अल्मोड़ा-हल्द्वानी रोड : क्वारब डेंजर जोन के स्थायी समाधान का केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा ने बताया प्लान

अल्मोड़ा-हल्द्वानी रोड : क्वारब डेंजर जोन के स्थायी समाधान पर केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा ने दी से जानकारी

अल्मोड़ा : अल्मोड़ा-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग पर क्वारब के पास दरकती पहाड़ी के स्थाई समाधान के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में क्वारब डेंजर जोन की समस्या को हल करने के लिए ठोस कदमों पर चर्चा हुई, जिसमें सरकार द्वारा स्वीकृत 68.51 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर कार्य शुरू करने का निर्णय लिया गया। अजय टम्टा ने इस अवसर पर जोर देकर कहा कि यह मुद्दा केवल एक निर्माण कार्य नहीं, बल्कि जनसुरक्षा और क्षेत्रीय संपर्क का सवाल है, जिसके लिए सरकार पूरी तरह गंभीर और प्रतिबद्ध है। यह कदम अल्मोड़ा और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षित यातायात और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

दो चरणों में होगा कार्य

अजय टम्टा ने बताया कि टीएचडीसी (Tehri Hydro Development Corporation) द्वारा किए गए तकनीकी अध्ययन के आधार पर समाधान के लिए कार्य को दो चरणों में विभाजित किया गया है। प्रथम चरण में सड़क के नीचे के हिस्से में नदी से लेकर सड़क तक सुरक्षा दीवार का निर्माण और एंकरिंग कार्य शामिल है। इस कार्य के लिए 17.14 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है, और इसे युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया है। यह चरण पहाड़ी से होने वाले भूस्खलन को रोकने और सड़क की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

कनेक्टिविटी प्राथमिकता में

केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा ने बैठक में स्पष्ट किया कि क्वारब डेंजर जोन की समस्या का स्थायी समाधान सरकार की प्राथमिकता है। द्वितीय चरण में सड़क के ऊपरी हिस्से में हिल साइड ट्रीटमेंट का कार्य किया जाएगा, जिसके लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 51.37 करोड़ रुपये की स्वiëति दी है। यह कार्य क्षेत्र की भौगोलिक जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए अत्यंत वैज्ञानिक और स्थाई तरीके से किया जाएगा। हिल साइड ट्रीटमेंट में ढलानों को स्थिर करने, मिट्टी के कटाव को रोकने और दीर्घकालिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग होगा। अजय टम्टा ने कहा कि यह परियोजना शीघ्र शुरू की जाएगी, ताकि क्वारब क्षेत्र में भूस्खलन का खतरा पूरी तरह समाप्त हो सके।

दीर्घकालिक समाधान पर जोर

अजय टम्टा ने यह भी कहा कि कार्य की प्रकृति को देखते हुए यह बेहद भूगर्भीय और तकनीकी रूप से जटिल है, इसलिए इसे दीर्घकालिक और स्थायी समाधान की दृष्टि से किया जा रहा है। क्वारब की समस्या केवल एक निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि जनसुरक्षा और क्षेत्रीय संपर्क से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। अल्मोड़ा-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग कुमाऊं क्षेत्र का एक प्रमुख मार्ग है, जो अल्मोड़ा, हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों को जोड़ता है। क्वारब में बार-बार होने वाले भूस्खलन के कारण यह मार्ग अक्सर अवरुद्ध हो जाता है, जिससे स्थानीय लोगों, पर्यटकों और व्यापारियों को भारी असुविधा होती है। इसके अलावा, भूस्खलन से जानमाल का खतरा भी बना रहता है। टम्टा ने कहा कि सरकार और वह स्वयं इस मुद्दे के प्रति पूरी तरह संकल्पबद्ध हैं और इसे जल्द से जल्द हल करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

भूस्खलन के कारणों की पहचान

बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि क्वारब डेंजर जोन का समाधान क्षेत्र की भौगोलिक जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा। टीएचडीसी के तकनीकी अध्ययन ने इस क्षेत्र में भूस्खलन के कारणों और समाधान के लिए आवश्यक कदमों की पहचान की है। प्रथम चरण में बनने वाली सुरक्षा दीवार और एंकरिंग कार्य सड़क के नीचे के हिस्से को स्थिर करेंगे, जबकि द्वितीय चरण में हिल साइड ट्रीटमेंट पहाड़ी के ऊपरी हिस्से को मजबूत करेगा। ये दोनों चरण मिलकर क्वारब को भूस्खलन मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। अजय टम्टा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्य की गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि यह परियोजना जल्द पूरी हो और क्षेत्र के लोगों को राहत मिले।

तकनीकी पहलुओं पर चर्चा

अजय टम्टा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कार्य की प्रगति की नियमित निगरानी की जाए और स्थानीय लोगों को परियोजना की जानकारी समय-समय पर दी जाए। बैठक में यह भी सुनिश्चित किया गया कि परियोजना के कार्यान्वयन में स्थानीय प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बीच बेहतर समन्वय होगा। इस महत्वपूर्ण बैठक में जिला मजिस्ट्रेट आलोक कुमार पांडे, मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शासनी, उप जिला मजिस्ट्रेट संजय कुमार, और राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिशासी अभियंता अशोक कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इन अधिकारियों ने परियोजना की प्रगति और तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत जानकारी साझा की।

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SD Pandey

शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।


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