नई दिल्ली (सुभाष भट्ट) : भारत सरकार ने साइबर ठगी के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब यदि कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार होता है, तो उसे थाने के चक्कर नहीं लगाने होंगे। बस साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करना होगा और उसी कॉल के आधार पर FIR दर्ज हो जाएगी, जिसे ‘e-Zero FIR’ नाम दिया गया है। इसमें गोल्डन आवर (ठगी के तुरंत बाद का महत्वपूर्ण समय) में ही पीड़ित के पैसे बैंक में फ्रीज कर दिए जाएंगे, जिससे ठगों के पास उन्हें निकालने का समय ही नहीं बचेगा।
क्या है e-Zero FIR सिस्टम?
e-Zero FIR एक ऐसी डिजिटल पुलिसिंग प्रणाली है, जिसमें साइबर अपराध की रिपोर्टिंग को तेज, पारदर्शी और असरदार बनाया गया है।
एक कॉल = FIR: अब 1930 नंबर पर कॉल करने से ही आपकी शिकायत FIR मानी जाएगी।
गोल्डन आवर में कार्रवाई: ठगी के बाद यदि पहले कुछ घंटों में सूचना दी जाए, तो पैसा फ्रीज किया जा सकता है।
ऑनलाइन रिपोर्टिंग: National Cybercrime Reporting Portal (NCRP) पर दर्ज की गई शिकायत भी e-Zero FIR मानी जाएगी।
पायलट प्रोजेक्ट: फिलहाल यह सुविधा दिल्ली में शुरू की गई है, और यह 10 लाख रुपये से अधिक की ठगी के मामलों पर लागू है।
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कैसे काम करती है यह नई प्रणाली?
- पीड़ित व्यक्ति 1930 पर कॉल करता है या NCRP पोर्टल पर शिकायत दर्ज करता है।
- यह शिकायत स्वतः दिल्ली के e-Crime पुलिस स्टेशन में FIR के रूप में दर्ज हो जाती है।
- संबंधित बैंक को रियल-टाइम में अलर्ट भेजा जाता है और ठगी की राशि को तुरंत फ्रीज कर दिया जाता है।
- बाद में मामला संबंधित राज्य या जिले के क्षेत्राधिकार वाले पुलिस स्टेशन को ट्रांसफर कर दिया जाता है।
पुरानी और नई प्रक्रिया में अंतर
प्रक्रिया | पुरानी व्यवस्था | नई e-Zero FIR व्यवस्था |
---|---|---|
शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया | 1930 पर कॉल, फिर FIR के लिए थाने जाना | 1930 कॉल = FIR दर्ज |
पुलिस स्टेशन जाना जरूरी | हां | नहीं |
कार्रवाई की गति | धीमी | त्वरित |
पैसे फ्रीज होने में देरी | हां | तुरंत |
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क्यों जरूरी e-Zero FIR व्यवस्था?
साइबर क्राइम सेल के आंकड़ों के अनुसार:
- हर दिन लगभग 5,000 साइबर ठगी के मामले देश में दर्ज होते हैं।
- इनमें से 72% मामलों में पीड़ितों को अपना पैसा वापस नहीं मिल पाता।
- मुख्य कारण होता है – FIR प्रक्रिया में देरी, जिससे ठग पैसे को कहीं और ट्रांसफर कर देते हैं।
पूरे देश में विस्तार की योजना
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, अगले 6 महीनों में e-Zero FIR प्रणाली पूरे भारत में लागू की जाएगी। इसमें ₹50,000 से अधिक की हर साइबर ठगी को शामिल किया जाएगा। AI आधारित रियल-टाइम अलर्ट सिस्टम विकसित किया जा रहा है, जो संदिग्ध लेनदेन को पहचान कर तुरंत पुलिस और बैंक को सूचित करेगा। सरकार का लक्ष्य है कि 90% मामलों में 24 घंटे के भीतर पैसा ब्लॉक या रिकवर किया जा सके। e-Zero FIR सिस्टम को लेकर साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों, कानूनविदों और आम जनता ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। इससे पीड़ितों को सुलभ और तेज न्याय मिलेगा, वहीं अपराधियों पर नकेल कसना आसान होगा।
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