Almora News : अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर क्वारब के पास लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण प्रशासन ने एक बार फिर सख्त कदम उठाया है। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 02 जून 2025 तक रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक इस मार्ग पर यातायात पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। यह निर्णय क्वारब में पिछले नौ महीनों से जारी भूस्खलन और पहाड़ी दरकने की समस्या को देखते हुए लिया गया है। इस दौरान यात्रियों को विकल्प मार्गों का उपयोग करना होगा। जिला मजिस्ट्रेट आलोक कुमार पांडेय ने सोमवार को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
क्वारब में भूस्खलन: क्यों है समस्या?
अल्मोड़ा-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग उत्तराखंड के अल्मोड़ा, बागेश्वर, और पिथौरागढ़ जिलों को मैदानी क्षेत्रों से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग है। लेकिन, क्वारब के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-109 पर पिछले नौ महीनों से लगातार भूस्खलन और पहाड़ी दरकने की घटनाएं हो रही हैं। इस क्षेत्र में सड़क का एक हिस्सा सुयाल नदी की ओर धंस गया है, जिससे सड़क की चौड़ाई मात्र 3 मीटर रह गई है। लगातार गिर रहे मलबे और बोल्डर के कारण यह मार्ग बड़े वाहनों के लिए असुरक्षित हो गया है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल ने बताया कि क्वारब में भूस्खलन की स्थिति अभी भी नियंत्रण में नहीं है। रात के समय मलबा और बोल्डर गिरने का खतरा अधिक रहता है, जिसके चलते यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया गया है।
रात में यातायात प्रतिबंध: क्या है नया आदेश?
प्रशासन ने आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा 34 (ख) के तहत 02 जून 2025 तक रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर यातायात पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। यह रोक पिछले नौ महीनों से रात के समय लागू है, और अब इसे 14 दिन और बढ़ा दिया गया है।
- प्रतिबंध का समय: रात 11:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक
- अवधि: 02 जून 2025 तक
- कारण: क्वारब में लगातार भूस्खलन और सड़क धंसने का खतरा
डीएम आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि क्वारब में सड़क की स्थिति बेहद नाजुक है। लगातार मलबा गिरने और सड़क के धंसने के कारण रात में वाहनों का संचालन जोखिम भरा है। प्रशासन और लोक निर्माण विभाग (PWD) मलबा हटाने और सड़क चौड़ीकरण के कार्य में जुटे हैं, लेकिन पहाड़ी के अस्थिर होने के कारण काम में बाधा आ रही है।
अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे : यात्रियों के लिए क्या हैं विकल्प?
क्वारब में रात के समय यातायात प्रतिबंध के दौरान यात्रियों को निम्नलिखित विकल्प मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी गई है:
- अल्मोड़ा-विश्वनाथ-शहरफाटक मोटरमार्ग: यह मार्ग अल्मोड़ा से हल्द्वानी जाने वाले यात्रियों के लिए एक सुरक्षित विकल्प है। हालांकि, यह मार्ग लंबा है और यात्रा में अतिरिक्त समय लग सकता है।
- खैरना-रानीखेत मोटरमार्ग: यह मार्ग भी अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे का एक वैकल्पिक रास्ता है। यात्रियों को रानीखेत होकर जाना होगा, जिससे यात्रा की दूरी 35-40 किलोमीटर बढ़ सकती है।
इन वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने से यात्रियों को अतिरिक्त समय और लागत का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह जरूरी है। प्रशासन ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे यात्रा से पहले मार्ग की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर लें।
क्वारब की समस्या: पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
क्वारब क्षेत्र में भूस्खलन की समस्या नई नहीं है। यह क्षेत्र पिछले कई वर्षों से बारिश और भूगर्भीय अस्थिरता के कारण प्रभावित रहा है। कुछ प्रमुख घटनाएं:
- अक्टूबर 2024: क्वारब पुल के पास एक कैंटर मलबे में फंस गया था, जिसके कारण हाईवे पर 9 घंटे तक यातायात ठप रहा।
