Almora News : अल्मोड़ा के द्वाराहाट क्षेत्र में स्थित महा अवतार बाबा गुफा और पांडुखोली जल्द ही देश-विदेश के पर्यटकों के लिए एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभरेगा। यह क्षेत्र, जो द्वापर युग में पांडवों की अज्ञातवास स्थली और क्रिया योग की पवित्र भूमि के रूप में प्रसिद्ध है, अब प्रशासन की नई योजना के तहत विकसित किया जाएगा। 80 लाख रुपये की इस महत्वाकांक्षी योजना में ध्यान केंद्र, योग केंद्र, ईको ट्रैक, पार्क, और हट्स जैसी सुविधाओं का निर्माण शामिल है। इस परियोजना से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
पांडवों की अज्ञातवास स्थल रहा पांडुखोली
पांडुखोली, जिसे स्थानीय भाषा में पांडव खोली भी कहा जाता है, अल्मोड़ा के द्वाराहाट क्षेत्र में द्रोणांचल पर्वत (दूनागिरी) पर स्थित एक प्राकृतिक गुफा है। कुमाऊंनी भाषा में “खोली” का अर्थ प्रवेश द्वार होता है, और इस तरह पांडुखोली का अर्थ है पांडवों के निवास का प्रवेश द्वार। हिंदू धार्मिक ग्रंथों और स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, द्वापर युग में पांचों पांडवों ने अपने अज्ञातवास का अंतिम समय इसी गुफा में बिताया था। यह गुफा न केवल धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखती है, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य से भी भरपूर है।
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द्वाराहाट सांस्कृतिक और धार्मिक समृद्धि का केंद्र
द्वाराहाट क्षेत्र अपनी सांस्कृतिक, धार्मिक, और प्राकृतिक समृद्धि के लिए जाना जाता है। द्रोणांचल पर्वत (दूनागिरी) का उल्लेख हिंदू धर्म ग्रंथों में भी मिलता है। यह क्षेत्र प्राचीन मंदिरों, प्राकृतिक सौंदर्य, और ऐतिहासिक स्थलों से भरा हुआ है। पांडुखोली को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने से द्वाराहाट का महत्व और बढ़ेगा, और यह क्षेत्र उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन गंतव्यों में शामिल हो जाएगा।
महा अवतार बाबा और क्रिया योग का महत्व
पांडुखोली केवल पांडवों की गुफा के रूप में ही नहीं, बल्कि महा अवतार बाबा की तपोस्थली के रूप में भी विश्व विख्यात है। ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार, 1861 में महा अवतार बाबा ने इसी गुफा में श्यामा चरण लाहिड़ी (लाहिड़ी महाशय) को क्रिया योग की दीक्षा दी थी। क्रिया योग, जो आत्म-साक्षात्कार और आध्यात्मिक उन्नति का एक प्राचीन मार्ग है, आज भी विश्व भर में लाखों लोगों द्वारा अपनाया जाता है। महा अवतार बाबा को क्रिया योग के पुनर्जनन का श्रेय दिया जाता है, और उनकी इस गुफा को योगियों और आध्यात्मिक साधकों के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल माना जाता है।
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कैसे पहुंचे पांडुखोली
द्वाराहाट से लगभग 25 किलोमीटर दूर कुकुछीना गांव तक पक्की सड़क बनी हुई है।
वहां से लगभग 3 किलोमीटर की ट्रेकिंग करके पर्यटक इस आध्यात्मिक स्थल तक पहुंच सकते हैं।
रास्ता घने जंगलों और सुरम्य पहाड़ियों से होकर गुजरता है, जो प्रकृति प्रेमियों और एडवेंचर ट्रेकर्स को भी आकर्षित करेगा।
क्या-क्या सुविधाएं होंगी इस नए पर्यटन स्थल पर?
अल्मोड़ा प्रशासन ने महा अवतार बाबा गुफा और पांडुखोली क्षेत्र को एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 80 लाख रुपये की योजना तैयार की है। इस परियोजना का उद्देश्य पांडुखोली को एक आधुनिक पर्यटन स्थल बनाना है, जो धार्मिक, आध्यात्मिक, और साहसिक पर्यटन के लिए उपयुक्त हो। इस योजना के तहत कई सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
- ध्यान और योग केंद्र: आध्यात्मिक साधकों और पर्यटकों के लिए एक समर्पित ध्यान और योग केंद्र बनाया जाएगा, जहां क्रिया योग और अन्य योग प्रथाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- ईको ट्रैक: पर्यटकों के लिए पर्यावरण-अनुकूल पैदल मार्ग (ईको ट्रैक) विकसित किए जाएंगे, जो प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के साथ-साथ सुरक्षित और सुविधाजनक होंगे।
- हट्स और पार्क: पर्यटकों के ठहरने के लिए पारंपरिक और पर्यावरण-अनुकूल हट्स का निर्माण होगा। साथ ही, एक पार्क बनाया जाएगा, जो परिवारों और बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा।
- बुनियादी सुविधाएं: क्षेत्र में शुद्ध पेयजल, शौचालय, और बैठने की व्यवस्था जैसी बुनियादी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।
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पर्यटन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
पांडुखोली को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने से न केवल क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संरक्षित किया जाएगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
- पर्यटकों की संख्या में वृद्धि: ध्यान, योग, और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पांडुखोली देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करेगा। खास तौर पर क्रिया योग के अनुयायी और आध्यात्मिक साधक इस स्थल की ओर आकर्षित होंगे।
- रोजगार सृजन: स्थानीय लोगों को गाइड, हट्स संचालक, परिवहन सेवाएं, और स्थानीय उत्पादों की बिक्री जैसे क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मिलेंगे। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
- सांस्कृतिक संरक्षण: पांडुखोली का विकास क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संरक्षित करने में मदद करेगा। यह स्थल उत्तराखंड की समृद्ध परंपराओं को विश्व मंच पर प्रदर्शित करेगा।
आध्यात्मिक पर्यटन की दिशा में एक और कदम
महा अवतार बाबा गुफा और पांडुखोली का विकास अल्मोड़ा और उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। 80 लाख रुपये की इस योजना से न केवल इस क्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया जाएगा, बल्कि यह देश-विदेश के पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण बनेगा।उत्तराखंड, जिसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है, पहले से ही बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, और ऋषिकेश जैसे पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। पांडुखोली जैसे नए स्थलों का विकास न केवल पर्यटकों को विविध विकल्प प्रदान करेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा। खास तौर पर, आध्यात्मिक पर्यटन और पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन की बढ़ती मांग को देखते हुए, पांडुखोली एक आदर्श गंतव्य बन सकता है।


शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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