cbse board exam class 10 साल में दो बार होंगे

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Uncut Times News : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए परीक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। 2026 से सीबीएसई 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं (cbse board exam class 10) साल में दो बार होंगी। इस फैसले का उद्देश्य छात्रों को अतिरिक्त अवसर प्रदान करना और परीक्षा के दबाव को कम करना है। इससे छात्रों को अपनी तैयारी का बेहतर प्रबंधन करने में सहायता मिलेगी। यह नई प्रणाली उन छात्रों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी जो पहली परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। उन्हें दूसरी परीक्षा में सुधार करने का मौका मिलेगा।

दो चरणों में परीक्षा

बोर्ड की नई परीक्षा प्रणाली के तहत परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाएगी। पहला चरण फरवरी-मार्च के बीच और दूसरा चरण मई में होगा। दोनों परीक्षाओं में पूर्ण पाठ्यक्रम से प्रश्न पूछे जाएंगे, जिससे छात्रों का व्यापक मूल्यांकन संभव होगा। इस निर्णय से छात्रों को अपनी पढ़ाई को अधिक व्यवस्थित तरीके से करने में मदद मिलेगी। बोर्ड का मानना है कि यह बदलाव शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक होगा। इसके अलावा, इससे छात्रों को अपनी परीक्षा रणनीति बेहतर बनाने का अवसर मिलेगा।

प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन

नए नियमों के अनुसार, जबकि बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी, प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन केवल एक बार आयोजित किए जाएंगे। यह मूल्यांकन दिसंबर और जनवरी के बीच होगा। इस बदलाव का उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया को अधिक संगठित और सुचारू बनाना है। छात्रों को व्यावहारिक विषयों की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। इससे परीक्षा के समय होने वाले तनाव को भी कम किया जा सकेगा।

छात्रों को लचीलापन मिलेगा

सीबीएसई ने यह भी स्पष्ट किया है कि छात्रों को दोनों परीक्षाओं में उपस्थित होने की अनिवार्यता नहीं होगी। वे अपनी सुविधा के अनुसार एक या दोनों परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। यदि छात्र किसी विषय में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें दूसरी परीक्षा में उस विषय को फिर से देने का अवसर मिलेगा। इससे छात्रों को अपनी क्षमताओं के अनुसार बेहतर परिणाम प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। यह निर्णय परीक्षा प्रणाली को अधिक छात्र-केंद्रित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

नीति पर सुझाव आमंत्रित

सीबीएसई ने इस नीति पर हितधारकों से सुझाव भी मांगे हैं। सभी इच्छुक पक्ष 9 मार्च तक अपनी प्रतिक्रिया भेज सकते हैं। इसके बाद, बोर्ड अंतिम निर्णय लेकर नीति को लागू करेगा। बोर्ड के अनुसार, यह बदलाव छात्रों और अभिभावकों की राय के आधार पर ही किया गया है। छात्रों को परीक्षा के प्रति अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने में यह प्रणाली सहायक होगी। परीक्षा में सुधार का यह प्रयास शिक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाएगा।

पहली और दूसरी परीक्षा की तिथियां

बोर्ड ने पहली और दूसरी परीक्षा की तिथियां भी जारी कर दी हैं। पहली परीक्षा 17 फरवरी से 6 मार्च के बीच आयोजित होगी। दूसरी परीक्षा 5 से 20 मई तक होगी। छात्रों को परीक्षा केंद्रों के आवंटन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, यानी दोनों परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र एक ही रहेगा। परीक्षा शुल्क दोनों परीक्षाओं के लिए एक साथ जमा करना होगा। यह निर्णय छात्रों और स्कूलों की सुविधा को ध्यान में रखकर लिया गया है।

छात्रों को तनाव से राहत

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली जेईई (JEE) परीक्षा की तरह काम करेगी, जहां छात्रों को साल में दो बार परीक्षा देने का अवसर मिलता है। इससे छात्रों को मानसिक रूप से राहत मिलेगी और उन्हें अपनी गलतियों को सुधारने का मौका मिलेगा। इससे बोर्ड परीक्षा का डर भी कम होगा। बोर्ड का मानना है कि इस बदलाव से छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियां बेहतर होंगी।

वर्तमान परीक्षा प्रणाली में बदलाव

फिलहाल, सीबीएसई 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं साल में एक बार फरवरी-मार्च में आयोजित की जाती हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान, बोर्ड ने एक बार के उपाय के रूप में परीक्षा को दो सत्रों में विभाजित किया था। हालांकि, बाद में पारंपरिक परीक्षा प्रणाली को फिर से अपनाया गया। अब 2026 से नई प्रणाली लागू होने के बाद छात्रों को परीक्षा के दो अवसर मिलेंगे। इससे छात्रों को बेहतर तैयारी करने में सहायता मिलेगी।

परिणाम निर्धारण प्रक्रिया

जो छात्र दोनों परीक्षाओं में शामिल होंगे, उनके लिए सर्वोत्तम स्कोर को अंतिम परिणाम माना जाएगा। यदि छात्र दूसरी परीक्षा में कम अंक प्राप्त करते हैं, तो पहली परीक्षा के अंक ही उनके परिणाम में जोड़े जाएंगे। इससे छात्रों को बिना किसी अतिरिक्त दबाव के परीक्षा देने का मौका मिलेगा। इस निर्णय से छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित होंगे। बोर्ड का यह कदम छात्रों के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

सीबीएसई का भविष्य दृष्टिकोण

सीबीएसई ने यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उद्देश्यों को ध्यान में रखकर उठाया है। यह नीति छात्रों को अधिक लचीलापन और सीखने के बेहतर अवसर प्रदान करने पर बल देती है। बोर्ड का मानना है कि यह परीक्षा प्रणाली छात्रों को अधिक आत्मनिर्भर बनाएगी और उन्हें अपने करियर के लिए बेहतर तैयारी करने में मदद करेगी। नई प्रणाली शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाएगी और छात्रों के लिए नए अवसर खोलेगी।


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