देहरादून : उत्तराखंड सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कदम उठाते हुए राज्य के करीब 550 राजकीय प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों को गोद दिलवाने की योजना तैयार की है। यह पहल राज्य में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के तहत की जा रही है। सरकार का दावा है कि इससे इन विद्यालयों को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जा सकेगा।
क्या है योजना का उद्देश्य?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के सरकारी विद्यालयों, विशेषकर पर्वतीय और दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित स्कूलों को स्मार्ट स्कूल के रूप में विकसित करना है। इन विद्यालयों को कॉर्पोरेट समूहों के सहयोग से आधुनिक रूप दिया जाएगा, ताकि वहां पढ़ रहे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। यह ऐतिहासिक पहल 30 जुलाई को देहरादून स्थित राजभवन में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के तहत शुरू की जाएगी। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) करेंगे, जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में एमओयू साइनिंग सेरेमनी संपन्न होगी। इस अवसर पर देश भर से 550 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया है, जो राज्य के शिक्षा क्षेत्र में सहयोग की भावना के साथ इस अभियान का हिस्सा बनेंगे।
पर्वतीय क्षेत्रों के स्कूलों को मिलेगी प्राथमिकता
इस योजना में विशेष ध्यान पर्वतीय जिलों के दुर्गम क्षेत्रों में स्थित विद्यालयों को दिया जाएगा, जहां आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। सरकार का लक्ष्य इन क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना और बच्चों को बेहतर भविष्य देना है।
“यह उत्तराखंड के शिक्षा क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने को प्रतिबद्ध है। इस पहल से सरकारी स्कूलों को नई पहचान और नई ऊर्जा मिलेगी।” –डॉ. धन सिंह रावत, शिक्षा मंत्री
कैसे बदलेगी स्कूलों की तस्वीर?
इस योजना के तहत कॉर्पोरेट समूह प्रत्येक जिले से एक प्राथमिक और एक माध्यमिक विद्यालय को गोद लेंगे। इन विद्यालयों को स्मार्ट स्कूल के रूप में विकसित करने के लिए कई आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इनमें मॉडल क्लासरूम, कंप्यूटर लैब और साइंस लैब की स्थापना शामिल है, जिससे छात्र व्यावहारिक और तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर सकें। इसके अलावा पुस्तकालय, खेल सामग्री, खेल मैदान और चारदीवारी की व्यवस्था भी की जाएगी। विद्यालयों को बेहतर फर्नीचर, स्वच्छ शौचालय तथा बिजली, पानी और इंटरनेट जैसी आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों को एक सुरक्षित, स्वच्छ और तकनीकी रूप से सक्षम वातावरण मिल सके।


मनीषा हिंदी पत्रकारिेता में 20 वर्षों का गहन अनुभव रखती हैं। हिंदी पत्रकारिेता के विभिन्न संस्थानों के लिए काम करने का अनुभव। खेल, इंटरटेनमेंट और सेलीब्रिटी न्यूज पर गहरी पकड़। Uncut Times के साथ सफर आगे बढ़ा रही हैं। इनसे manisha.media@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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