Dehradun News : देहरादून में बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए रिस्पना और बिंदाल नदियों पर प्रस्तावित 26 किलोमीटर लंबी फोरलेन एलिवेटेड रोड परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है। इस महत्वाकांक्षी बिंदाल-रिस्पना एलिवेटेड रोड परियोजना के लिए 13.5 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसके तहत 2619 घरों को विस्थापित करना होगा। यह कदम शहर को जाम की समस्या से निजात दिलाने और पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण साबित होगा, लेकिन प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और मुआवजे की चुनौती भी सामने है।
क्या है बिंदाल-रिस्पना एलिवेटेड रोड परियोजना?
बिंदाल-रिस्पना एलिवेटेड रोड परियोजना देहरादून की दो प्रमुख नदियों – बिंदाल और रिस्पना – के किनारे एक एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण से जुड़ी है। इसका उद्देश्य शहर में यातायात जाम को कम करना, पर्यावरणीय सुधार और नदी पुनर्जीवन जैसे कई विकासात्मक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत एलिवेटेड रोड का निर्माण प्रस्तावित है, जो शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों को जोड़ेगा। इसमें आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर स्मार्ट सिटी के लक्ष्य की ओर एक अहम कदम माना जा रहा है।
छह हजार करोड़ का प्रोजेक्ट
रिस्पना और बिंदाल नदियों पर बनने वाली यह एलिवेटेड रोड देहरादून में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए डिज़ाइन की गई है। बिंदाल-रिस्पना एलिवेटेड रोड कॉरिडोर 11 किलोमीटर लंबा होगा, जो विधानसभा के पास रिस्पना पुल से शुरू होकर राजपुर रोड के नागल पुल तक जाएगा। वहीं, बिंदाल कॉरिडोर 15 किलोमीटर लंबा होगा, जो लालपुल से शुरू होकर न्यू कैंट रोड के हाथीबड़कला जंक्शन तक पहुंचेगा। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 6000 करोड़ रुपये अनुमानित है, और यह मसूरी जाने वाले पर्यटकों के लिए भी सुगम यात्रा सुनिश्चित करेगी।
5 हेक्टेयर जमीन खाली कराना चुनौती
रिस्पना और बिंदाल नदियों के किनारे बसीं कई बस्तियां इस प्रोजेक्ट के दायरे में आती हैं। कुछ क्षेत्रों में अतिक्रमण भी एक बड़ी समस्या है, जिसके लिए 5 हेक्टेयर जमीन को खाली कराना होगा। प्रभावित परिवारों का कहना है कि घर टूटने से पहले उचित मुआवजा और पुनर्वास की व्यवस्था होनी चाहिए। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने सामाजिक प्रभाव अध्ययन (एसआईए) शुरू कर दिया है ताकि परियोजना के फायदे और नुकसान का आकलन किया जा सके। पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता मुकेश परमार के अनुसार, मुआवजा वितरण और पुनर्वास योजनाओं पर काम चल रहा है।
2619 मकान होंगे प्रभावित
प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, बिंदाल-रिस्पना एलिवेटेड रोड परियोजना के लिए की गई सर्वेक्षण प्रक्रिया में यह सामने आया है कि कुल 2619 घरों को हटाया जाएगा। इनमें से कई मकान वर्षों से बसे हुए हैं, और इनके मालिकों के पास भूमि दस्तावेज भी मौजूद हैं। कई परिवार किरायेदार हैं, जिनकी पुनर्वास प्रक्रिया को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। परियोजना के कारण प्रभावित हो रहे लोगों में खासा रोष है। उनका कहना है कि उन्हें समय से न तो कोई वैकल्पिक व्यवस्था बताई गई है, और न ही उचित मुआवजे का आश्वासन मिला है।
लोगों में आशंकाएं
बिंदाल-रिस्पना एलिवेटेड रोड परियोजना के लिए प्रशासन ने साफ किया है कि कुल 2619 मकान जद में आएंगे। इससे हजारों लोग प्रभावित होंगे, जिनमें से अधिकतर मध्यम और निम्न वर्ग के परिवार हैं। प्रशासन के इस फैसले से स्थानीय लोगों में चिंता और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। स्थानीय निवासी सुनील कुमार का कहना है, “हम पिछले 30 साल से यहां रह रहे हैं। अब अचानक कहा जा रहा है कि घर तोड़ा जाएगा। सरकार को पहले हमें पुनर्वास की गारंटी देनी चाहिए थी।” प्रशासन का कहना है कि परियोजना के तहत पुनर्वास और मुआवजे की प्रक्रिया नियमों के अनुसार पूरी की जाएगी। प्रभावित परिवारों को उचित समय पर सूचित किया जाएगा और उनके पुनर्वास के लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं।
जनप्रतिनिधियों का रुख
सरकार का दावा है कि प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजा और पुनर्वास योजनाओं पर ध्यान दिया जाएगा। जनप्रतिनिधियों ने सुझाव दिया है कि परियोजना में ड्रेनेज प्लान, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, और विस्थापित बस्तियों के लिए सर्विस लेन का भी ध्यान रखा जाए। विशेष प्रयोजन इकाई (एसपीवी) का गठन किया गया है, जिसमें एमडीडीए, नगर निगम, और राजस्व विभाग के अधिकारी शामिल हैं। यह इकाई विस्थापन प्रक्रिया को सुचारू बनाने और मुआवजा वितरण को पारदर्शी रखने के लिए काम करेगी। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है। कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह ने कहा, “भाजपा सरकार विकास की आड़ में गरीबों को उजाड़ रही है। बिना ठोस पुनर्वास नीति के इतने बड़े स्तर पर मकान गिराना मानवता के खिलाफ है।”
पर्यावरणीय लाभ और नदी संरक्षण का दावा
सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि बिंदाल-रिस्पना एलिवेटेड रोड परियोजना न केवल ट्रैफिक समाधान प्रदान करेगी, बल्कि रिस्पना और बिंदाल नदियों को अतिक्रमण से मुक्त करने में भी मदद करेगी। दोनों नदियां वर्तमान में अतिक्रमण के कारण नाले में तब्दील हो चुकी हैं। एलिवेटेड रोड के निर्माण से नदियों के किनारे अवैध बस्तियां हटेंगी, और रिटेनिंग वॉल के निर्माण से बाढ़ सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। इससे नदियों का सौंदर्यीकरण और पर्यावरण संरक्षण भी संभव हो सकेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में इस परियोजना की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्माण कार्य शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। यह रोड शहर में बाहरी वाहनों के अनावश्यक प्रवेश को रोकेगी, जिससे स्थानीय ट्रैफिक जाम की समस्या में कमी आएगी।


पंकज जोशी हिंदी पत्रकारिता का जाना पहचाना नाम हैं। बिजनेस, ऑटो, टेक और आर्थिक मामलों के जानकार है। लगभग 25 वर्षों से विभिन्न संस्थानों में सेवाएं दे चुके हें। विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें प्रकाशित। कई मीडिया शो और इंटरव्यू के जरिए दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुके हैं। UNCUT TIMES के वरिष्ठ सहयोगी के रूप में टीम का मार्गदर्शन कर रहे हैं। इनसे pankajjoshi@uncuttimes.com पर संपर्क किया जा सकता है।
Discover more from Uncut Times - ब्रेकिंग न्यूज, फैक्ट चेक, विश्लेषण
Subscribe to get the latest posts sent to your email.