नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। 5 अगस्त 2025 को उन्होंने भारत के सबसे लंबे समय तक कार्यरत केंद्रीय गृह मंत्री बनने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। उन्होंने इस उपलब्धि के साथ पंडित गोविंद बल्लभ पंत और लालकृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गज नेताओं को पीछे छोड़ दिया है।
2,258 दिनों तक गृह मंत्री पद पर रहने का रिकॉर्ड
अमित शाह ने 30 मई 2019 को गृह मंत्री का कार्यभार संभाला था। 5 अगस्त 2025 तक उन्होंने इस पद पर 2,259 दिन पूरे किए, जो लालकृष्ण आडवाणी के 2,256 दिनों (19 मार्च 1998 से 22 मई 2004) के कार्यकाल से दो दिन अधिक है। वहीं, गोविंद बल्लभ पंत, जो 10 जनवरी 1955 से 7 मार्च 1961 तक 2,258 दिन गृह मंत्री रहे, का रिकॉर्ड भी शाह ने तोड़ दिया।
पंत ने नाम था अब तक यह रिकॉर्ड
गोविंद बल्लभ पंत (10 सितंबर 1887 – 7 मार्च 1961) भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे, जिन्होंने देश की आजादी और उसके बाद के प्रशासन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और भारत के गृह मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल (1955-1961) ने देश की आंतरिक सुरक्षा और प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। अल्मोड़ा, उत्तराखंड में जन्मे पंत जी एक कुशल वकील थे और महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से शामिल रहे। उन्होंने असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ कई बार जेल गए। उनकी दूरदर्शिता और प्रशासनिक क्षमता के लिए उन्हें 1957 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
शाह के कार्यकाल को मोदी ने सराहा
अमित शाह ने 30 मई 2019 को पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। वे 9 जून 2024 तक इस पद पर रहे और फिर 10 जून 2024 को दोबारा गृह मंत्री नियुक्त किए गए। वर्तमान में वे गृह मंत्री के साथ देश के पहले सहकारिता मंत्री के रूप में भी कार्यरत हैं। इससे पहले, वे गुजरात के गृह मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके हैं। एनडीए संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमित शाह की इस उपलब्धि का उल्लेख करते हुए उनकी कार्यशैली, अनुशासन और निर्णायक नेतृत्व की सराहना की। मोदी ने कहा कि शाह का लंबा कार्यकाल उनकी कुशल प्रशासनिक क्षमता और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
शाह कार्यकाल के बड़े फैसले
अमित शाह का गृह मंत्री के रूप में कार्यकाल कई ऐतिहासिक और विवादास्पद फैसलों के लिए जाना जाता है। सबसे महत्वपूर्ण रहा 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A को निरस्त करने का फैसला, जिसने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा समाप्त कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया। इस कदम की घोषणा खुद शाह ने संसद में की थी, जिसने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला दिया। इसके अलावा नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर जैसे विवादित लेकिन अहम निर्णयों में अहम भूमिका रही है। साथ ही आतंकवाद, नक्सलवाद और सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा को लेकर सख्त कदम। डिजिटल पुलिस सुधार और स्मार्ट पुलिसिंग की दिशा में पहल की गई।
5 अगस्त का संयोग
यह संयोग भी खास है कि 5 अगस्त को ही वर्ष 2019 में अमित शाह ने संसद में अनुच्छेद 370 को हटाने की ऐतिहासिक घोषणा की थी। इस फैसले ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया था, जो भारतीय राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ माना जाता है।
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