एंबुलेंस में बैठकर झांसा : केदारनाथ यात्रा में ट्रैफिक से बचने को ऐसी हरकत!

एंबुलेंस के नाम पर धोखा! केदारनाथ यात्रा में ट्रैफिक से बचने को ऐसी हरकत!

सोनप्रयाग/रुद्रप्रयाग (सुभाष भट्ट) : केदारनाथ यात्रा में रोजाना लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिसके चलते भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति रहती है। इससे बचने के लिए कुछ यात्रियों ने चालाकी की। उन्होंने VVIP एम्बुलेंस किराए पर लेकर केदारनाथ तक बिना रुके पहुंचने की योजना बनाई। हालांकि, सोनप्रयाग पुलिस ने यह चालाकी पकड़ ली और दोनों एम्बुलेंस को सीज कर दिया।

क्या है पूरा मामला?

केदारनाथ यात्रा में भारी भीड़ और लंबा ट्रैफिक जाम आम बात है। हरिद्वार से लेकर गुप्तकाशी तक की सड़कों पर घंटों का जाम लगता है। इसी जाम से बचने और जल्दी गौरीकुंड पहुंचने के लिए कुछ यात्रियों ने दो एंबुलेंस बुक कीं। इन एम्बुलेंस में मरीजों की बजाय सामान्य यात्री सवार थे, जो ट्रैफिक जाम से बचने और जल्दी केदारनाथ पहुंचने के लिए इस तरकीब का इस्तेमाल कर रहे थे। उन्होंने सोचा कि एम्बुलेंस को कोई नहीं रोकेगा, और इसी का फायदा उठाकर वे आराम से यात्रा कर सकेंगे। लेकिन सोनप्रयाग पुलिस की सतर्कता ने उनका प्लान फेल कर दिया।

केदारनाथ यात्रा में एम्बुलेंस का दुरुपयोग

14 जून 2025 को सोनप्रयाग के पास एक्रो ब्रिज पर तैनात पुलिस को दो एम्बुलेंस तेजी से हूटर बजाते हुए गौरीकुंड की ओर जाते दिखीं। सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक का 2 किलोमीटर का रास्ता आमतौर पर पैदल या शटल वैन से तय किया जाता है। इसके बाद 16 किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा शुरू होती है। यात्रियों ने एयर-कंडीशनर युक्त VVIP एम्बुलेंस किराए पर लेकर इस रास्ते को आसान बनाने की कोशिश की। हरिद्वार से सोनप्रयाग तक (लगभग 234 किमी) का सफर इन्होंने 4 घंटे से भी कम समय में तय किया, क्योंकि एम्बुलेंस को रास्ते में कोई रोकता नहीं।

पुलिस को कैसे हुआ शक?

सोनप्रयाग पुलिसकर्मियों को यह संदेह हुआ कि न तो गौरीकुंड से और न ही केदारनाथ से कोई इमरजेंसी सूचना प्राप्त हुई है। जबकि आमतौर पर अगर कोई श्रद्धालु बीमार या घायल होता है, तो तुरंत पुलिस को जानकारी दी जाती है। जब पुलिस ने एंबुलेंस को रोका और गेट खोले, तो अंदर बैठे एसी में सफर करते यात्री देख कर पुलिस भी हैरान रह गई। कोई मरीज नहीं था, बल्कि ये लोग साधारण यात्री थे जो धोखे से एंबुलेंस के जरिए यात्रा कर रहे थे।

कानूनी कार्रवाई और एंबुलेंस सीज

एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाओं का दुरुपयोग न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह उन लोगों के लिए खतरा बन सकता है, जिन्हें वास्तव में चिकित्सा सहायता की जरूरत होती है। पुलिस ने दोनों एंबुलेंस RJ14 PF 2013 (राजस्थान) और UK08 PA 1684 (हरिद्वार) को सीज कर दिया। चालकों निखिल विल्सन मसीह (हरिद्वार) और कृष्ण कुमार (अमरोहा) के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्यवाही करते हुए चालान भी किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने यात्रा व्यवस्था और सुरक्षा के लिए अधिक सतर्कता बरतने का निर्णय लिया है।

घटना के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा

इस घटना ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं। X पर यूजर्स ने इसे ‘भारत का जुगाड़’ कहकर मजाक उड़ाया, लेकिन कई लोगों ने इसकी निंदा भी की। यात्रियों के इस गैर-जिम्मेदार रवैये की आलोचना हो रही है। लोग पूछ रहे हैं कि अगर इस तरह से एंबुलेंस का दुरुपयोग होने लगे, तो असली मरीजों के लिए समय पर पहुंचना मुश्किल हो जाएगा। एक यूजर ने लिखा, “केदारनाथ जैसे पवित्र स्थान की यात्रा में इस तरह की चालाकी शर्मनाक है। एम्बुलेंस का दुरुपयोग गलत है।” दूसरे यूजर ने लिखा, “सोनप्रयाग पुलिस को बधाई कि उन्होंने इस धोखे को पकड़ा। ऐसी हरकतों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”

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