नैनीताल/हल्द्वानी। कैंची धाम मेला में देश-विदेश के श्रद्धालुओं का आना तेज हो गया है। भीड़ और सुचारु यातायात व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने व्यापक तैयारियां की हैं। श्रद्धालुओं की सुविधाओं और यातायात के दबाव को नियंत्रित करने के लिए शटल सेवा शुरू कर दी गई है। इसके अलावा विशेष ट्रैफिक प्लान और पार्किंग व्यवस्थाएं की गई हैं।
बाइक-स्कूटी ले जाने की अनुमति नहीं
उत्तराखंड के नैनीताल जनपद स्थित विश्वविख्यात नीम करोली बाबा कैंची धाम में 15 जून 2025 को 61वां स्थापना दिवस है। इस मौके पर हर साल की तरह इस बार भी बड़े मेले का आयोजन होगा, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने लगे हैं। विशेष ट्रैफिक प्लान के तहत 15 जून को कैंची धाम तक दो पहिया वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित है। आप शटल सेवा का उपयोग कर सकते हैं।
पार्किंग से शटल सेवा शुरू
श्रद्धालुओं को सीधे कैंचीधाम तक जाने की अनुमति नहीं है। इसके बजाय उन्हें इन निर्धारित पार्किंग स्थलों पर वाहन पार्क करने हैं और वहां से रोडवेज, केमू या अधिकृत मैक्स वाहनों के माध्यम से शटल सेवा द्वारा मंदिर भेजा जा रहा है।
- नैनीबैंड-2 (नैनीताल रोड भवाली)
- सैनिटोरियम पार्किंग भवाली
- पेट्रोल पंप भवाली
- ब्लॉक पार्किंग भीमताल
- खैरना
- डॉट चौराहा नैनीताल
- प्रस्तावित आईएसबीटी पार्किंग, गौलापार हल्द्वानी
- रोडवेज/केमू स्टेशन हल्द्वानी
- रेलवे स्टेशन काठगोदाम
चारपहिया वाहनों के लिए पार्किंग
- पनीराम ढाबा (कैंचीधाम से 1.5 किमी, अल्मोड़ा मार्ग की ओर)
- पुराना रोडवेज स्टेशन पार्किंग (भवाली)
- नैनीबैंड-2 (नैनीताल रोड)
- सैनिटोरियम भवाली, अर्द्धनिर्मित रातीघाट मार्ग
- फरसौली परिवहन निगम पार्किंग
- रामलीला मैदान भवाली
- विकास भवन पार्किंग, भीमताल
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ट्रैफिक प्लान – 14 जून (सुबह 6 बजे से रात 12 बजे तक)
- सभी भारी वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध
- दोपहिया वाहनों का प्रवेश निषेध:
- नारीमन तिराहा (काठगोदाम)
- कालाढूंगी तिराहा (नैनीताल रोड)
- विकास भवन पार्किंग
- डॉट चौराहा नैनीताल
- मस्जिद तिराहा भवाली
- शटल सेवा से आवाजाही:
- हल्द्वानी-काठगोदाम से आने वाले श्रद्धालु सैनिटोरियम भवाली में वाहन पार्क करेंगे।
- भीमताल और अल्मोड़ा की ओर से आने वाले श्रद्धालु क्रमशः विकास भवन पार्किंग व खैरना में वाहन पार्क करेंगे।
- स्थानीय मार्ग डायवर्जन:
- अल्मोड़ा/जागेश्वर/बागेश्वर से पहाड़ी मार्गों को जाने वाले वाहनों को मुक्तेश्वर होते हुए क्वारब की ओर डायवर्ट किया जाएगा।
ट्रैफिक प्लान – 15 जून (रात्रि 12 बजे से रात्रि 11 बजे तक)
- पूर्ण प्रतिबंध: सभी भारी वाहन, सभी दोपहिया वाहन और कैंचीधाम की ओर जाने वाले निजी वाहन प्रतिबंधित रहेंगे।
- शटल सेवा से आवाजाही अनिवार्य:
सभी रूटों (हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा) से श्रद्धालुओं को पार्किंग में वाहन पार्क कर शटल से मंदिर जाना होगा। - केवल आवश्यक सेवाओं को छूट:
राशन, सब्जी, फल आदि की सप्लाई हल्के वाहनों से करने की अपील।
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हल्द्वानी शहर ट्रैफिक डायवर्जन – 14 से 16 जून 2025
- बरेली/किच्छा/लालकुआं से आने वाले वाहन:
गौलापार रोड होते हुए नारीमन तिराहा से कैंचीधाम जाएं। - रामपुर/रुद्रपुर से आने वाले वाहन:
नया एनएच-109 होते हुए लालकुआं से गौलापार होकर नारीमन तिराहा से कैंचीधाम जाएं। - काठगोदाम क्षेत्र में ट्रैफिक दबाव अधिक होने पर डायवर्जन:
नैनीताल व भवाली से आने वाले पर्यटक वाहन रूसी बायपास के जरिए कालाढूंगी भेजे जाएंगे। - जरूरत पड़ने पर हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में वैकल्पिक पार्किंग:
