How to link voter ID and Aadhar : भारत में फर्जी वोटिंग को रोकने और चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब वोटर आईडी (Voter ID) को आधार (Aadhaar) से लिंक करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, ठीक वैसे ही जैसे पैन कार्ड को आधार से लिंक किया गया था। इस पहल का मुख्य उद्देश्य डुप्लिकेट वोटर आईडी को हटाना, फर्जी मतदान पर रोक लगाना और मतदाता सूची (Voter List) को अपडेट और स्वच्छ बनाना है। इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए सरकार और तकनीकी विशेषज्ञों की टीम मिलकर काम कर रही है।
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 326 के मुताबिक मतदान का अधिकार केवल भारत के नागरिक को दिया जा सकता है, जबकि आधार केवल एक व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है। इसलिए, यह निर्णय लिया गया है कि वोटर फोटो पहचान पत्र (EPIC) को आधार से लिंक करना संविधान के अनुच्छेद 326, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट के फैसले (2023) के मुताबिक किया जाएगा।
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आधार और वोटर आईडी लिंक करने के फायदे
आधार और वोटर आईडी को जोड़ने के कई फायदे हैं:
✔️ मतदाता सूची से डुप्लीकेट एंट्री हटाई जा सकेगी।
✔️ फर्जी वोटिंग पर लगाम लगेगी।
✔️ चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी।
✔️ मतदाता की पहचान के लिए एक सशक्त और प्रमाणिक आधार तैयार होगा।
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वोटर आईडी को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी। चुनाव आयोग इस तकनीकी सुधार के जरिए फर्जी मतदाता पहचान, दोहरी वोटर आईडी और फर्जी वोटिंग जैसी समस्याओं को रोकने की कोशिश कर रहा है। यदि आप अपनी वोटर आईडी को आधार से लिंक करना चाहते हैं, तो आप ऑनलाइन, एसएमएस, ऑफलाइन या कॉल सेंटर के माध्यम से यह काम कर सकते हैं।
1. ऑनलाइन तरीका
- भारत निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- ‘आधार से EPIC लिंक करें’ विकल्प पर क्लिक करें।
- वोटर आईडी नंबर (EPIC नंबर) और आधार नंबर दर्ज करें।
- सत्यापन के बाद लिंकिंग पूरी हो जाएगी।
भारत निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट
2. एसएमएस के जरिए
- मोबाइल से एक एसएमएस बनाएं:
ECILINK<SPACE><EPIC नंबर><SPACE><आधार नंबर>
- इस एसएमएस को 166 या 51969 पर भेजें।
- सही जानकारी देने पर आपको कन्फर्मेशन मैसेज मिलेगा।
3. ऑफलाइन आवेदन
- अपने नजदीकी निर्वाचन कार्यालय जाएं।
- उपलब्ध फॉर्म में अपना आधार नंबर और वोटर आईडी नंबर भरें।
- सत्यापन के बाद आपका आधार और वोटर आईडी लिंक हो जाएगा।
4. कॉल सेंटर के माध्यम से
- भारत सरकार ने 1950 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
- इस नंबर पर कॉल करके आधार और वोटर आईडी को लिंक कर सकते हैं।
ध्यान रखने योग्य बातें:
- आधार और वोटर आईडी लिंक करना स्वैच्छिक है।
- आधार और वोटर आईडी में दर्ज जानकारी एक जैसी होनी चाहिए।
- जानकारी पूरी तरह सुरक्षित रखी जाएगी।
- लिंकिंग न करने से आपके मतदान के अधिकार पर असर नहीं पड़ेगा।
कुछ जरूरी सवाल और उनके जवाब (FAQ)
Q1. क्या लिंक न कराने पर वोट डालने का अधिकार प्रभावित होगा?
नहीं, लिंकिंग स्वैच्छिक है। मतदान के लिए वोटर आईडी अनिवार्य है।
Q2. आधार और वोटर आईडी लिंक करने की स्थिति कैसे चेक करें?
NVSP पोर्टल पर “लिंक स्टेटस” सेक्शन में पावती नंबर डालें।
Q3. आधार अपडेट कराने की प्रक्रिया क्या है?
UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर बायोमेट्रिक अपडेट कराएं।
कितने वोटरों का डेटा आधार से लिंक होगा?
चुनाव आयोग ने अब तक 66 करोड़ से अधिक वोटरों से आधार की जानकारी इकट्ठा कर ली है। इन वोटरों ने स्वेच्छा से अपनी जानकारी दी है। हालांकि, इन 66 करोड़ वोटरों के डेटाबेस को अभी तक आधिकारिक रूप से आधार से लिंक नहीं किया गया है।
इसका मतलब यह है कि आधार का इस्तेमाल करके वोटर लिस्ट से डुप्लीकेट नाम अभी तक नहीं हटाए गए हैं। अब चुनाव आयोग और UIDAI इस बात का विश्लेषण कर रहे हैं कि इन दोनों डेटाबेस को किस तरह से जोड़ा जाए।
इस प्रक्रिया के तहत जो मतदाता स्वेच्छा से आधार लिंक करना चाहते हैं, उन्हें इसके लिए नेशनल वोटर सर्विस पोर्टल (NVSP) का उपयोग करने की सुविधा दी गई है।
फॉर्म 6B में बदलाव होगा
फॉर्म 6B के माध्यम से मतदाता से आधार नंबर मांगा जाता है। वर्तमान में इसमें केवल दो विकल्प होते हैं:
- आधार नंबर देना
- यह घोषणा करना कि “मेरे पास आधार नंबर नहीं है।”
लेकिन अब इसमें बदलाव किया जाएगा। मतदाता को आधार की जानकारी न देने का विकल्प मिलेगा। अगर मतदाता आधार की जानकारी नहीं देना चाहता है, तो उसे यह कारण बताना होगा कि वह अपना 12 अंकों का पहचान नंबर क्यों नहीं दे रहा है। कानून मंत्रालय इस बदलाव को जल्द ही अधिसूचित कर सकता है।
आधार से वोटर आईडी कैसे जुड़ेगा?
चुनाव आयोग ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वोटर आईडी और आधार को कैसे लिंक किया जाएगा, लेकिन यह प्रक्रिया जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की निम्नलिखित धाराओं के तहत पूरी की जाएगी:
- धारा 23(4): चुनाव आयोग को यह अधिकार देता है कि वह मतदाता की पहचान के लिए आधार की जानकारी मांग सकता है।
- धारा 23(5): यदि कोई मतदाता स्वेच्छा से आधार की जानकारी देना चाहता है, तो चुनाव आयोग इसे स्वीकार कर सकता है।
- धारा 23(6): यदि कोई मतदाता आधार की जानकारी नहीं देना चाहता, तो उसे मतदाता सूची से बाहर नहीं किया जाएगा।
चुनाव आयोग के टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स और UIDAI के बीच इस संबंध में जल्द ही परामर्श शुरू होने की संभावना है।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम क्या है?
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 भारत में चुनावी प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाला मुख्य कानून है। इस अधिनियम के अनुसार, आधार नंबर की जानकारी देना स्वैच्छिक होगा। यदि कोई मतदाता आधार की जानकारी नहीं देना चाहता है, तो उसे इससे संबंधित कारण बताने का अधिकार होगा। आधार की जानकारी न देने से मतदाता सूची में नाम हटाने का कोई खतरा नहीं होगा। चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आधार और वोटर आईडी लिंकिंग पूरी तरह से स्वैच्छिक होगी।
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