नेपाल में एफबी, इंस्टा, व्हाट्सएप समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगा बैन, सरकार के फैसले के बाद Gen Z में आक्रोश, पुलिस फायरिंग में 20लोगो की गोली लगने से मौत 350 लोग घायल..
उत्तराखंड के पिथौरागढ़, चंपावत और उधमसिंह नगर जिले की सीमा से लगने वाले पड़ोसी मुलक नेपाल मे वर्तमान में भारी बवाल मचा हुआ है। वो बवाल किसी अन्य वजह से नहीं बल्कि नेपाल की सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा लिए गए फेसबुक इंस्टाग्राम जैसे 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बैन करने की वजह से मचा है
इतना ही नहीं बल्कि सरकार के इस फैसले की वजह से वहां की जनता असहज तो महसूस कर ही रही है लेकिन इसके साथ ही कम्युनिकेशन के महत्वपूर्ण एप बंद होने से नेपाल के लोगों का अन्य राज्यों से संपर्क भी कट गया है। दरअसल नेपाल के भारत के साथ रोटी बेटी के संबंध हैं जहां की सरकार नेपाल और भारत में रहने वाले नेपाली नागरिकों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है। नेपाली जनता अब सड़कों पर उतर चुकी है जिन्होंने सरकार से इन विदेशी सोशल साइट बैन करने के निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है। हालांकि बढ़ते विरोध प्रदर्शन एवं 20लोगों की मौत के बाद देर रात नेपाल सरकार ने आपातकालीन बैठक बुलाकर सोशल मीडिया साइट्स पर बैन लगाने का फैसला वापस ले लिया है।
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार भारत के पड़ोसी देश नेपाल ने बीते 5 सितंबर को फेसबुक इंस्टाग्राम समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगा दिया है। दरअसल नेपाल सरकार ने यह फैसला विदेशी एप के अपने देश में पंजीकृत ना होने के कारण लिया है। इसके साथ ही देश की जनता से सरकार ने अपने फैसले के साथ चलने की अपील की है। हालांकि नेपाल की जनता का साफ कहना है कि फेसबुक व्हाट्सएप यूटयूब जैसे प्लेटफॉर्म वर्चुअल संचार का मुख्य साधन है जिन्हें बंद करने से उन्हें कम्युनिकेशन को लेकर भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। नेपाल सरकार का यह फैसला स्थानीय व्यापार जो भारत से संबंधित है वह तक प्रभावित हो रहा है क्योंकि व्यापारी अब व्यापारिक दृष्टि से भारत में व्हाट्सएप इंस्टाग्राम फेसबुक के माध्यम से कम्युनिकेशन नहीं कर पा रहा है। इतना ही नहीं बल्कि विदेश में कॉलिंग ₹8 प्रति मिनट पड रही है जिससे नेपाल को आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है। इसके अलावा नेपाल के जो लोग भारत में है उनसे वीडियो कॉल तक नहीं हो पा रहा है।नेपाल की जनता ने अपनी सरकार से इस निर्णय पर दोबारा से विचार करने को कहा है ताकि एक बार फिर से नेपाल की जनता का कम्युनिकेशन का माध्यम सहज और सरल हो सके।
नेपाल सरकार के विरोध में उतरे लोग
नेपाल सरकार की ओर से बंद किए गए सोशल मीडिया प्लेटफार्म को पुन बहाल करने के लिए जनता ने आज सोमवार को काठमांडू समेत देशभर के कई शहरों में प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं बल्कि वो प्रदर्शन करते ही नेपाल की संसद में घुस गए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैराकेडस तोड़कर गेट फांदा और संघीय परिसर में धावा बोल डाला। पहले जनता शांति बनाए रखने का संकल्प लिए गई थी लेकिन पुलिस ने उन्हें तीतर बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया जिस हालात बेकाबू हो गए। सरकार के विरोध में उतरे नेपाली कलाकारों, संगीत जगत से जुड़े लोगों, लोकगायकों के साथ ही पत्रकारों और स्वतंत्र मीडिया वर्ग ने भी सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने का प्रयास बताया है।
नेपाल की संसद में घुसे Gen -Z प्रदर्शनकारी