जैसे आरटीओ फिटनेस सेंटर, प्रस्तावित आईएसबीटी और स्टेडियम पार्किंग से शटल सेवा चलाई जाएगी।
कैंची धाम मेला : ट्रैफिक सबसे बड़ी चुनौती
हाल के दिनों में कैंची धाम में भारी भीड़ के कारण 10 किमी तक लंबा जाम देखा गया है, जिससे यात्रियों को परेशानी हुई। नैनीताल-भवाली मार्ग पर जाम की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने शटल सेवाओं को बढ़ाया है। धामी सरकार ने दीर्घकालिक योजना के तहत IIM काशीपुर के साथ मिलकर ट्रैफिक और पार्किंग प्रबंधन पर दीर्घकालिक योजना बनाने का निर्णय लिया है।
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मंदिर प्रबंधन के लिए कारसेवक तैनात
मंदिर समिति ने 500 से अधिक कारसेवकों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी हैं, जैसे—
- प्रसाद वितरण
- प्रवेश द्वार और जूता स्टैंड पर सेवाएं
- परिसर की सफाई और सजावट
- 15 जून को सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक प्रसाद वितरण का समय निर्धारित किया गया है।
मंदिर समिति के शैलेश साह के अनुसार, हर स्थान पर सेवकों को चिह्नित कर तैनात किया गया है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
सुरक्षा के विशेष इंतजाम
एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा के निर्देश पर कैंची धाम मेला के मद्देनजर जिलेभर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रेलवे और बस स्टेशनों पर बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वायड की तैनाती की गई है। टांडा बैरियर, कालाढूंगी और काठगोदाम में वाहनों की सघन चेकिंग जारी है। एलआईयू को विशेष अलर्ट पर रखा गया है। एसडीएम तुषार सैनी और सीओ प्रमोद साह ने कैंची धाम परिसर, पनी राम ढाबा, भवाली रोडवेज स्टेशन, नैनीबैंड, सैनिटोरियम, फरसौली, भीमताल स्थित विकास भवन की पार्किंग आदि स्थलों का निरीक्षण कर सफाई, शौचालय और पेयजल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
कैंची धाम का ऐतिहासिक महत्व
कैंची धाम की स्थापना 1964 में नीम करोली बाबा ने अपने मित्र पूर्णानंद के साथ मिलकर की थी। बाबा के चमत्कार, जैसे नदी के पानी को घी में बदलना, आज भी भक्तों के बीच प्रसिद्ध हैं। आश्रम में हनुमान जी, राम, शिव, और दुर्गा के मंदिर हैं, जो इसे आध्यात्मिक केंद्र बनाते हैं। बाबा की समाधि स्थल भी यहीं है, जो भक्तों के लिए विशेष आकर्षण है। मान्यता है कि यहां आने वाला कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता। बाबा के देश-विदेश में करोड़ों भक्त हैं, जिनमें एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स और फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग जैसे नाम भी शामिल हैं।
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कैंची धाम मेला : श्रद्धालुओं के लिए सलाह
कैंची धाम मेला में भाग लेने वाले भक्तों को निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है:
यातायात योजना का पालन: शटल सेवा का उपयोग करें और निजी वाहनों को पार्किंग में छोड़ें।
समय प्रबंधन: सुबह जल्दी पहुंचें ताकि भीड़ से बचा जा सके।
सुरक्षा नियम: पुलिस और मंदिर प्रबंधन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
प्रसाद समय: सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक प्रसाद लें।
स्वास्थ्य सावधानी: पहाड़ी क्षेत्र में मौसम ठंडा हो सकता है, इसलिए गर्म कपड़े साथ रखें।
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कैंची धाम पहुंचने का मार्ग
रेल मार्ग: काठगोदाम रेलवे स्टेशन (38 किमी) से टैक्सी या शटल सेवा।
हवाई मार्ग: पंतनगर एयरपोर्ट (70 किमी) से टैक्सी।
सड़क मार्ग: हल्द्वानी, नैनीताल, या भवाली से बस या टैक्सी।


शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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