पिथौरागढ़, उत्तराखंड। भारत-चीन सीमा के समीप बसे उत्तराखंड के सीमांत गांव गूंजी ने आजादी के बाद इतिहास रच दिया है। व्यास घाटी के इस सामरिक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण गांव ने पहली बार किसी को निर्विरोध ग्राम प्रधान चुना है, और वह भी कोई आम महिला नहीं, बल्कि पूर्व आईपीएस अधिकारी विमला गुंज्याल हैं। 35 वर्षों तक उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस सेवा में योगदान देने वाली विमला अब अपने पैतृक गांव की सेवा के लिए मैदान में उतरी हैं।
सीमांत गांव की सरपंच बनीं पूर्व आईपीएस
आईजी विजिलेंस पद से 2025 में सेवानिवृत्त हुईं विमला गुंज्याल को 2019 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था। सेवा निवृत्ति के बाद वे गूंजी गांव लौटीं और स्थानीय ग्रामीणों के आग्रह पर उन्होंने ग्राम प्रधान पद के लिए नामांकन दाखिल किया। गांववालों ने आपसी सहमति से यह निर्णय लिया कि उनके खिलाफ कोई प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ेगा। शनिवार को नामांकन की अंतिम तिथि तक किसी और ने पर्चा दाखिल नहीं किया, जिसके चलते उन्हें निर्विरोध ग्राम प्रधान घोषित कर दिया गया।
सामाजिक सहमति का उदाहरण
गांव में पहले पांच अन्य ग्रामीणों ने प्रधान पद के लिए नामांकन पत्र खरीदे थे। लेकिन जैसे ही गुरुवार को विमला गुंज्याल धारचूला पहुंचीं, गूंजी मिलन केंद्र में एक व्यापक बैठक हुई। ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि कोई भी उनके खिलाफ नामांकन नहीं करेगा। निर्वाचन अधिकारी प्रमोद मिश्रा के अनुसार, “जब पांचों संभावित प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिया, तब विमला गुंज्याल को निर्विरोध ग्राम प्रधान घोषित किया गया।”
सेवानिवृत्ति के बाद लिया सेवा का संकल्प
ग्राम प्रधान चुने जाने के बाद मीडिया से बातचीत में विमला गुंज्याल ने कहा, “यह फैसला मेरे गांववासियों का है। अब मैं गूंजी की स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और संसाधनों के प्रबंधन पर योजनाबद्ध तरीके से काम करूंगी।” उनके इस निर्णय से ग्रामीणों में उत्साह है। पूर्व प्रधान सुरेश गुंज्याल, सरपंच लक्ष्मी गुंज्याल और कई अन्य लोगों ने इसे “गर्व का क्षण” बताया।
क्या करता है पूरा परिवार
विमला गुंज्याल के पति अशोक गुंज्याल खादी ग्रामोद्योग आयोग से डिप्टी डायरेक्टर पद से रिटायर हुए हैं। उनकी एक बेटी अर्पिता गुंज्याल वकील, दूसरी बेटी इंजीनियरिंग ग्रेजुएट और उद्यमी, जबकि पुत्र शिवांग गुंज्याल डॉक्टर हैं। यानी पूरा परिवार विविध क्षेत्रों में सक्रिय है।
गूंजी गांव और ‘वाइब्रेंट विलेज’ योजना
गूंजी गांव को केंद्र सरकार की ‘वाइब्रेंट विलेज योजना’ में शामिल किया गया है, जिसका उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों को विकसित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।इस योजना के तहत बुनियादी ढांचे, सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में एक अनुभवी, ईमानदार और प्रशासनिक दक्षता वाली पूर्व अधिकारी का ग्राम नेतृत्व संभालना गांव के लिए एक मिसाल हो सकती है।


मनीषा हिंदी पत्रकारिेता में 20 वर्षों का गहन अनुभव रखती हैं। हिंदी पत्रकारिेता के विभिन्न संस्थानों के लिए काम करने का अनुभव। खेल, इंटरटेनमेंट और सेलीब्रिटी न्यूज पर गहरी पकड़। Uncut Times के साथ सफर आगे बढ़ा रही हैं। इनसे manisha.media@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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