Uncut Times News / India bullet train project update : केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को गुजरात के अहमदाबाद रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्य का निरीक्षण किया और देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना की ताजा प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (MAHSR) परियोजना के तहत 360 किमी का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। साथ ही, महाराष्ट्र में भी अब इस परियोजना का काम तेज गति से आगे बढ़ रहा है।
आणंद हाई-स्पीड ट्रेन स्टेशन बनेगा
केंद्रीय रेल मंत्री ने समीक्षा की कि आणंद हाई-स्पीड ट्रेन स्टेशन का 70% कार्य पूरा हो चुका है। आणंद को भारत की मिल्क सिटी के रूप में जाना जाता है। इसकी बाहरी खासियत यह है कि स्टेशन की बाहरी और आंतरिक डिजाइन दूध की बूंदों की तरल प्रकृति, आकार और रंग पर आधारित है। स्टेशन की लंबाई 415 मीटर और ऊंचाई 25.6 मीटर है। तीन मंजिला इस स्टेशन का कुल क्षेत्रफल 44,073 वर्गमीटर है।
बुलेट ट्रेन परियोजना और ‘मेक इन इंडिया’
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देते हुए 100-100 मीटर लंबे स्टील स्पैन सफलतापूर्वक उतारे गए हैं। इस परियोजना के तहत 200 मीटर लंबा स्टील ब्रिज राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर नाडियाड के पास लॉन्च किया जाएगा। यह 14.3 मीटर चौड़ा और 14.6 मीटर ऊंचा होगा और इसका वजन 1500 मीट्रिक टन होगा। इसे उत्तर प्रदेश के हापुड़ में तैयार किया गया है।
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हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का निर्माण
मुंबई और अहमदाबाद के बीच हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है, जिससे यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा और क्षेत्रीय संपर्क और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना में कुल 28 स्टील ब्रिज बनाए जाने की योजना है, जिनमें 11 महाराष्ट्र में और 17 गुजरात में होंगे। अब तक गुजरात में 6 स्टील ब्रिज का निर्माण पूरा हो चुका है।
भारत में बुलेट ट्रेन परियोजना पर नजर
यह बुलेट ट्रेन 508 किलोमीटर लंबी होगी, जिसमें से 352 किलोमीटर हिस्सा गुजरात में और 156 किलोमीटर महाराष्ट्र में होगा। इस परियोजना के तहत 12 स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें मुंबई, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद/नडियाद, अहमदाबाद और साबरमती शामिल हैं।
समुद्र के नीचे बुलेट ट्रेन की सुरंग
बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत समुद्र के नीचे बनाई जा रही सुरंग का लगभग 2 किमी हिस्सा पूरा हो चुका है। यह भारत की पहली अंडरवाटर रेल सुरंग होगी, जो आधुनिक इंजीनियरिंग का बेहतरीन उदाहरण है।
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हाई-स्पीड ब्रिज निर्माण
परियोजना में शामिल हाई-स्पीड ब्रिज में टोर शियर टाइप हाई स्ट्रेंथ बोल्ट (TTHSB) का उपयोग किया गया है, जिसे 100 वर्षों के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस पर C-5 सिस्टम पेंटिंग की गई है, जो भारत में पहली बार उपयोग हो रही है।
तेजी से हो रहा निर्माण कार्य
केंद्रीय रेल मंत्री ने बताया कि बुलेट ट्रेन के कंस्ट्रक्शन और डिजाइन में कई चीजें यूनिक हैं। सिर्फ 16 घंटों में 40 मीटर लंबा पुल तैयार किया जा रहा है, जिससे काम की गति का अंदाजा लगाया जा सकता है। बुलेट ट्रेन परियोजना का पहला चरण मार्च 2025 तक पूरा करने की योजना है और इसके अगस्त 2025 तक पूरी तरह चालू होने की संभावना है। इस हाई-स्पीड ट्रेन के शुरू होने से भारत एक नए युग में प्रवेश करेगा और इसे वैश्विक स्तर पर हाई-स्पीड रेल नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण स्थान मिलेगा।
बुलेट ट्रेन से रोजगार और आर्थिक विकास
यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधुनिक रेलवे नेटवर्क के विजन का हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट से अब तक एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है और इससे गुजरात और महाराष्ट्र में क्षेत्रीय संपर्क, आर्थिक विकास और रोजगार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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