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने प्रदर्शन करने वाले युवाओं को चेतावनी दी कि मालूम होना चाहिए कि प्रदर्शन की क्या कीमत चुकानी पड़ सकती है। नेपाल सरकार ने कहा कि सोशल मीडिया पर लगा बैन तब तक नही हटाया जाएगा जब फेसबुक व यूटयुब जैसी कंपनियां नेपाल में अपना दफ्तर नहीं खोल लेती है। सरकार का कहना है कि सोशल मीडिया सेवाएं देने वाली कंपनियां नेपाल में आकर रजिस्ट्रेशन कराए और धांधली जैसी गड़बड़ियों को रोकने के लिए सिस्टम तैयार करें। नेपाल में अब तक सिर्फ टिकटोक वाइबर विटक पोपो लाइव जैसी ही कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन कराए हैं।बताते चले Gen -Z जनरेशन उन लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो लगभग 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए हैं यह पीढ़ी डिजिटल तकनीक इंटरनेट और सोशल मीडिया के युग में बड़ी हुई है इसलिए इसे डिजिटल नेटिव्स भी कहा जा सकता है। GeN – Z तकनीकी रूप से ज्यादा दक्ष होते हैं जो सोशल मीडिया पर अधिक सक्रिय रहते हैं।
गोली लगने से 19 की मौत 350 लोग घायल , बढ़ सकता है मृतकों का आंकडा
नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर बैन लगाए जाने के खिलाफ gen Z सड़कों पर सरकार का विरोध करने के लिए उतरे है। वहीं पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए फायरिंग की जिसमें एक Gen Z को गोली लगी जिसे सिविल अस्पताल ले जाया गया लेकिन उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया वहीं अभी तक कुल 19 लोगो की मौत हो चुकी हैं 350 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। उधर काठमांडू पुलिस ने तोड़फोड़ करने वालों को ‘देखते ही गोली मारने का आदेश’ दिया है.
नेपाल में युवाओं के प्रदर्शन को देखते हुए उत्तराखंड बॉर्डर में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था
नेपाल में युवाओं के बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए उत्तराखंड बार्डर भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। पिथौरागढ़ के धारचूला, झूलाघाट, जौलजीबी, के साथ ही चम्पावत एवं उधमसिंह नगर जिलों में लगती नेपाल सीमा पर एसएसबी ने सिक्योरिटी व सर्विलांस के लिए अतिरिक्त फोर्स की तैनाती कर दी है।
नेपाल में ये 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बंद
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नेपाल सरकार ने हटाया बैन, देर रात लिया फैसला
नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया ऐप पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया। देर रात यह फैसला आपातकालीन फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि जेन जी और जेन जेड युवाओं का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए, जिससे पुलिस के साथ झड़पें हुईं और 19 लोगों की मौत हो गई। नेपाल के संचार, सूचना और प्रसारण मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने देर रात बुलाई आपात कालीन बैठक में कहा कि “सरकार ने जेन-जेड की मांग को ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया को खोलने का फैसला पहले ही कर लिया है।” जिसके बाद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी जनता को समर्पित एक पत्र में अपने इस फैसले की घोषणा की। उन्होंने जनता जेन जेड युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए लिखा कि सरकार ने सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने के अपने पिछले फैसले को वापस ले लिया है।


मनीषा हिंदी पत्रकारिेता में 20 वर्षों का गहन अनुभव रखती हैं। हिंदी पत्रकारिेता के विभिन्न संस्थानों के लिए काम करने का अनुभव। खेल, इंटरटेनमेंट और सेलीब्रिटी न्यूज पर गहरी पकड़। Uncut Times के साथ सफर आगे बढ़ा रही हैं। इनसे manisha.media@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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