रुद्रप्रयाग/गौरीकुंड (Special Report)। उत्तराखंड में केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान एक बार फिर हेलीकॉप्टर हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया। आर्यन हेली एविएशन कंपनी का एक और हेलीकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी लौटते समय रविवार को गौरीकुंड के पास क्रैश हुआ। आर्यन हेली एविएशन का तीन साल में यह दूसरा बड़ा हादसा है, जिसमें सात लोगों की जान चली गई। दोनों हादसों का प्रमुख कारण घना कोहरा और शून्य दृश्यता रहा। इस त्रासदी ने हेली सेवा सुरक्षा और नियमों की अनदेखी पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेली सेवाओं के लिए सख्त एसओपी लागू करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन हादसे का दोहराव कंपनी और सरकारी मानकों दोनों पर सवाल उठाता है।
सात जिंदगियां धुआं-धुआं
आर्यन हेली एविएशन का हेलिकॉप्टर रविवार को केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए रवाना हुआ। हेलिकॉप्टर में छह यात्री और पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) राजवीर सिंह चौहान सवार थे। गौरीकुंड से लगभग पांच किलोमीटर ऊपर गौरी माई खर्क के जंगल क्षेत्र में हेलिकॉप्टर घने कोहरे के कारण पेड़ से टकराकर क्रैश हो गया। हादसे के बाद हेलिकॉप्टर में आग लग गई, और सभी सवार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि 15 जून 2025 को सुबह 6:13 बजे अन्य हेली कंपनियों ने सूचना दी कि हेलिकॉप्टर गुप्तकाशी नहीं पहुंचा। स्थानीय लोगों ने ऊपरी क्षेत्र में धुआं उठता देखा, जिसके बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंची। 44 जवानों ने दुर्गम रास्तों से शवों को गौरीकुंड पहुंचाया, जहां से उन्हें जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग भेजा गया।
आर्यन हेली कंपनी पर मुकदमा
हादसे के बाद आर्यन हेली एविएशन के दो मैनेजरों, विकास तोमर (बेस मैनेजर) और कौशिक पाठक (एकाउंटेबल मैनेजर) के खिलाफ सोनप्रयाग पुलिस में मुकदमा दर्ज किया गया। फाटा राजस्व उप निरीक्षक की तहरीर में कहा गया कि कंपनी ने डीजीसीए और यूकाडा के नियमों की अनदेखी की।
- हेलिकॉप्टर को सुबह 6 से 7 बजे के स्लॉट में उड़ान भरनी थी, लेकिन कंपनी ने 5:11 बजे ही टेकऑफ कराया।
- 5:24 बजे केदारनाथ से वापसी के दौरान हादसा हुआ।
- तहरीर में मैनेजरों की लापरवाही को सात मौतों का जिम्मेदार ठहराया गया।
मुकदमा भारतीय दंड संहिता 2025 की धारा 105, भारतीय न्याय संहिता 2023, और वायुयान अधिनियम 1934 की धारा 10 के तहत दर्ज किया गया। कोतवाल राकेंद्र सिंह कठैत ने बताया कि अग्रिम कार्रवाई शुरू हो गई है।
दर्दनाक कहानियां: टूटीं उम्मीदें, उजड़े परिवार
हादसे ने कई परिवारों को गहरे जख्म दिए। 23 महीने की काशी अपनी पहली और आखिरी केदारनाथ यात्रा पर थी। उसके माता-पिता राजकुमार और श्रद्धा जायसवाल ने शनिवार को बाबा केदार का जलाभिषेक कराया था। हेलिकॉप्टर क्रैश होने पर काशी मां की गोद से छिटककर पत्थर पर गिरी, जिससे उसकी मौत हो गई।
विनोदा देवी और उनकी नातिन तुष्टि सिंह बिजनौर से केदारनाथ दर्शन के लिए आई थीं। तुष्टि अपनी मां के आग्रह पर नानी के साथ यात्रा पर गई थी, लेकिन वह कभी वापस नहीं लौटी। तुष्टि के दादा धर्मपाल सिंह अपने पोतों के साथ केदारनाथ में ही रुके थे, क्योंकि हेलिकॉप्टर में जगह नहीं थी।
पायलट राजवीर सिंह चौहान, जो दो महीने पहले जुड़वां बच्चों के पिता बने थे, अपनी पत्नी दीपिका (लेफ्टिनेंट कर्नल) के साथ खुशहाल जीवन जी रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उन्होंने हेलिकॉप्टर को बचाने की कोशिश की, लेकिन पंख पेड़ से टकराने के कारण हादसा हो गया।
मुआवजा और जांच
