RBI New updates
New Rs 100-200 Notes : भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक बड़ा ऐलान किया है कि जल्द ही 100 और 200 रुपये के नए करेंसी नोट जारी किए जाएंगे। इन नए नोटों पर नव नियुक्त गवर्नर संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर होंगे। हालांकि, इन नोटों के डिज़ाइन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि पुराने 100 और 200 रुपये के नोट भी मान्य (Legal Tender) बने रहेंगे और आम जनता को इन्हें बदलने की जरूरत नहीं है।
RBI की ओर से जारी आधिकारिक प्रेस रिलीज यहां देखें
भारतीय रिज़र्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि नए 100 और 200 रुपये के नोटों में केवल गवर्नर के हस्ताक्षर का बदलाव किया गया है। अन्य सभी विशेषताएं और डिज़ाइन पहले की तरह ही रहेंगे।
महात्मा गांधी (नई) सीरीज – नए नोट महात्मा गांधी (नई) सीरीज के तहत जारी होंगे।
सिक्योरिटी फीचर्स – नए नोटों में निम्नलिखित सुरक्षा विशेषताएं शामिल होंगी:
RBI की नई करेंसी पॉलिसी यहां देखें।
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि नए नोट जारी होने के बाद भी पुराने नोट चलन में बने रहेंगे। पुराने 100 और 200 रुपये के नोट भी वैध मुद्रा बने रहेंगे। पुराने नोटों को बदलने या जमा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह फैसला केवल नकली नोटों पर नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लिया गया है। भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट से इस संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करें।
हाल ही में RBI ने ₹50 के नए नोट जारी किए थे। नए नोट पर गवर्नर संजय मल्होत्रा के साइन होंगे। डिज़ाइन और सुरक्षा फीचर्स पहले जैसे ही रहेंगे। 50 रुपये के नए नोट की डिटेल देखें।
राजीव मेहरा (फाइनेंशियल एनालिस्ट) ने कहा कि नए नोट जारी करने से नकली नोटों पर नियंत्रण आसान होगा। यह मुद्रा व्यवस्था को अधिक सुरक्षित और स्थिर बनाएगा। इसी तरह अनुज गुप्ता (इकोनॉमिस्ट) के अनुसार, यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक है। इससे बाजार में नकदी की उपलब्धता संतुलित रहेगी और नकली नोटों की समस्या पर काबू पाया जा सकेगा।
नए नोटों के लिए बैंक या एटीएम से संपर्क करने की जरूरत नहीं है। नए नोट के आने के बाद भी पुराने नोट मान्य रहेंगे। किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। RBI की आधिकारिक वेबसाइट से ही सूचना प्राप्त करें। RBI की आधिकारिक गाइडलाइन भी जानें।
आरबीआई की “Clean Note Policy” के तहत पुराने और कटे-फटे नोटों को धीरे-धीरे वापस लिया जाता है। नए नोट जारी करने का उद्देश्य:
Clean Note Policy के बारे में जानें।
आरबीआई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारत में नकद लेनदेन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। मार्च 2017 में कैश सर्कुलेशन जहां 13.35 लाख करोड़ रुपये था, वहीं मार्च 2024 तक यह बढ़कर 35.15 लाख करोड़ रुपये हो गया। 2000 रुपये के नोट बंद होने के बावजूद कैश सर्कुलेशन में वृद्धि जारी रही। डिजिटल ट्रांजैक्शन के बावजूद नकदी का प्रचलन भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूत बना हुआ है। RBI के लेनदेन डेटा को देखें।
मार्च 2020 में UPI के माध्यम से लेनदेन 2.06 लाख करोड़ रुपये का हुआ था। फरवरी 2024 तक यह आंकड़ा बढ़कर 18.07 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। पूरे 2024 में कुल 172 बिलियन लेनदेन UPI के माध्यम से दर्ज किए गए। UPI लेनदेन के ताजा आंकड़े यहां देखें।
आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के कुछ राज्यों में नकदी की मांग लगातार बढ़ रही है :
त्योहारों और चुनावों के दौरान इन राज्यों में नकदी की मांग में 20% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। ग्रामीण इलाकों में डिजिटल पेमेंट सिस्टम की सीमित पहुंच के कारण लोग नकदी पर अधिक निर्भर हैं। भारत के करेंसी सर्कुलेशन पर RBI की रिपोर्ट पढ़ें।
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