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Uncut Times News : उत्तराखंड के मोहन सिंह बिष्ट (mohan singh bisht) दिल्ली विधानसभा में डिप्टी स्पीकर बनेंगे। गुरुवार को भाजपा नेता रेखा गुप्ता ने दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ छह अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण की। विधानसभा में महत्वपूर्ण पदों के लिए विजेंद्र गुप्ता और मोहन सिंह बिष्ट के नाम सामने आए हैं। विजेंद्र गुप्ता को स्पीकर और मोहन सिंह बिष्ट को डिप्टी स्पीकर का पद दिया जाएगा।
पहाड़ के इस जिले में पैदा हुए मोहन सिंह बिष्ट
मोहन सिंह बिष्ट (mohan singh bisht) का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में हुआ। बिष्ट का पूरा परिवार 1970 के दशक में दिल्ली आ गया था। यहां वे भारतीय जनसंघ में शामिल हो गए। 1992 में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हिस्सा बने। मोहन सिंह बिष्ट छह बार के विधायक हैं। वे 1998 से दिल्ली में चुनाव जीत रहे हैं। करावल नगर सीट से सिर्फ एक बार उन्हें कपिल मिश्रा के हाथों हार मिली थी।
मोहन सिंह बिष्ट एक अनुभवी राजनेता हैं। उनकी पत्नी का नाम लक्ष्मी बिष्ट है और उनके दो बच्चे हैं। वह 2013 में भाजपा दिल्ली के उपाध्यक्ष बने थे। विजय गोयल के नेतृत्व में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका राजनीतिक कद दिल्ली में काफी बड़ा माना जाता है।
करावल नगर से मुस्तफाबाद तक का सफर
करावल नगर सीट से मोहन सिंह बिष्ट की राजनीतिक यात्रा लंबी रही है। 2015 को छोड़कर उन्होंने यहां से सभी चुनाव जीते। इस बार भाजपा ने कपिल मिश्रा को करावल नगर से टिकट दिया। कपिल मिश्रा वही नेता हैं जिन्होंने 2015 में आप के टिकट पर बिष्ट को हराया था। यह फैसला बिष्ट के लिए बड़ा झटका साबित हुआ। मोहन सिंह बिष्ट की राजनीतिक यात्रा रोचक रही है। करावल नगर से मुस्तफाबाद तक का सफर आसान नहीं था। पार्टी ने उनकी क्षमताओं पर भरोसा जताया। उनकी जीत ने भाजपा के फैसले को सही साबित किया। अब वह विधानसभा के डिप्टी स्पीकर की जिम्मेदारी संभालेंगे।
चुनाव से पहले हुआ था कुछ ऐसा
इस बार चुनाव से पहले भाजपा की दूसरी सूची में करावल नगर से अपना नाम न देखकर बिष्ट नाराज हो गए। उन्होंने इसे पार्टी की बड़ी गलती बताया। निर्दलीय चुनाव लड़ने की चेतावनी भी दी। 17 जनवरी से पहले नामांकन दाखिल करने की घोषणा की। इस स्थिति ने पार्टी के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी।
भाजपा आलाकमान बिष्ट की नाराजगी को गंभीरता से लिया। केंद्रीय नेतृत्व ने तुरंत कार्रवाई की। विशेष रूप से एक नाम की सूची जारी की गई। 12 जनवरी को तीसरी सूची में बिष्ट को मुस्तफाबाद से टिकट दिया गया। यह सीट मुस्लिम बहुल क्षेत्र है।
मुस्तफाबाद में 39.5 प्रतिशत मुस्लिम आबादी
बिष्ट ने मुस्तफाबाद में तुरंत चुनाव प्रचार शुरू किया। करावल नगर के पड़ोसी क्षेत्र होने का फायदा मिला। उनका चुनावी प्रभाव यहां भी मजबूत था। जब मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र बना था, तब वह करावल नगर के विधायक थे। लोगों ने उनकी जीत का जश्न मनाया था। मुस्तफाबाद में 39.5 प्रतिशत मुस्लिम आबादी निवास करती है। यहां आप और कांग्रेस के अलावा एआईएमआईएम भी मैदान में थी। ओवैसी की पार्टी ने ताहिर हुसैन को उम्मीदवार बनाया। 2020 के दंगों में यह क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ था।
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