आर्यन हेली एविएशन ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। कंपनी के एकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक ने कहा कि वे विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो को जांच में पूरा सहयोग करेंगे। डीजीसीए ने हादसे की जांच के लिए एक टीम गठित की है, और एक ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री के निर्देश: सख्त एसओपी लागू
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलिकॉप्टर हादसों को गंभीरता से लेते हुए सख्त निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा, “हेली सेवाओं के लिए सख्त एसओपी तैयार की जाए। हेलिकॉप्टर की तकनीकी जांच और मौसम की सटीक जानकारी उड़ान से पहले अनिवार्य हो।” धामी ने प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के इलाज के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
तीन साल में दूसरा समान हादसा
यह आर्यन हेली एविएशन का तीन साल में दूसरा बड़ा हादसा है। इससे पहले 18 अक्टूबर 2022 को भी कंपनी का एक हेलिकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी जाते समय गरुडचट्टी के पास क्रैश हो गया था। उस हादसे में भी पायलट सहित सात लोगों की मौत हुई थी। पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) अनिल सिंह (57) अपनी आखिरी उड़ान पर थे और रिटायरमेंट के बाद घर लौटने वाले थे। दोनों हादसों में घना कोहरा और शून्य दृश्यता मुख्य कारण रहे।
केदारनाथ हेली सेवा नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि रविवार के हादसे में कोहरे के कारण दृश्यता शून्य थी, जिससे हेलिकॉप्टर पेड़ से टकराकर क्रैश हो गया। डीजीसीए ने अगले दो दिनों के लिए केदारनाथ हेली सेवा पर रोक लगा दी है।
एक मासूम सहित सात जिंदगियां खोईं
- लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान (पायलट), सी-42 राणा कॉलोनी, शास्त्री नगर, जयपुर। दो महीने पहले जुड़वां बच्चों के पिता बने थे।
- राजकुमार सुरेश जायसवाल (41), नंदीपेरा रोड, सैन मंदिर, महाराष्ट्र।
- श्रद्धा जायसवाल (35), राजकुमार की पत्नी।
- काशी जायसवाल (23 महीने), राजकुमार और श्रद्धा की बेटी।
- विक्रम सिंह रावत (46), रांसी गांव, ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग।
- विनोदा देवी (66), सिविल लाइन-दो, बिजनौर, उत्तर प्रदेश।
- तुष्टि सिंह (19), विनोदा देवी की नातिन, बिजनौर। दिल्ली में फैशन डिजाइनिंग की छात्रा थी।
केदारघाटी में बार-बार हादसे
2013 की केदारनाथ आपदा के 12 साल बाद भी केदारघाटी में सुरक्षा व्यवस्था अपर्याप्त है। पिछले तीन साल में यह तीसरा हेलिकॉप्टर हादसा है, जिसमें मौसम को दोष दिया गया। हालांकि, हेली कंपनियों की मुनाफे की होड़ और नियमों की अनदेखी भी इन हादसों का कारण मानी जा रही है। X पर लोगों ने लिखा, “केदारनाथ में बार-बार हेलिकॉप्टर क्रैश हो रहे हैं। हेली कंपनियां मुनाफे के लिए यात्रियों की जान से खिलवाड़ कर रही हैं। सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।”
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पंकज जोशी हिंदी पत्रकारिता का जाना पहचाना नाम हैं। बिजनेस, ऑटो, टेक और आर्थिक मामलों के जानकार है। लगभग 25 वर्षों से विभिन्न संस्थानों में सेवाएं दे चुके हें। विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें प्रकाशित। कई मीडिया शो और इंटरव्यू के जरिए दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुके हैं। UNCUT TIMES के वरिष्ठ सहयोगी के रूप में टीम का मार्गदर्शन कर रहे हैं। इनसे pankajjoshi@uncuttimes.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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