देहरादून। उत्तराखंड की जड़ों से जुड़ी और पहाड़ की अस्मिता के लिए समर्पित हिमालय क्रांति पार्टी ने एक बार फिर राज्य की मौजूदा हालातों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पलायन, शिक्षा और स्वास्थ्य की बदहाली, जंगली जानवरों का आतंक, और खनन माफियाओं के कब्जे जैसी समस्याओं ने पहाड़ को खोखला कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष महेश उपाध्याय ‘रिष्टना’ ने उत्तराखंड के मूल निवासियों से एकजुट होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब पहाड़ की पीड़ा को आवाज़ दी जाए और मूल निवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ी जाए।
हिमालय क्रांति पार्टी ने बताया, कैसा हो पहाड़?
महेश उपाध्याय ने कहा, “हमारा पहाड़ स्वावलंबी, सुरक्षित और आत्मनिर्भर होना चाहिए।” पार्टी का मानना है कि आज के दौर में जहां गांव खाली हो रहे हैं, वहीं सरकारी योजनाएं केवल कागजों तक सीमित रह गई हैं। हिमालय क्रांति पार्टी का उद्देश्य है कि काबिल व्यक्ति को नेतृत्व में लाकर, पहाड़ की दशा को दिशा दी जाए। विज्ञप्ति में यह भी आरोप लगाया गया कि बाहरी लोगों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र देकर फायदा पहुँचाया जा रहा है, जबकि मूल निवासी अपने ही अधिकारों से वंचित हैं। गांवों में ना तो शिक्षा की व्यवस्था है, ना स्वास्थ्य सेवाएं और ना ही रोज़गार के अवसर। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केवल रेफर सेंटर बनकर रह गए हैं, जहां न डॉक्टर हैं, न दवाइयां।
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उत्तराखंड के पहाड़ों की प्रमुख समस्याएं
उत्तराखंड के2654; के पहाड़ी क्षेत्र कई गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं, जिन्हें हिमालय क्रांति पार्टी ने प्रमुखता से उठाया है:
पलायन और भूतिया गांव : पहाड़ी गांव सुविधाओं के अभाव में खाली हो रहे हैं। गांवों को “भूतिया गांव” घोषित किया जा रहा है क्योंकि मूल निवासी रोजगार, शिक्षा, और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मैदानी क्षेत्रों में पलायन कर रहे हैं।
शिक्षा और स्वास्थ्य की बदहाली : पहाड़ी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केवल रेफरल सेंटर बनकर रह गए हैं, जहां न डॉक्टर हैं न दवाएं। स्कूलों में शिक्षकों की कमी और बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।
जंगली जानवरों और बाघ-चीतों का आतंक : जंगली जानवरों, विशेष रूप से बाघ और चीतों, का आतंक बढ़ रहा है, जिससे किसानों और ग्रामीणों का जीवन खतरे में है। फसलों को नुकसान और मानव-पशु संघर्ष आम हो गया है।
खनन माफिया और भूमाफिया : खनन माफियाओं ने पहाड़ की प्राकृतिक संपदा को लूट लिया है। अवैध खनन और भूमाफियाओं का कब्जा बढ़ रहा है। बाहरी लोगों को स्थाई निवास प्रमाण पत्र देकर मूल निवासियों के अधिकारों को कमजोर किया जा रहा है।
साजिश और शराबखोरी : पार्टी का दावा है कि पहाड़ी युवाओं को शराबखोरी में धकेलकर उनकी प्रतिभा को नष्ट किया जा रहा है। यह एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है, जो चुनावों में और तेज हो जाती है।
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हिमालय क्रांति पार्टी का दृष्टिकोण
हिमालय क्रांति पार्टी का उद्देश्य काबिल नेतृत्व को बढ़ावा देना और पहाड़ के मूल निवासियों को उनके अधिकार दिलाना है। पार्टी का कहना है कि उत्तराखंड के गांवों को बचाने के लिए कार्यनीति की जरूरत है, न कि खोखली राजनीति। पार्टी पहाड़ को स्वर्ग समान बनाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने की योजना बना रही है:
- मूल निवासी अधिकार: स्थाई निवास प्रमाण पत्र की प्रक्रिया को सख्त करना और बाहरी लोगों को अनुचित लाभ देने पर रोक लगाना।
- रोजगार सृजन: स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवरों को बढ़ाना ताकि पलायन रोका जा सके।
- शिक्षा और स्वास्थ्य सुधार: स्कूलों और अस्पतालों में बुनियादी सुविधाएं और कर्मचारियों की नियुक्ति।
- पर्यावरण संरक्षण: खनन माफियाओं पर नकेल कसना और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण।
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पहाड़ को बचाने की अपील
हिमालय क्रांति पार्टी पलायन, शिक्षा, स्वास्थ्य, और खनन माफियाओं जैसी समस्याओं को हल करने के लिए पार्टी कार्यनीति पर जोर दे रही है। महेश उपाध्याय ने कहा कि “हमारी देवभूमि के गांव एक-एक कर उजड़ रहे हैं।” पलायन की रफ्तार तेज़ हो चुकी है। स्कूल खाली हैं, अस्पताल वीरान हैं और खेत बंजर होते जा रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि राज्य बनने के बाद क्या यही उत्तराखंडवासियों का सपना था? महेश उपाध्याय ने पहाड़ प्रेमियों से एकजुट होकर आंदोलन शुरू करने की अपील की है। उन्होंने कहा, “पहाड़ का अस्तित्व खतरे में है। हमें बड़े पूंजीपतियों और माफियाओं से लड़ना होगा। अब समय है कि हम जागें और अपने स्वर्ग समान पहाड़ को बचाएं।” उन्होंने लोगों के लिए संपर्क नंबर 9810442644 भी साझा किया है।


पंकज जोशी हिंदी पत्रकारिता का जाना पहचाना नाम हैं। बिजनेस, ऑटो, टेक और आर्थिक मामलों के जानकार है। लगभग 25 वर्षों से विभिन्न संस्थानों में सेवाएं दे चुके हें। विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें प्रकाशित। कई मीडिया शो और इंटरव्यू के जरिए दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुके हैं। UNCUT TIMES के वरिष्ठ सहयोगी के रूप में टीम का मार्गदर्शन कर रहे हैं। इनसे pankajjoshi@uncuttimes.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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