Uttrakhand News : उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल में स्थित सोबन सिंह जीना मेडिकल कॉलेज को स्वास्थ्य सुविधाओं और चिकित्सा शिक्षा में बड़ा अपग्रेड मिलने जा रहा है। इस मेडिकल कॉलेज में जल्द ही डिजिटल लाइब्रेरी, ऑक्सीजन बूस्टर प्लांट, और चिकित्सा विभागों में कई नई आधुनिक मशीनें और उपकरण स्थापित किए जाएंगे, जिससे न सिर्फ छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलेगी, बल्कि इलाज के लिए आने वाले मरीजों को भी बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त होंगी।
मेडिकल कॉलेज को मिलेंगी ये सौगातें
- डिजिटल लाइब्रेरी : मेडिकल शिक्षा में तकनीक की बढ़ती भूमिका को देखते हुए कॉलेज में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की जा रही है, जिससे छात्र-छात्राओं को ई-बुक्स, मेडिकल रिसर्च पेपर और ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म्स तक आसान पहुंच मिल सकेगी।
- ऑक्सीजन बूस्टर प्लांट : भविष्य में किसी भी स्वास्थ्य आपातकाल के दौरान ऑक्सीजन की कमी न हो, इसके लिए मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन बूस्टर प्लांट लगाया जाएगा। इससे अस्पताल की ऑक्सीजन आपूर्ति क्षमता में भारी इजाफा होगा।
- रेडियोलॉजी विभाग में फ्लोरोस्कोपी मशीन : अब रेडियोलॉजी विभाग में आधुनिक फ्लोरोस्कोपी (Fluoroscopy) मशीन की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे शरीर के आंतरिक अंगों की चलती हुई इमेजिंग संभव होगी। यह कई तरह की जटिल जांचों के लिए अत्यंत उपयोगी है।
- दंत विभाग में CBCT मशीन : कोन बीम सीटी (CBCT) एक हाई-रिज़ॉल्यूशन थ्री-डायमेंशनल इमेजिंग तकनीक है, जो डेंटल इम्प्लांट, ऑर्थोडॉन्टिक और अन्य जटिल डेंटल उपचारों के लिए बेहद आवश्यक है।
- रिस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में DLCO उपकरण : DLCO (Diffusing Capacity of the Lungs for Carbon Monoxide) मशीन के माध्यम से फेफड़ों की कार्यक्षमता का आकलन करना आसान होगा, जिससे अस्थमा, सीओपीडी और अन्य फेफड़ों संबंधी रोगों की जांच व इलाज में मदद मिलेगी।
मेडिकल शिक्षा और मरीजों दोनों को होगा लाभ
इन नई सुविधाओं और उपकरणों की स्थापना से कॉलेज के छात्रों को प्रैक्टिकल लर्निंग का बेहतर प्लेटफॉर्म मिलेगा। मेडिकल छात्रों को उन्नत उपकरणों के साथ सीखने और काम करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी विशेषज्ञता में वृद्धि होगी। साथ ही मरीजों के लिए भी ये मशीनें सटीक जांच और बेहतर उपचार की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी। आधुनिक मशीनों और उपकरणों के कारण मरीजों को सटीक और त्वरित उपचार मिलेगा। फिजियो गोलाइट कॉम्बो मशीन जैसे पोर्टेबल उपकरणों की मदद से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा सकेंगे, जिससे दूरदराज के मरीजों को भी लाभ मिलेगा। ऑक्सीजन बूस्टर प्लांट जैसे उपकरण आपातकालीन स्थिति में जीवन रक्षक साबित होंगे। सरकारी अस्पताल होने के कारण ये सुविधाएं कम लागत पर उपलब्ध होंगी, जिससे आम जनता को लाभ होगा।
तीन नए फैकल्टी सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी
सोबन सिंह जीना मेडिकल कॉलेज पहले से ही अपने क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा के लिए जाना जाता है। हाल ही में, कॉलेज में तीन नए फैकल्टी सदस्यों की नियुक्ति को भी मंजूरी मिली है, जो कम्युनिटी मेडिसिन, ऑर्थोपेडिक्स, और एनेस्थीसिया विभागों में कार्य करेंगे। इसके अलावा, हंस फाउंडेशन की मदद से डायलिसिस सुविधा को बढ़ाने की योजना है, जिसमें बेड की संख्या छह से तीस तक बढ़ाई जा सकती है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि इन नई सुविधाओं के साथ मरीजों को बेहतर उपचार और छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान की जाएगी। भविष्य में और भी आधुनिक मशीनों को शामिल करने की योजना है, जिससे कॉलेज उत्तराखंड के स्वास्थ्य ढांचे को और मजबूत करेगा।


शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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