working hours debate
Effects of Long Working Hours on Health : सप्ताह में कितने घंटे काम करने चाहिए, इस पर देश में काफी समय से बहस हो रही है। अधिक काम करने से उत्पादकता बढ़ेगी या यह केवल कर्मचारियों का शोषण होगा? इस मुद्दे पर विशेषज्ञों और उद्योगपतियों की राय बंटी हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक और स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाहकार डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि अत्यधिक काम करने से थकावट (बर्नआउट) और मानसिक तनाव हो सकता है। उनका मानना है कि व्यक्ति की कार्यक्षमता सीमित होती है, और संतुलित जीवनशैली बनाए रखना आवश्यक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक और स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाहकार डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, ‘शरीर को नींद और मानसिक ब्रेक की जरूरत होती है। अधिक घंटे काम करने से उत्पादकता नहीं बढ़ती, बल्कि घट सकती है।’ शोध भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि 55 घंटे से अधिक काम करने पर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। लंबे कार्य घंटों के स्वास्थ्य प्रभाव पर WHO रिपोर्ट – World Health Organization (WHO) यहां पढ़ सकते हैं।
हाल ही में लार्सन एंड टुब्रो के चेयरमैन एस. एन. सुब्रह्मण्यन और इन्फोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने 70-90 घंटे की कार्य संस्कृति को समर्थन दिया। नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने भी कहा कि भारत को आर्थिक रूप से मजबूत बनने के लिए अधिक कार्य करना होगा। टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने भी कहा था कि “यदि आप दुनिया को बदलना चाहते हैं, तो आपको हफ्ते में 80-100 घंटे काम करने के लिए तैयार रहना होगा।” माइक्रोसॉफ्ट जापान की 4-दिवसीय कार्य सप्ताह नीति – Microsoft Official Blog यहां पढ़ सकते हैं।
हालांकि, केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह कार्य घंटे बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं ला रही है। संसद में श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि वर्तमान श्रम कानूनों के तहत निर्धारित कार्य घंटे बरकरार रहेंगे। सरकार संतुलित कार्य संस्कृति के महत्व को स्वीकार करती है और कर्मचारियों की मानसिक और शारीरिक भलाई को प्राथमिकता देती है। भारतीय श्रम कानूनों पर अधिक जानकारी – Ministry of Labour & Employment, India यहां पढ़ सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि गुणवत्ता और दक्षता अधिक महत्वपूर्ण हैं बजाय केवल कार्य घंटे बढ़ाने के। माइक्रोसॉफ्ट जापान ने 4-दिवसीय कार्य सप्ताह की नीति अपनाकर उत्पादकता में 40% वृद्धि देखी। अत्यधिक कार्य करने का विचार हर किसी के लिए सही नहीं हो सकता। सही संतुलन बनाना महत्वपूर्ण है ताकि व्यक्ति अपनी उत्पादकता बनाए रख सके और स्वस्थ जीवन जी सके। वर्क-लाइफ बैलेंस और उत्पादकता पर शोध – Harvard Business Review यहां पढ़ सकते हैं।
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