गाजियाबाद में मनाया कैंची धाम का स्थापना दिवस

गाजियाबाद : बाबा नीब करौरी महाराज की पावन तपोस्थली कैंची धाम के 61वें स्थापना दिवस का भव्य आयोजन रविवार को इंदिरापुरम, गाजियाबाद में भी संपन्न हुआ। यह मंदिर, जो इंदिरापुरम में गुरुद्वारे के समीप स्थित है, बाबा नीब करौरी महाराज की दिव्य उपस्थिति का केंद्र है।

इंदिरापुरम में भव्य आयोजन

इंदिरापुरम के बालाजी मंदिर में आयोजित इस समारोह में बाबा नीब करौरी महाराज की मूर्ति के समक्ष भक्तों ने भजन-कीर्तन, हवन, और प्रसाद वितरण के माध्यम से अपनी श्रद्धा अर्पित की। मंदिर को फूलों और रंगों से सजाया गया था, और वातावरण बाबा की अलौकिक ऊर्जा से भरा था। आयोजन समिति से जुड़े धीरेंद्र बेलवाल और हीरा डांगी ने बताया, “बाबा नीब करौरी महाराज की कृपा और सभी भक्तजनों के तन-मन-धन से किए गए सहयोग के बिना यह आयोजन संभव नहीं था। हम सभी श्रद्धालुओं, सेवकों, आयोजकों, और सहभागी महानुभावों का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।” समारोह में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया, जो कैंची धाम की परंपरा का एक अभिन्न हिस्सा है।

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भक्तों में उत्साह और श्रद्धा

इंदिरापुरम के इस आयोजन में सैकड़ों भक्तों ने हिस्सा लिया। धीरेंद्र बेलवाल और हीरा डांगी ने आयोजन की सफलता के लिए सभी सहयोगियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भक्तों का उत्साह और सहयोग इस समारोह को ऐतिहासिक बनाने में महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने यह भी आह्वान किया कि भक्त बाबा की शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाएं और जरूरतमंदों की सेवा करें, जैसा कि बाबा ने सिखाया था।

हनुमान अवतार माने जाते हैं बाबा नीब करौरी

बाबा नीब करौरी महाराज को उनके भक्त हनुमान जी का अवतार मानते हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गांव में हुआ था। उन्होंने अपने जीवनकाल में कई आश्रमों की स्थापना की, जिनमें कैंची धाम सबसे प्रमुख है। बाबा की चमत्कारिक लीलाएं, जैसे नदी के जल को घी में बदलना और भक्तों को संकट से उबारना, आज भी भक्तों के बीच चर्चा का विषय हैं। कैंची धाम में 15 जून 1964 को हनुमान जी की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ आश्रम की स्थापना हुई थी। इसके बाद से हर साल इस तिथि को भव्य भंडारे और मेले का आयोजन किया जाता है। बाबा के भक्तों में आम लोगों से लेकर स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग, और विराट कोहली जैसी हस्तियां शामिल हैं।

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कैंची धाम की वैश्विक ख्याति

कैंची धाम की ख्याति आज विश्व भर में फैली हुई है। यह आश्रम न केवल आध्यात्मिक शांति का केंद्र है, बल्कि एक पर्यटन स्थल के रूप में भी उभर रहा है। बाबा के आश्रम में हनुमान जी, राम-सीता, शिव-पार्वती, और वैष्णवी देवी के मंदिर भी हैं, जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। बाबा की समाधि 1973 में वृंदावन में हुई, लेकिन उनकी अस्थियां कैंची धाम में स्थापित हैं।

कैंची धाम स्थापना दिवस का महत्व

कैंची धाम, उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित एक विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल है, जिसकी स्थापना 15 जून 1964 को बाबा नीब करौरी महाराज ने अपने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिलकर की थी। हर साल 15 जून को इस पावन धाम का स्थापना दिवस देश-विदेश में भक्तों द्वारा उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष, इंदिरापुरम के बालाजी मंदिर में आयोजित समारोह ने स्थानीय भक्तों को बाबा की कृपा के करीब लाने का कार्य किया। बाबा नीब करौरी महाराज, जिनका वास्तविक नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था, एक सिद्ध संत थे, जिन्हें उनकी चमत्कारिक लीलाओं और भक्तों के प्रति असीम प्रेम के लिए जाना जाता है। उनकी शिक्षाएं और आशीर्वाद आज भी लाखों लोगों के जीवन को प्रेरित करते हैं।

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