीताल क्षेत्र में प्लॉट या जमीन की मांग बढ़ने के साथ ही इस तरह के फर्जीवाड़े के मामले भी सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जमीन खरीदने से पहले कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए।
दस्तावेजों की जांच: जमीन के दस्तावेजों की प्रामाणिकता को रजिस्ट्री ऑफिस और स्थानीय प्रशासन से सत्यापित करें। भूमि का राजस्व रिकॉर्ड (खतौनी, खसरा) जांचें।
वकील की सलाह: जमीन खरीदने से पहले किसी विश्वसनीय वकील से सलाह लें, जो दस्तावेजों की वैधता की जांच कर सके।
पिछले मालिकों की जानकारी: मालिक के नाम की वास्तविकता सुनिश्चित करें। जमीन के पिछले मालिकों और उसकी रजिस्ट्री हिस्ट्री की पूरी जानकारी लें।
स्थानीय प्रशासन से संपर्क: तहसील या संबंधित विभाग से जमीन के स्वामित्व और दाखिल-खारिज की स्थिति की पुष्टि करें।
आंख मूंदकर भरोसा न करें: किसी भी ब्रोकर या मध्यस्थ पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। रजिस्ट्री के समय किसी अनुभवी वकील या सलाहकार से राय लें।
उत्तराखंड में प्लॉट के नाम पर फ्राॅड
हल्द्वानी में हुए इस जमीन घोटाले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि बिना पूरी जांच-पड़ताल के जमीन में निवेश करना कितना जोखिम भरा हो सकता है। उत्तराखंड में पर्यटन और रियल एस्टेट के क्षेत्र में तेजी से बढ़ते विकास के कारण जमीन की कीमतों में उछाल आया है। हल्द्वानी, देहरादून, नैनीताल जैसे शहरों में जमीन की मांग बढ़ने के साथ ही धोखाधड़ी के मामले भी सामने आ रहे हैं। यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह का घोटाला उजागर हुआ हो। पहले भी कई बार फर्जी दस्तावेजों और गलत तरीके से जमीन बेचने के मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में सरकार और प्रशासन को इस दिशा में और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए खुद खरीदारों को भी सतर्क और सजग रहने की आवश्यकता है।


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