अल्मोड़ा संग्रहालय पहाड़ी शैली में बनेगा, होंगे ये इंतजाम

अल्मोड़ा के मल्ला महल में बनेगा नया संग्रहालय, पहाड़ी शैली में होगा निर्माण

अल्मोड़ा : उत्तराखंड का अल्मोड़ा संग्रहालय पहाड़ी शैली में बनाया जाएगा, जो स्थानीय संस्कृति और स्थापत्य कला को प्रदर्शित करेगा। शनिवार को सचिव संस्कृति व भाषा विज्ञान युगल किशोर पंत ने निर्माणाधीन राजकीय संग्रहालय मल्ला महल और लाखुडियार गुफा का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने व्यवस्थाओं का जायजा लिया, आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और संस्कृति विभाग की इकाइयों की समीक्षा की।

मौजूदा संग्रहालय में नहीं हो पा रही सभी कलाकृतियों की प्रदर्शनी

सचिव युगल किशोर पंत ने बताया कि वर्तमान राजकीय संग्रहालय में केवल पांच वीथिकाएं (गैलरी) हैं, जिसके कारण वहां संग्रहित सभी कलाकृतियों को एक साथ प्रदर्शित करना संभव नहीं हो पा रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए एक नया संग्रहालय भवन बनाने का निर्णय लिया गया है, जिससे सभी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और कलात्मक वस्तुएं व्यवस्थित रूप से प्रदर्शित की जा सकें। नए संग्रहालय के निर्माण से अल्मोड़ा की सांस्कृतिक धरोहर को और अधिक प्रभावी ढंग से प्रदर्शित करने का मार्ग प्रशस्त होगा, जो पर्यटन और स्थानीय कला को बढ़ावा देगा।

पहाड़ी शैली में होगा निर्माण

सचिव ने स्पष्ट किया कि नया संग्रहालय भवन स्थानीय स्थापत्य शैली में तैयार किया जाएगा। इसमें पारंपरिक लकड़ी के झरोखे, पत्थर की दीवारें, और पहाड़ी वास्तुकला की अन्य विशिष्ट विशेषताओं को शामिल किया जाएगा। इसका उद्देश्य न केवल संग्रहालय को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाना है, बल्कि यह भवन स्वयं भी एक ऐतिहासिक संरचना के रूप में देखा जाएगा।

अल्मोड़ा संग्रहालय भवन मल्ला महल से जुड़ेगा

संग्रहालय के मौजूदा भवन के भूतल में पार्किंग की सुविधा विकसित की जाएगी ताकि आने-जाने वाले पर्यटकों और स्थानीय आगंतुकों को बेहतर सुविधा मिल सके। साथ ही नया संग्रहालय भवन सीधे मल्ला महल से जोड़ा जाएगा, जिससे दोनों भवनों के बीच भ्रमण और समन्वय की व्यवस्था बेहतर बन सके।

संस्कृति विभाग की इकाइयों की समीक्षा

सचिव ने संस्कृति विभाग की विभिन्न इकाइयों का निरीक्षण कर विभागीय कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि संग्रहालय और अन्य सांस्कृतिक स्थलों के रखरखाव, प्रचार और डिजिटल प्रलेखन पर विशेष ध्यान दिया जाए। युगल किशोर पंत ने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को न केवल संरक्षित करना है, बल्कि इसे वैश्विक मंच पर भी प्रदर्शित करना है। इसके लिए संग्रहालयों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने और पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाने की आवश्यकता है।

लाखु उडियार गुफा का भी किया निरीक्षण

निरीक्षण के दौरान सचिव युगल किशोर पंत ने लाखु उडियार (लघु-उडियार) की प्रागैतिहासिक गुफाओं का भी दौरा किया। यह स्थल उत्तराखंड की पुरातन सभ्यता का प्रतीक माना जाता है, जहां शैल चित्रों के माध्यम से प्राचीन मानव सभ्यता के संकेत मिलते हैं। सचिव ने इन शैल चित्रों के संरक्षण और पर्यटन की दृष्टि से प्रचार-प्रसार पर भी जोर दिया।

संस्कृति विभाग की इकाइयों की समीक्षा

सचिव ने संस्कृति विभाग की विभिन्न इकाइयों का निरीक्षण कर विभागीय कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि संग्रहालय और अन्य सांस्कृतिक स्थलों के रखरखाव, प्रचार और डिजिटल प्रलेखन पर विशेष ध्यान दिया जाए। युगल किशोर पंत ने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को न केवल संरक्षित करना है, बल्कि इसे वैश्विक मंच पर भी प्रदर्शित करना है। इसके लिए संग्रहालयों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने और पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाने की आवश्यकता है।

लोक कलाकारों से मुलाकात

सचिव ने निरीक्षण के अंत में गोविंद बल्लभ पंत राजकीय संग्रहालय में स्थानीय लोक कलाकारों से संवाद किया और उनकी समस्याओं को समझा। उन्होंने कहा कि पारंपरिक लोक कला और शिल्प को संग्रहालय के माध्यम से जीवंत बनाया जाएगा। इससे संग्रहालय केवल एक वस्तु संग्रह केंद्र न रहकर एक जीवंत सांस्कृतिक केंद्र के रूप में कार्य करेगा। इस अवसर पर जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे, मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी और अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे। उन्होंने निर्माणाधीन परियोजनाओं की प्रगति और भविष्य की आवश्यकताओं को लेकर सचिव को जानकारी दी।

अल्मोड़ा की सांस्कृतिक धरोहर और संभावनाएं

अल्मोड़ा उत्तराखंड का एक प्रमुख सांस्कृतिक और ऐतिहासिक केंद्र है, जो अपनी प्राचीन कला, स्थापत्य, और लोक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। मल्ला महल, जीबी पंत राजकीय संग्रहालय, और लाखुडियार गुफा जैसे स्थल पर्यटकों और शोधकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। नए संग्रहालय का निर्माण और पहाड़ी शैली का समावेश न केवल स्थानीय संस्कृति को संरक्षित करेगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। विशेषज्ञों का मानना है कि पहाड़ी शैली में बना संग्रहालय अल्मोड़ा को एक प्रमुख सांस्कृतिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करेगा। इसके अलावा, संग्रहालय की आधुनिक सुविधाएँ और पार्किंग व्यवस्था पर्यटकों की सुविधा को और बढ़ाएंगी।

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SD Pandey

शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।


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