High Cholesterol : गुड और बैड कोलेस्ट्रॉल में अंतर जान लीजिए

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High cholesterol : अगर आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ रहा है तो जरा सतर्क हो जाएं। डॉक्टरों के अनुसार,  कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना कई तरह की शारीरिक परेशानियां पैदा कर सकता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) के अनुसार, 20 वर्ष की उम्र से हर 4-6 साल में कोलेस्ट्रॉल की जांच कराना आवश्यक है। इसे आर्टिकल में हम how to control high cholesterol naturally at home के बारे में बात करेंगे।

गुड और बैड कोलेस्ट्रॉल क्या होता है?

कोलेस्ट्रॉल एक फैटी पदार्थ है, जिसे आपका लीवर बनाता है। यह शरीर के स्वस्थ कार्यों के लिए आवश्यक होता है, जैसे कि हार्मोन का उत्पादन, कोशिकाओं की संरचना और पाचन संबंधी प्रक्रियाएँ। हालांकि, यह कुछ खाद्य पदार्थों में भी पाया जाता है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, कोलेस्ट्रॉल मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं: गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) और बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL)। लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) का उच्च स्तर रक्त वाहिकाओं में प्लाक जमने का कारण बन सकता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

कोलेस्ट्रॉल कितना होना चाहिए?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, सामान्य कोलेस्ट्रॉल स्तर ये होना चाहिए:

  • कुल कोलेस्ट्रॉल: 200 mg/dL से कम
  • LDL कोलेस्ट्रॉल: 100 mg/dL से कम (आदर्श), 130 mg/dL तक (सहनशील स्तर)
  • HDL कोलेस्ट्रॉल: 40 mg/dL से अधिक (पुरुषों के लिए), 50 mg/dL से अधिक (महिलाओं के लिए)
  • ट्राइग्लिसराइड्स: 150 mg/dL से कम

American Heart Association की वेबसाइट  से जानकारी प्राप्त करें और National Institutes of Health (NIH) की वेबसाइट पर जाएं।

हाई कोलेस्ट्रॉल का क्या कारण है?

शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं:

  • असंतुलित आहार (फास्ट फूड, तली-भुनी चीजें)
  • शारीरिक गतिविधियों की कमी
  • मोटापा
  • धूम्रपान और शराब का सेवन
  • तनाव
  • अनुवांशिक कारण

हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण

  • त्वचा पर पीले धब्बे और गांठें: आंखों के नीचे, कोहनी और घुटनों के आस-पास दिखाई दे सकते हैं।
  • हाथ-पैरों में झुनझुनी और सुन्नपन: नसों में संकुचन और रक्त प्रवाह की कमी के कारण होता है।
  • पाचन तंत्र की समस्याएँ: हाई कोलेस्ट्रॉल से पित्ताशय में पथरी हो सकती है, जिससे पेट में दर्द हो सकता है।
  • सीने में दर्द और सांस लेने में कठिनाई: धमनियों में प्लाक जमा होने से रक्त प्रवाह बाधित होता है।
  • स्ट्रोक का खतरा: ब्लॉकेज के कारण मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है, जिससे स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।

कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय (how-to-control-high-cholesterol-naturally-at-home)

1. स्वस्थ आहार अपनाएं

  • फाइबर युक्त भोजन लें (जैसे जई, फल, सब्जियाँ और बीन्स)।
  • ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट से बचें।
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार लें (मछली, अखरोट, अलसी के बीज)।

Harvard Health पर और अधिक स्वस्थ आहार विकल्पों के बारे में पढ़ें।

2. व्यायाम करें

  • रोज़ाना कम से कम 30 मिनट शारीरिक गतिविधि करें।
  • योग और प्राणायाम से भी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है।

3. धूम्रपान और शराब से बचें

  • धूम्रपान छोड़ने से HDL कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।
  • अधिक शराब का सेवन हानिकारक हो सकता है।

4. तनाव कम करें

  • ध्यान, मेडिटेशन और संगीत सुनने से मानसिक शांति मिलती है।

5. चिकित्सकीय परामर्श लें

  • नियमित रूप से कोलेस्ट्रॉल की जाँच कराएँ।
  • डॉक्टर की सलाह अनुसार स्टेटिन जैसी दवाइयाँ लें।

कोलेस्ट्रॉल से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)

1. क्या चावल खाना कोलेस्ट्रॉल के लिए हानिकारक है?

सफेद चावल का अधिक सेवन ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकता है। ब्राउन राइस बेहतर विकल्प है।

2. क्या तनाव से कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है?

हां, तनाव हार्मोनल बदलावों के कारण कोलेस्ट्रॉल स्तर को प्रभावित कर सकता है।

3. क्या एवोकाडो में कोलेस्ट्रॉल होता है?

नहीं, एवोकाडो में अच्छा वसा (monounsaturated fat) होता है, जो कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है।

4. कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए सबसे अच्छे फल कौन से हैं?

  • सेब
  • संतरा
  • जामुन
  • अमरूद
  • अनार

5. क्या जैतून के तेल में कोलेस्ट्रॉल होता है?

नहीं, जैतून का तेल कोलेस्ट्रॉल मुक्त होता है और HDL कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करता है।

6. क्या शंख (Shrimp) खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है?

शंख में कोलेस्ट्रॉल अधिक होता है, लेकिन यह HDL कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने में मदद कर सकता है।

7. क्या कॉन्क्यू10 (CoQ10) सप्लिमेंट कोलेस्ट्रॉल कम कर सकता है?

कुछ रिसर्च के अनुसार Mayo Clinic के मुताबिक CoQ10 सप्लिमेंट LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकते हैं।

 

डिस्क्लेमर : यह लेख चिकित्सा रिपोर्ट्स और शोध अध्ययनों के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी केवल जागरूकता और ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।


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