कोटद्वार : उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (ADJ कोर्ट) ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या, छेड़छाड़ और साक्ष्य मिटाने के आरोप में दोषी ठहराया। कोर्ट ने सभी को कठोर उम्रकैद की सजा सुनाई, जिससे पीड़ित परिवार और पूरे राज्य को लंबे समय बाद न्याय मिला। इसके अलावा पीड़ित परिवार को चार लाख मुआवजा भी दिया जाएगा।
अंकिता भंडारी हत्याकांड : यह था पूरा मामला
यह मामला 18 सितंबर 2022 को सामने आया, जब वनंत्रा रिजॉर्ट, पौड़ी गढ़वाल में कार्यरत रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी अचानक लापता हो गई थीं। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि अंकिता को अनैतिक कार्यों के लिए दबाव डाला जा रहा था। जब उसने विरोध किया, तो चीला शक्ति नहर में धकेल कर उसकी हत्या कर दी गई। 24 सितंबर 2022 को अंकिता का शव नहर से बरामद हुआ। अंकिता भंडारी हत्याकांड ने पूरे उत्तराखंड में आक्रोश की लहर पैदा कर दी।
- 22 सितंबर 2022: तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, हत्या और साक्ष्य छुपाने की धाराएं जोड़ी गईं।
- 24 सितंबर 2022: मामले की जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच दल) गठित की गई।
- 16 दिसंबर 2022: एसआईटी ने 500 पेज की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें अनैतिक देह व्यापार अधिनियम की धाराएं भी शामिल थीं।
- 30 जनवरी 2023: मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई, जो करीब दो साल आठ महीने तक चली।
- 19 मई 2025: दोनों पक्षों की बहस पूरी हुई।
- 30 मई 2025: कोर्ट ने तीनों आरोपियों को धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), और 354 (छेड़छाड़) में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।
कोर्ट का फैसला
30 मई 2025 को कोटद्वार की एडीजे कोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड के तीनों दोषियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर, और अंकित गुप्ता को इन धाराओं के तहत दोषी करार दिया:
IPC धारा 302: हत्या
IPC धारा 201: साक्ष्य छिपाना
IPC धारा 354A: छेड़छाड़ और लज्जा भंग
अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम: अनैतिक गतिविधियों में संलिप्तता
कोर्ट ने तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। अभियोजन पक्ष ने 47 गवाहों और 500 पेज की चार्जशीट के आधार पर मजबूत साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिसने दोषियों को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सुरक्षा व्यवस्था और जनाक्रोश
अंकिता भंडारी हत्याकांड ने 2022 में भारी जनाक्रोश पैदा किया था। स्थानीय लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन किए, और पुलकित आर्य के रिजॉर्ट को आग के हवाले कर दिया गया था। बीजेपी ने पुलकित के पिता विनोद आर्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इस फैसले को लेकर उत्तराखंड और पूरे देश की निगाहें कोटद्वार पर टिकी थीं। कोर्ट के फैसले से पहले व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए। कोर्ट परिसर के 200 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू की गई। पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, और उत्तरकाशी से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। डेढ़ कंपनी पीएसी और चार मजिस्ट्रेट तैनात किए गए। कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया, और किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं थी।
अंकिता के पिता बोले- हत्यारों को फांसी मिले
अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया, लेकिन उन्होंने फांसी की सजा की मांग की थी। उन्होंने कहा, “मेरी बेटी को इंसाफ मिला, लेकिन हत्यारों को फांसी होनी चाहिए थी।” उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस फैसले को न्याय की जीत करार दिया और कहा कि उनकी सरकार ने मामले की फास्ट-ट्रैक सुनवाई सुनिश्चित की। महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस फैसले को महिला सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने कहा, “यह फैसला उन सभी बेटियों के लिए है, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए घर से निकलती हैं।”


Uncut Times हिंदी पत्रकारिता के अनुभवी मीडियाकर्मी। पिछले 30 सालों से प्रिंट और डिजिटल के विभिन्न माध्यमों के जरिए पत्रकारिता का लंबा अनुभव। हिंदी मीडिया की लेटेस्ट खबरें और सटीक जानकारियां। आप uncuttimesnews@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।
Discover more from Uncut Times - ब्रेकिंग न्यूज, फैक्ट चेक, विश्लेषण
Subscribe to get the latest posts sent to your email.