Captain Shubhanshu Shukla returned : भारत के अंतरिक्ष इतिहास में 15 जुलाई 2025 का दिन स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ऐतिहासिक यात्रा पूरी कर भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री और ISS पर जाने वाले पहले भारतीय बनने का गौरव हासिल किया है।
कौन हैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला?
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने भारतीय वायुसेना में एक कुशल पायलट के रूप में अपनी पहचान बनाई और अब उन्होंने अंतरिक्ष यात्रा कर देश को गर्वित कर दिया। वह 1984 में सोवियत मिशन के तहत अंतरिक्ष में गए राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय नागरिक हैं।
लखनऊ से की पढ़ाई
शुभांशु की शैक्षिक योग्यता भी प्रभावशाली है। उन्होंने लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और बाद में भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। 2019 में, उन्हें ISRO के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के लिए चुना गया, और उन्होंने 2020 में रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद, बेंगलुरु में ISRO के अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण केंद्र में मिशन-विशिष्ट प्रशिक्षण पूरा किया।
पहली बार किसी भारतीय ने किया ISS का दौरा
शुक्ला ने अमेरिका के एक्सिओम मिशन-4 (Ax-4) के तहत यह यात्रा की। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक जाने वाले पहले भारतीय हैं। उनकी यह यात्रा 18 दिन तक चली और उन्होंने अंतरिक्ष में कई प्रयोगों और गतिविधियों में हिस्सा लिया। यह मिशन न केवल भारत बल्कि पूरी मानव जाति के लिए एक वैज्ञानिक उपलब्धि है।
सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौटे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 15 जुलाई 2025 को दोपहर 3:01 बजे, स्पेसएक्स का कैप्सूल चारों अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अमेरिका के सैन डिएगो तट के पास प्रशांत महासागर में सुरक्षित उतर गया। शुभांशु शुक्ला जैसे ही कैप्सूल से बाहर आए, उनके चेहरे पर एक विशेष मुस्कान थी — यह जीत की, गर्व की और संकल्प की मुस्कान थी।
मिशन की खास बातें
मिशन का नाम | एक्सिओम मिशन 4 (Ax-4) |
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यात्रा अवधि | 18 दिन |
अंतरिक्ष यात्री | शुभांशु शुक्ला समेत कुल 4 अंतरिक्ष यात्री |
मिशन कंपनी | स्पेसएक्स व एक्सिओम स्पेस |
लैंडिंग स्थान | सैन डिएगो तट, प्रशांत महासागर, USA |
ऐतिहासिक उपलब्धि | ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय |
भारत के लिए क्यों खास है यह मिशन?
- यह मिशन भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं और वैश्विक उपस्थिति को दर्शाता है।
- इससे युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी जो अंतरिक्ष और विज्ञान के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं।
- यह भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग को भी मजबूत करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक सफलता पर एक्स पोस्ट के माध्यम से शुभकामनाएं देते हुए कहा:
“ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराया है। यह उपलब्धि हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है। आने वाले वर्षों में और भी भारतीय अंतरिक्ष यात्री इस राह पर आगे बढ़ेंगे।”


मनीषा हिंदी पत्रकारिेता में 20 वर्षों का गहन अनुभव रखती हैं। हिंदी पत्रकारिेता के विभिन्न संस्थानों के लिए काम करने का अनुभव। खेल, इंटरटेनमेंट और सेलीब्रिटी न्यूज पर गहरी पकड़। Uncut Times के साथ सफर आगे बढ़ा रही हैं। इनसे manisha.media@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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