ऑपरेशन कालनेमि : बाबा बनकर ठगने वाले दबोचे, बदरीनाथ समेत पूरे कुमाऊं-गढ़वाल में कार्रवाई

बदरीनाथ/नैनीताल, 15 जुलाई 2025 – उत्तराखंड पुलिस द्वारा प्रदेशभर में चलाए जा रहे “ऑपरेशन कालनेमि” के तहत अब बदरीनाथ धाम में भी साधुओं और बाबाओं की सघन जांच और सत्यापन शुरू कर दिया गया है। रविवार को पुलिस ने कई बाबाओं को थाने बुलाकर पहचान पत्रों की जांच की, जिसमें से दो बाबा संदिग्ध पाए गए हैं। उनकी पहचान और दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है।

बदरीनाथ धाम में साधुओं की जांच अभियान तेज

हर साल चारधाम यात्रा के दौरान बदरीनाथ धाम में देशभर से हजारों साधु-संत पहुंचते हैं। इनकी संख्या अधिक होने के कारण पुलिस द्वारा समय-समय पर सत्यापन अभियान चलाया जाता है। इस वर्ष भी 600 से अधिक बाबाओं का सत्यापन किया गया था, जिनमें से कई अब धाम से वापस लौट चुके हैं। बदरीनाथ थाना प्रभारी नवनीत भंडारी ने जानकारी दी कि जो नए साधु धाम में प्रवेश कर रहे हैं, उन्हें थाने बुलाकर दस्तावेज जांच की जा रही है। इसी क्रम में दो संदिग्ध बाबा सामने आए हैं, जो पश्चिम बंगाल के निवासी बताए जा रहे हैं। पुलिस उनकी गतिविधियों और पहचान पत्रों की जांच कर रही है।

अभियान का संचालन पुलिस की निगरानी में:

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश में “ऑपरेशन कालनेमि” अभियान की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य ढोंगी बाबाओं, फर्जी तांत्रिकों और अवैध गतिविधियों में संलिप्त तथाकथित साधुओं की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा ने सभी थानों और चौकियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित मंदिरों, आश्रमों और सार्वजनिक स्थलों पर जाकर संदिग्ध व्यक्तियों की सघन तलाशी और दस्तावेजों की जांच करें। एसएसपी नैनीताल के नेतृत्व में चलाए गए इस अभियान में पुलिस ने गहन जांच के बाद 5 बाबाओं को गिरफ्तार किया है, जबकि 8 के विरुद्ध पुलिस अधिनियम में कार्रवाई की गई है।

क्यों जरूरी है ऑपरेशन कालनेमि?

उत्तराखंड जैसे धार्मिक और पर्यटन राज्य में फर्जी बाबाओं और ठग तांत्रिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो श्रद्धालुओं की भावनाओं का शोषण करते हैं। ये लोग अवैध गतिविधियों, नशा तस्करी, ठगी, और यौन शोषण जैसे मामलों में भी संलिप्त पाए जाते हैं। चारधाम यात्रा, खासकर बदरीनाथ जैसे तीर्थस्थलों पर इनकी मौजूदगी से सुरक्षा व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर भी खतरा उत्पन्न होता है।

श्रद्धालुओं के लिए पुलिस की अपील

उत्तराखंड पुलिस ने स्पष्ट किया है कि धार्मिक आस्था के नाम पर कानून का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सभी बाबाओं को स्थानीय थाने में अपना सत्यापन करवाना अनिवार्य किया गया है, अन्यथा विधिक कार्यवाही की जाएगी।

  • किसी भी अनजान साधु या बाबा से संपर्क करने से पहले उनकी सत्यता की जांच करें।
  • किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय थाने या पुलिस हेल्पलाइन 112 पर दें।
  • सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों से बचें, केवल अधिकृत जानकारी पर भरोसा करें।
SD Pandey

शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।


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