हल्द्वानी, उत्तराखंड : हल्द्वानी से कागगोदाम तक सुधार के बाद अब रानीबाग की ओर गुलाबघाटी मार्ग चौड़ा किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (THDC) ने इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए प्रारंभिक सर्वे पूरा कर लिया है। पहले चरण में टीएचडीसी की टीम ने पहाड़ी और नदी क्षेत्र का सर्वे किया है, और अब जल्द ही विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होगी। इस परियोजना का उद्देश्य गुलाबघाटी की संकरी सड़क को चौड़ा करना और पर्यटन सीजन में होने वाली यातायात की समस्याओं को कम करना है। इसके साथ ही, रानीबाग में प्रस्तावित अंडरपास की प्रक्रिया भी चर्चा में है, लेकिन कंसलटेंसी कंपनी के चयन में देरी के कारण यह काम अभी रुका हुआ है।
गुलाबघाटी चौड़ीकरण क्यों जरूरी?
गुलाबघाटी मार्ग हल्द्वानी से भीमताल और नैनीताल को जोड़ने वाला कुमाऊं का प्रमुख रास्ता है। यह मार्ग कुमाऊं मंडल के कई जिलों जैसे अल्मोड़ा, बागेश्वर, और पिथौरागढ़ के लिए भी महत्वपूर्ण है। हालांकि, इस मार्ग की संकरी सड़कें पर्यटन सीजन में भारी यातायात का दबाव नहीं झेल पातीं, जिसके कारण लंबे जाम और वाहनों की कतारें आम बात हैं। खासकर बरसात के मौसम में पहाड़ी से गिरने वाला मलबा सड़क पर आवाजाही को और मुश्किल बना देता है। स्थानीय निवासी संकेत पलड़िया ने बताया, “हर साल बारिश में गुलाबघाटी में मलबा गिरने से सड़क बंद हो जाती है। पर्यटकों और स्थानीय लोगों को घंटों जाम में फंसना पड़ता है। चौड़ीकरण से यह समस्या काफी हद तक कम हो सकती है।” गुलाबघाटी के चौड़ीकरण से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि सड़क सुरक्षा में भी सुधार होगा।
टीएचडीसी का सर्वे और डीपीआर की प्रक्रिया
राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) विभाग ने गुलाबघाटी के चौड़ीकरण के लिए टीएचडीसी को सर्वे का जिम्मा सौंपा है। टीएचडीसी की टीम ने दो बार गुलाबघाटी का दौरा किया और जियोलॉजिकल और टोपोग्राफिकल सर्वे पूरा कर लिया है। अब जियोफिजिकल सर्वे की प्रक्रिया चल रही है, जिसके बाद सड़क का डिजाइन तैयार किया जाएगा। प्रवीण कुमार, अधिशासी अभियंता, एनएच हल्द्वानी, ने बताया, “टीएचडीसी की टीम ने जियोलॉजी और टोपोग्राफिकल सर्वे कर लिया है। जियोफिजिकल सर्वे के बाद डिजाइन तैयार होगा, और उम्मीद है कि 15 जुलाई तक डीपीआर तैयार हो जाएगी।”
पहाड़ काटने की बजाय नदी के ऊपर चौड़ा करेंगे
विभाग की योजना नदी की ओर से सड़क का चौड़ीकरण करने की है ताकि वन भूमि के अधिग्रहण से बचा जा सके। वन भूमि से संबंधित मंजूरी में देरी और पर्यावरणीय नियमों के कारण परियोजनाएं अक्सर अटक जाती हैं। नदी की ओर चौड़ीकरण से यह समस्या कम हो सकती है, लेकिन इसके लिए नदी के कटाव और पर्यावरणीय प्रभावों का भी अध्ययन किया जा रहा है।
“गुलाबघाटी में सड़क चौड़ीकरण के लिए टीएचडीसी की टीम दो बार सर्वे कर चुकी है। जियोफिजिकल सर्वे के बाद डिजाइन तैयार होगा, और 15 जुलाई तक डीपीआर उपलब्ध हो जाएगी।” – प्रवीण कुमार, अधिशासी अभियंता, एनएच हल्द्वानी
रानीबाग अंडरपास : कंसलटेंसी चयन में देरी
गुलाबघाटी के साथ-साथ रानीबाग में प्रस्तावित अंडरपास भी यातायात की समस्या को हल करने के लिए महत्वपूर्ण है। रानीबाग में अक्सर लगने वाले जाम से निजात पाने के लिए NH विभाग ने अंडरपास बनाने का प्रस्ताव तैयार किया था। हालांकि, इस परियोजना में भी देरी हो रही है। अंडरपास के लिए कंसलटेंसी कंपनी का चयन अभी तक नहीं हो पाया है।
NH विभाग ने कंसलटेंसी कंपनी के चयन के लिए दो बार टेंडर आमंत्रित किए, लेकिन केवल एक टेंडर प्राप्त हुआ, जिसे मंजूरी के लिए क्षेत्रीय कार्यालय भेजा गया। लंबे समय से इस पर कोई फैसला नहीं हो सका है। बिना कंसलटेंसी कंपनी के चयन के सर्वे और डीपीआर की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकती। इसके चलते इस बरसात में भी गुलाबघाटी और रानीबाग में मलबे और जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ सकता है।
यातायात की समस्याएं: भीमताल और नैनीताल मार्ग पर जाम
हाल ही में शुक्रवार को काठगोदाम से रानीबाग तक वाहनों की लंबी कतार देखी गई। खासकर भीमताल रोड पर अमृतपुर तक और नैनीताल मार्ग पर वाहनों की लंबी लाइन लग गई। पुलिस ने एक तरफा यातायात व्यवस्था लागू की, लेकिन इससे भीमताल रोड पर यातायात का दबाव बढ़ गया। पुलिस कर्मी यातायात को सुचारू करने में जुटे रहे, लेकिन पर्यटकों और स्थानीय लोगों को घंटों जाम में फंसना पड़ा। स्थानीय व्यापारी आकाश महर ने कहा, “पर्यटन सीजन में गुलाबघाटी और रानीबाग में जाम की स्थिति असहनीय हो जाती है। सड़क चौड़ीकरण और अंडरपास जल्द बनने चाहिए ताकि हमें राहत मिले।” पुलिस प्रशासन ने यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती की है, लेकिन बुनियादी ढांचे की कमी के कारण यह समस्या बार-बार सामने आती है।
चुनौतियां और भविष्य की योजनाएं
गुलाबघाटी सड़क चौड़ीकरण और रानीबाग अंडरपास का निर्माण से नैनीताल और भीमताल जैसे पर्यटन स्थलों पर आने वाले लाखों पर्यटकों को जाम और मलबे की समस्या से राहत मिलेगी। गुलाबघाटी सड़क चौड़ीकरण और रानीबाग अंडरपास परियोजनाओं के सामने कई चुनौतियां हैं। नदी की ओर चौड़ीकरण के लिए नदी कटाव और पर्यावरणीय प्रभावों का अध्ययन जरूरी है। NH विभाग ने आश्वासन दिया है कि गुलाबघाटी चौड़ीकरण और रानीबाग अंडरपास की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। डीपीआर तैयार होने के बाद बजट आवंटन और निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।


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