Uttarakhand News : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कुमाऊं मंडल के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। नैनीताल में हुई इस बैठक में कुमाऊं के छह जिलों—नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत और ऊधमसिंहनगर के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए। इस बैठक में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की प्रगति, भ्रष्टाचार पर सख्ती, और जन समस्याओं के त्वरित समाधान पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जनता दरबार और चौपाल आयोजित करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराते हुए कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
अधीक्षण अभियंता शिवम द्विवेदी सस्पेंड
मुख्यमंत्री धामी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया। उन्होंने कहा कि 1064 नंबर शुरू किया गया है, जिसके माध्यम से भ्रष्टाचार की शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं। काशीपुर में जल जीवन मिशन के तहत शिकायत मिलने पर नाराजगी जताई और ऊधमसिंहनगर के जिलाधिकारी की सिफारिश पर अधीक्षण अभियंता शिवम द्विवेदी को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए गए। धामी ने कहा, “भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी, लेकिन उन्हें निष्पक्ष सुनवाई का अवसर भी दिया जाएगा।” उन्होंने विजिलेंस व्यवस्था को और सशक्त करने की बात कही और बताया कि सरकार अब भ्रष्टाचार के मामलों में सीधे और निर्णायक हस्तक्षेप करेगी।
“भ्रष्टाचार को समाप्त करना हमारा संकल्प है। उत्तराखंड सरकार किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी।”
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
रोजाना जनता से मिलें अधिकारी
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे जनता दरबार, चौपाल और सीधे संवाद के माध्यम से जनता से जुड़ें और उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी जिलाधिकारी अपने कार्यालयों में प्रत्येक दिन सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक जनता से मिलें ताकि दूरदराज़ से आने वाले लोग अपनी बात कह सकें। मुख्यमंत्री ने कहा, “जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को जनता की समस्याओं को सुनने और उनका त्वरित समाधान करने के लिए जनता दरबार और चौपाल लगाने चाहिए।”
प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति
मुख्यमंत्री धामी ने कुमाऊं मंडल में चल रही विभिन्न विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में शामिल जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से उन्होंने आपसी समन्वय के साथ धरातल पर कार्य करने को कहा।
1. जमरानी बांध परियोजना
जमरानी बांध परियोजना उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों के लिए सिंचाई और पेयजल की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने बताया कि पुनर्वास पैकेज को स्वीकृति मिल चुकी है, और मास्टर प्लानिंग का कार्य पूरा हो गया है। “मानसून से पहले मुख्य बांध का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा,” धामी ने कहा। यह परियोजना क्षेत्र में जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करेगी और किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराएगी।
2. सूखाताल झील का सुधार
नैनीताल की ऐतिहासिक सूखाताल झील के संवर्धन और सौंदर्यकरण का कार्य नमामि गंगे योजना के तहत पेयजल विभाग द्वारा किया जा रहा है। इस परियोजना की लागत 2916.00 लाख रुपये है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस कार्य को और तेज करने के निर्देश दिए। सूखाताल का पुनर्जनन न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय जल संसाधनों के संरक्षण में भी मदद करेगा।
3. कैंची धाम का समग्र विकास
कैंची धाम, जो नैनीताल जिले में एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल है, के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। 2815.68 लाख रुपये की लागत से मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत सौंदर्यकरण और प्रकाशीकरण का कार्य प्रगति पर है। मुख्यमंत्री ने कैंची धाम में सभी आवश्यक सुविधाएं जैसे पार्किंग, यात्री विश्राम स्थल, और स्वच्छता सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए। यह परियोजना क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी।
4. अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज
मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के मास्टर प्लान की प्रगति की समीक्षा की और बताया कि पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज का बजट दोगुना कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ये मेडिकल कॉलेज कुमाऊं मंडल में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करेंगे।
समयसीमा को लेकर चेताया
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है, और हम सुनिश्चित करेंगे कि हर योजना समय पर पूरी हो। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और समयसीमा का पालन न होने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यदि कोई कार्य मानकों के अनुरूप नहीं हुआ या अनावश्यक देरी हुई, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।


शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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