नैनीताल : नैनीताल और उसके आसपास के इलाकों में हर साल बढ़ते पर्यटक दबाव और लगातार ट्रैफिक जाम की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने एक बड़ी पहल की है। नैनीताल, भवाली और कैंचीधाम रोपवे सेवा से आपस में जोड़े जाएंगे और इसके लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इस परियोजना के पूरा होने से न केवल स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि पर्यटकों के लिए भी यह एक नया आकर्षण साबित होगा।
क्यों जरूरी है यह रोपवे परियोजना?
नैनीताल, भवाली और कैंचीधाम तीनों पर्यटन और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल हैं। कैंचीधाम बाबा नीब करौरी की तपोभूमि है, जहां देश-विदेश से श्रद्धालु प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में पहुंचते हैं। वहीं भवाली और नैनीताल अपने नैसर्गिक सौंदर्य और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध हैं। इन स्थानों को जोड़ने वाला मार्ग अक्सर वाहनों के अत्यधिक दबाव से जूझता है, जिससे जाम की स्थिति बनी रहती है।
नैनीताल, भवाली, कैंचीधाम रोपवे का प्रस्ताव भेजा
जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कहा कि नैनीताल, भवाली और कैंचीधाम रोपवे रूटों का सर्वे कराने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजकर अनुरोध किया गया है। सर्वे के बाद ही अंतिम योजना तैयार की जाएगी और आगे की औपचारिकताओं को पूरा किया जाएगा।
काठगोदाम-हनुमानगढ़ी रोपवे : सर्वे पूरा, टेंडर प्रक्रिया शुरू
नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) ने काठगोदाम से हनुमानगढ़ी (नैनीताल) तक 14 किलोमीटर और 900 मीटर लंबे रोपवे मार्ग का सर्वे पूरा कर लिया है। इस परियोजना के तहत 78 पोल और 6 टर्मिनल स्टेशन बनाए जाएंगे। इस रोपवे की कुल लागत लगभग 1600 करोड़ रुपये आंकी गई है, जिसमें 3-स्टार होटल, मल्टी-लेवल कार पार्किंग, फूड कोर्ट, रिटेल शॉप्स, और इको-टूरिज्म रिजॉर्ट जैसी सुविधाएं शामिल हैं। उत्तराखंड पर्यटन विकास निगम ने इस परियोजना के लिए पहले चरण में निविदाएं आमंत्रित की थीं, लेकिन कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिलने के कारण अब नियमों में ढील देते हुए नई टेंडर प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है।
चुनौतियां और भविष्य की योजनाएं
उत्तराखंड पर्यटन विकास निगम ने पहले इस परियोजना के लिए निविदाएं आमंत्रित की थीं, लेकिन कोई कंपनी आगे नहीं आई। अब नियमों में संशोधन के साथ नई टेंडर प्रक्रिया शुरू की जा रही है। NHLML ने ऑस्ट्रिया की बार्थाेलेट कंपनी के साथ तकनीकी परामर्श के लिए एमओयू किया है, जो रोपवे के डिजाइन और निर्माण में सहायता करेगी। इसके अलावा रानीबाग में मल्टी-लेवल कार पार्किंग और ज्योलीकोट में इको-टूरिज्म रिजॉर्ट भी बनाया जाएगा, जो क्षेत्र में पर्यटन को और बढ़ावा देगा। हालांकि, नैनीताल हाई कोर्ट ने पहले इस परियोजना को लेकर चिंता जताई थी, खासकर हनुमानगढ़ी में कमजोर चट्टानों के कारण। कोर्ट ने NHLML को मिट्टी का परीक्षण करने और पर्यावरणीय प्रभावों का आकलन करने का निर्देश दिया था। अब विशेषज्ञों की देखरेख में सर्वे पूरा हो चुका है, और परियोजना को गति देने के लिए सभी तकनीकी बाधाएं दूर की जा रही हैं।
कैंची धाम में ट्रैफिक जाम की समस्या
कैंची धाम, जो बाबा नीम करौली महाराज का विश्व प्रसिद्ध आश्रम है, हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। खासकर 15 जून को कैंची धाम स्थापना मेले के दौरान और गर्मियों में भवाली-अल्मोड़ा मार्ग पर भारी जाम लगता है। नेशनल हाईवे 109E पर बढ़ते वाहनों के दबाव ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए यात्रा को कठिन बना दिया है। हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैंची बाईपास मोटर मार्ग की घोषणा की थी, जिसके लिए 1214.71 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत हो चुकी है।


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