India in startup ecosystem : वेंचर कैपिटल फंडिंग 43% बढ़ी

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India in startup ecosystem : 2024 भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक ऐतिहासिक साल रहा है। वेंचर कैपिटल (VC) फंडिंग में जबरदस्त उछाल, यूनिकॉर्न की बढ़ती संख्या और सरकारी सहयोग ने भारत को वैश्विक स्टार्टअप हब के रूप में स्थापित कर दिया है। ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म बेन एंड कंपनी की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल भारत में वेंचर कैपिटल फंडिंग में 43% की जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

क्या कहती है रिपोर्ट?

बेन एंड कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में कुल 1,270 डील्स हुईं, जो 2023 के मुकाबले 45% ज्यादा हैं। कुल निवेश का आंकड़ा 13.7 अरब डॉलर (करीब 1.14 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच गया, जो भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की ताकत और निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है। यह बढ़त न केवल भारत को एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में वेंचर कैपिटल फंडिंग के मामले में दूसरे स्थान पर ले आई है, बल्कि यह भी साबित करती है कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम ने कोविड-19 के प्रभाव से पूरी तरह उबरते हुए मजबूती से वापसी की है।

  • छोटी और मध्यम डील्स (50 मिलियन डॉलर से कम) में 1.4 गुना वृद्धि हुई।
  • बड़ी डील्स (50 मिलियन डॉलर से ज्यादा) की संख्या दोगुनी हो गई, जो कोविड-पूर्व स्तर पर लौट आई।
  • मेगा डील्स (100 मिलियन डॉलर से ज्यादा) में 1.6 गुना बढ़ोतरी हुई।

2024 के टॉप-10 फंडिंग स्टार्टअप्स

रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में सबसे ज्यादा फंडिंग पाने वाले टॉप-10 स्टार्टअप्स ने कुल VC फंडिंग का 25% हिस्सा हासिल किया। इनमें से 9 स्टार्टअप्स कंज्यूमर-फोकस्ड थे।

रैंक स्टार्टअप सेक्टर फंडिंग (मिलियन डॉलर)
1 Zepto क्विक कॉमर्स 1,400
2 Meesho ई-कॉमर्स 275
3 Lenskart आईवियर 200
4 Ola Electric EV 450
5 PharmEasy हेल्थकेयर 400
6 Dream11 गेमिंग 600
7 Razorpay फिनटेक 350
8 Paytm फिनटेक 400
9 Swiggy फूड डिलीवरी 300
10 Groww इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म 250

विशेषज्ञों की राय

2025 तक भारत में वेंचर कैपिटल फंडिंग के 20 अरब डॉलर (करीब 1.66 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंचने की संभावना है। क्लाइमेट टेक, डीपटेक और हेल्थटेक जैसे क्षेत्रों में नए यूनिकॉर्न्स के उभरने की संभावना है। सरकार की ओर से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को मजबूत करने के लिए नए सुधारों की योजना है। बेन एंड कंपनी के भारत प्रमुख राजेश पांडे ने कहा, “भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम अब वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। AI, फिनटेक और क्लाइमेट टेक में निवेशकों का भरोसा भारत के आर्थिक भविष्य को मजबूत कर रहा है।” इसी तरह Sequoia Capital की इन्वेस्टमेंट हेड आरती शर्मा ने कहा:
“भारत के स्टार्टअप्स का परिपक्व होना, फंडिंग में वृद्धि और तेजी से वैश्विक विस्तार, भारत को टेक्नोलॉजी लीडर के रूप में स्थापित कर रहे हैं।” 

कौन-से सेक्टर रहे चर्चा में?

कंज्यूमर टेक्नोलॉजी

  • इस सेक्टर ने सबसे ज्यादा 5.4 अरब डॉलर की फंडिंग हासिल की, जो 2023 के मुकाबले दोगुनी है।
  • Zepto ने 1.4 अरब डॉलर की बड़ी फंडिंग जुटाई।
  • Meesho ने 275 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की।
  • Lenskart ने 200 मिलियन डॉलर का निवेश हासिल किया।

जेनरेटिव AI

  • इस सेक्टर में फंडिंग 1.2 गुना बढ़कर 1.7 अरब डॉलर हो गई।
  • OpenAI के साथ पार्टनरशिप करने वाले स्टार्टअप्स को अधिक निवेश मिला।
  • AI चैटबॉट, इमेज जनरेशन और डाटा एनालिटिक्स कंपनियों में निवेश बढ़ा।

BFSI (बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस)

  • इस सेक्टर में निवेश 3.5 गुना बढ़ा।
  • एफलोर्डेबल हाउसिंग फाइनेंस और ग्रीन फाइनेंसिंग प्रोजेक्ट्स को निवेशकों ने समर्थन दिया।
  • Paytm और BharatPe ने नए फंडिंग राउंड में बड़ी राशि जुटाई।

हेल्थटेक

  • हेल्थटेक सेक्टर में फंडिंग 2.2 गुना बढ़कर 2.5 अरब डॉलर हो गई।
  • टेलीमेडिसिन, ऑनलाइन फार्मेसी और हेल्थकेयर डेटा प्लेटफॉर्म्स में निवेश बढ़ा।
  • PharmEasy ने 400 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की।

क्लाइमेट टेक और ग्रीन एनर्जी

  • सस्टेनेबल एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और क्लाइमेट फ्रेंडली स्टार्टअप्स को भारी निवेश मिला।
  • OLA Electric ने 450 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की।
  • BluSmart ने 150 मिलियन डॉलर जुटाए।

पॉलिसी रिफॉर्म्स ने बढ़ाई रफ्तार

रिपोर्ट के अनुसार, सरकार द्वारा किए गए प्रमुख पॉलिसी सुधारों ने भी इस वृद्धि में अहम भूमिका निभाई:
एंजेल टैक्स को हटाया गया।
लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स दरों में कटौती।
NCLT प्रक्रिया को सरल बनाया गया।
फॉरेन वेंचर कैपिटल इन्वेस्टर (FVCI) रजिस्ट्रेशन को आसान बनाया गया।
स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम के तहत 5,000 करोड़ रुपये के नए फंड की घोषणा।

भारतीय स्टार्टअप्स की कुल एग्जिट वैल्यू (Exit Value):

2024 में भारतीय स्टार्टअप्स की एग्जिट वैल्यू (निवेशकों द्वारा निकासी) 6.8 अरब डॉलर तक पहुंच गई।

  • कुल निकासी में से 75% एग्जिट पब्लिक मार्केट्स (शेयर बाजार) के जरिए हुए।
  • IPO (Initial Public Offering) की संख्या में 7 गुना बढ़ोतरी हुई।

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