देहरादून : उत्तराखंड की दून यूनिवर्सिटी एक बार फिर चर्चा में है। विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 से हिंदू अध्ययन केंद्र (Centre for Hindu Studies) शुरू करने का फैसला लिया है। एमए हिंदू अध्ययन कोर्स जुलाई 2025 से शुरू होगा, जिसमें प्रारंभिक चरण में 20 सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा।
क्या है कोर्स की खासियत?
दून यूनिवर्सिटी इस केंद्र के तहत ‘एमए हिंदू अध्ययन’ (MA in Hindu Studies) पाठ्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है। प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया जल्द ही दून यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट पर शुरू होगी। इच्छुक छात्रों को स्नातक डिग्री (किसी भी विषय में) और न्यूनतम निर्धारित अंकों के साथ आवेदन करना होगा। प्रवेश लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर होगा।
- कोर्स शुरू होने की तारीख: जुलाई 2025
- सीटों की संख्या: 20 (प्रारंभिक चरण)
- प्रवेश परीक्षा तारीख: 22 जून 2025 से शुरू
- कोर्स अवधि: 2 वर्ष (पूर्णकालिक)
- पाठ्यक्रम: वेद, उपनिषद, पुराण, भारतीय दर्शन, हिंदू धर्म का इतिहास, और सांस्कृतिक अध्ययन शामिल होंगे।
हिंदू अध्ययन केंद्र क्यों खोला जा रहा?
दून यूनिवर्सिटी का यह कदम भारतीय संस्कृति, दर्शन, और साहित्य को वैज्ञानिक और मल्टी-डिसिप्लिनरी दृष्टिकोण से पढ़ाने की दिशा में पहल है। दून यूनिवर्सिटी का दावा है कि हिंदू अध्ययन केंद्र का उद्देश्य युवाओं को वेद, उपनिषद, पुराण, भारतीय दर्शन, और हिंदू धर्म के अन्य पहलुओं से परिचित कराना है। यह केंद्र न केवल धार्मिक अध्ययन पर केंद्रित होगा, बल्कि हिंदू संस्कृति के सामाजिक, सांस्कृतिक, और ऐतिहासिक संदर्भों को भी समग्रता से प्रस्तुत करेगा।
वाइस चांसलर प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने कहा,
“हिंदू अध्ययन केंद्र में वेद, उपनिषद, पुराण, और भारतीय दर्शन जैसे विषयों को मल्टी-डिसिप्लिनरी अप्रोच के साथ पढ़ाया जाएगा। हमारा लक्ष्य छात्रों को उनकी सांस्कृतिक विरासत का समग्र और वैज्ञानिक ज्ञान प्रदान करना है।”
क्या-क्या पढ़ाया जाएगा?
हिंदू अध्ययन केंद्र को मल्टी-डिसिप्लिनरी अप्रोच के तहत डिजाइन किया गया है। कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने बताया कि कोर्स में वेद, उपनिषद, पुराण, भारतीय दर्शन, धर्म, संस्कृति और सामाजिक विमर्श शामिल होंगे। इन सभी विषयों को आधुनिक संदर्भ और समग्र दृष्टिकोण के साथ पढ़ाया जाएगा, जिससे छात्र शास्त्र और व्यवहारिक जीवन के बीच संतुलन स्थापित कर सकें।
दून यूनिवर्सिटी की भविष्य की योजनाएं
दून यूनिवर्सिटी ने पहले भी कई नवाचारों के जरिए शिक्षा के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। हिंदू अध्ययन केंद्र की स्थापना इसके मिशन का हिस्सा है, जो भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक शिक्षा के साथ जोड़ने पर केंद्रित है। प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने बताया कि भविष्य में इस केंद्र में पीएचडी प्रोग्राम और शॉर्ट-टर्म सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा, केंद्र में डिजिटल लाइब्रेरी, वेद और पुराणों के ग्रंथों का संग्रह, और सांस्कृतिक प्रदर्शनियों की सुविधा भी होगी। यह केंद्र अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग करके हिंदू अध्ययन को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देगा।


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