- नवंबर 2024: भूस्खलन के कारण हाईवे शनिवार दोपहर से बंद हो गया, जिससे यात्रियों को लमगड़ा और रानीखेत के रास्ते अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ी।
- जनवरी 2025: क्वारब में सड़क धंसने के कारण हाईवे 11 दिन तक बंद रहा। सड़क चौड़ीकरण के बाद इसे 6 जनवरी को खोला गया, लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है।
इन घटनाओं से स्पष्ट है कि क्वारब क्षेत्र में भूस्खलन एक गंभीर और बार-बार होने वाली समस्या है। प्रशासन ने इस क्षेत्र को डेंजर जोन घोषित किया है, और दीर्घकालिक समाधान के लिए कार्य किए जा रहे हैं।
कोशिशें जारी लेकिन समाधान नहीं
प्रशासन और लोक निर्माण विभाग (PWD) क्वारब में सड़क को सुरक्षित बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। अधिशासी अभियंता महेंद्र कुमार ने बताया कि सड़क चौड़ीकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है, और जल्द ही इस मार्ग को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के प्रयास किए जाएंगे।
- सड़क चौड़ीकरण: क्वारब के पास पहाड़ी को काटकर सड़क को 6 मीटर तक चौड़ा किया गया है, लेकिन अभी भी यह पूरी तरह सुरक्षित नहीं है।
- मलबा हटाने का कार्य: पोकलैंड और लोडर मशीनों की मदद से मलबा और बोल्डर हटाए जा रहे हैं। हालांकि, रात में कार्य करना असुरक्षित है।
- वैकल्पिक मार्गों पर काम: प्रशासन ने वैकल्पिक मार्गों को बेहतर बनाने के लिए सड़क निर्माण और मरम्मत के कार्य तेज कर दिए हैं।
यात्रियों को हो रही परेशानी
- लंबी यात्रा: वैकल्पिक मार्गों के कारण यात्रा की दूरी 35-40 किलोमीटर तक बढ़ गई है, जिससे समय और ईंधन की लागत बढ़ रही है।
- आर्थिक बोझ: लंबे रास्तों और बार-बार रुकावटों के कारण यात्रियों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा है।
- पर्यटन पर प्रभाव: अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है। बार-बार बंद होने से पर्यटन उद्योग प्रभावित हो रहा है।
- बाजार पर असर: हाईवे बंद होने से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हो रही है, जिसके कारण कुछ सामानों के दाम बढ़ गए हैं।
यात्रियों के लिए सलाह
अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर क्वारब में भूस्खलन की समस्या ने यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए कई चुनौतियां खड़ी की हैं। प्रशासन ने यात्रियों से सावधानियां बरतने की अपील की है।
- यात्रा से पहले जानकारी लें: अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे की स्थिति और वैकल्पिक मार्गों की जानकारी के लिए स्थानीय प्रशासन या पुलिस से संपर्क करें।
- रात की यात्रा से बचें: रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक हाईवे पर यात्रा न करें।
- आपातकालीन संपर्क: आपात स्थिति में अल्मोड़ा पुलिस के हेल्पलाइन नंबर या ट्रैफिक कंट्रोल रूम से संपर्क करें।
दीर्घकालिक समाधान की जरूरत
क्वारब में बार-बार हो रहे भूस्खलन ने इस क्षेत्र को एक डेंजर जोन बना दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- भूगर्भीय सर्वेक्षण: क्वारब क्षेत्र में भूस्खलन के कारणों का पता लगाने के लिए विस्तृत भूगर्भीय सर्वेक्षण किया जाना चाहिए।
- पहाड़ी स्थिरीकरण: पहाड़ी को स्थिर करने के लिए रिटेनिंग वॉल, बोल्डर नेटिंग, और वृक्षारोपण जैसे उपाय किए जा सकते हैं।
- वैकल्पिक मार्गों का विकास: लंबी अवधि के लिए एक स्थायी वैकल्पिक मार्ग विकसित करना, जो क्वारब जैसे जोखिम वाले क्षेत्रों से बचा जाए।
- निगरानी प्रणाली: भूस्खलन की संभावना को पहले से पहचानने के लिए सेंसर और निगरानी प्रणाली स्थापित की जा सकती है।


शंकर दत्त पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले चार दशक से मीडिया की दुनिया में सक्रिय हैं। Uncut Times के साथ वरिष्ठ सहयोगी के रूप से जुड़े हैं। उत्तराखंड की पत्रकारिता में जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया है। कुमाऊं के इतिहास की अच्छी जानकारी रखते हैं। दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक और शोधपरक लेख प्रकाशित। लिखने-पढ़ने और घूमने में रुचि। इनसे SDPandey@uncuttimes.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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