Uttarakhand News : उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों पर हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। विशेषकर सावन, नवरात्र और अन्य पर्वों के दौरान यहां दर्शनार्थियों की भारी भीड़ उमड़ती है, जिससे व्यवस्थाएं चरमरा जाती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने भीड़ नियंत्रण (Crowd Management) और व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए अहम कदम उठाए हैं।
इन धार्मिक स्थलों पर होंगे बदलाव?
सरकार द्वारा राज्य के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर व्यवस्थाओं को सुधारने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। जिन तीर्थ स्थलों को इस योजना में प्राथमिकता दी गई है, उनमें कैंची धाम (नैनीताल), जागेश्वर धाम (अल्मोड़ा), पूर्णागिरि धाम (टनकपुर), मनसा देवी व चंडी देवी मंदिर (हरिद्वार) और नीलकंठ महादेव मंदिर (पौड़ी) प्रमुख हैं। इन स्थलों पर दर्शन प्रक्रिया को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और श्रद्धालु केंद्रित बनाने के उद्देश्य से व्यापक योजनाएं तैयार की गई हैं, ताकि तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं और सकारात्मक अनुभव मिल सके।
मुख्यमंत्री ने दिए ये निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया जाए। दर्शन की प्रक्रिया को चरणबद्ध बनाया जाए, जिससे भीड़ एकसाथ न बढ़े। मंदिर परिसरों के सीढ़ियों और पैदल रास्तों का चौड़ीकरण किया जाए। अतिक्रमण हटाने, दुकानों के पुनर्व्यवस्थित करने और मूलभूत सुविधाओं को सुनिश्चित किया जाए। मंदिर परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जाए।
गढ़वाल और कुमाऊं में बनेगी विशेष समितियां
मुख्यमंत्री ने आदेश दिए कि गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों के लिए अलग-अलग उच्चस्तरीय समितियों का गठन किया जाएगा। इन समितियों की अध्यक्षता मंडल आयुक्त करेंगे। समिति में संबंधित जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष और कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। ये समितियां धार्मिक स्थलों की धारणा क्षमता, सुरक्षा, और भौतिक ढांचे के उन्नयन पर रिपोर्ट तैयार करेंगी।
श्रद्धालुओं की आस्था और सुविधा दोनों अहम
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित, व्यवस्थित और सम्मानजनक दर्शन अनुभव मिलना चाहिए। दर्शन की प्रक्रिया इस तरह संचालित हो कि भीड़ नियंत्रण में रहे और आपात स्थितियों में त्वरित सहायता उपलब्ध हो। इसके साथ ही श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था का सम्मान बना रहे। इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे। बैठक की अध्यक्षता में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु ने भाग लिया। उनके साथ सचिव शैलेश बगोली और मीनाक्षी सुंदरम भी शामिल रहे। इसके अतिरिक्त गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमन, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते और अपर सचिव बंशीधर तिवारी भी इस बैठक में मौजूद रहे।


मनीषा हिंदी पत्रकारिेता में 20 वर्षों का गहन अनुभव रखती हैं। हिंदी पत्रकारिेता के विभिन्न संस्थानों के लिए काम करने का अनुभव। खेल, इंटरटेनमेंट और सेलीब्रिटी न्यूज पर गहरी पकड़। Uncut Times के साथ सफर आगे बढ़ा रही हैं। इनसे manisha.media@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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