अल्मोड़ा : उत्तराखंड के अल्मोड़ा-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-109) पर क्वारब में लगातार भूस्खलन और बोल्डर गिरने की वजह से मार्ग को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है। अल्मोड़ा पुलिस और जिला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राहत और मलबा हटाने के कार्य शुरू कर दिए हैं। यात्रियों और वाहन चालकों से वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने और यात्रा से पहले मार्ग की स्थिति की जानकारी लेने की अपील की गई है। इस प्राकृतिक आपदा ने स्थानीय निवासियों और यात्रियों के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर दी हैं।
भूस्खलन और मलबा गिरने से आफत
अल्मोड़ा-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-109) कुमाऊं क्षेत्र को मैदानी इलाकों से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग है। क्वारब क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने पहाड़ी ढलानों को अस्थिर कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप भूस्खलन और मलबा गिरने की घटनाएं बढ़ गई हैं। हाल ही में 4 अगस्त 2025 को अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार, क्वारब में NH-109 का एक हिस्सा भूस्खलन के कारण टूट गया था, जिससे वाहनों को 45 किलोमीटर का चक्कर लगाकर रानीखेत के रास्ते हल्द्वानी जाना पड़ा।
हालात और बिगड़े
वर्तमान स्थिति और भी गंभीर हो गई है, क्योंकि क्वारब पुल के पास भूस्खलन जोन बन गया है। सड़क की चौड़ाई घटकर केवल तीन मीटर रह गई है, और सड़क का एक हिस्सा कभी भी कोसी नदी में समा सकता है। इस खतरे को देखते हुए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष आलोक पांडे ने आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत मार्ग को रात्रि 9 बजे से सुबह 6 बजे तक बंद करने का आदेश पहले ही जारी किया था। अब स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मार्ग को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है।
यातायात के वैकल्पिक मार्ग
भूस्खलन के कारण अल्मोड़ा से हल्द्वानी, नैनीताल, और काठगोदाम जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्कूली बच्चे, दैनिक यात्री, और व्यापारी सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। अल्मोड़ा पुलिस ने वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी है।
- बेस तिराहा, पांडेखोला, कोसी वाया रानीखेत: यह मार्ग भारी वाहनों के लिए निर्धारित किया गया है।
- सिकुड़ाबैंड, लमगड़ा वाया शहरफाटक: यह मार्ग भी भारी वाहनों के लिए उपलब्ध है।
- बागेश्वर, कौसानी, सोमेश्वर से हल्द्वानी: भारी वाहन कोसी से मचखाली, रानीखेत के रास्ते हल्द्वानी जा सकते हैं।
- पिथौरागढ़, धौलछीना, दन्या से हल्द्वानी: भारी वाहन बाड़ेछीना, दन्या, सुवाखान, लमगड़ा से शहरफाटक के रास्ते हल्द्वानी जा सकते हैं।
राहत और बचाव कार्य
अल्मोड़ा पुलिस और लोक निर्माण विभाग (PWD) की टीमें मलबा हटाने और मार्ग को सुचारू करने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं। जेसीबी और लोडर मशीनों की मदद से मलबा हटाने का प्रयास जारी है, लेकिन बारिश और लगातार मलबा गिरने के कारण कार्य में देरी हो रही है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, भूस्खलन जोन को स्थायी रूप से ठीक करने के लिए पोकलैंड मशीनें लगाने और दीर्घकालिक समाधान की मांग की गई है। आपदा नियंत्रण कक्ष, अल्मोड़ा ने निवासियों और यात्रियों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं:
- जिला आपदा नियंत्रण कक्ष: 05962-237874, 237875, टोल-फ्री: 1077, मोबाइल: 7900433294
- तहसील मुख्यालय, अल्मोड़ा: 05962-231951
- तहसील मुख्यालय, भनोली: 9410333925
- तहसील मुख्यालय, द्वाराहाट: 05966-244860/7060122034
इंतजामों की पोल खुली
अल्मोड़ा-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग पर क्वारब क्षेत्र में भूस्खलन ने एक बार फिर उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा और बुनियादी ढांचे की कमजोरियों को उजागर किया है। पुलिस ने लोगों से धैर्य बनाए रखने और अनावश्यक जोखिम न लेने की अपील की है। साथ ही, यात्रा से पहले मार्ग की स्थिति की जानकारी लेने के लिए स्थानीय पुलिस या आपदा प्रबंधन कार्यालय से संपर्क करने की सलाह दी गई है। स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों ने भूस्खलन की समस्या के स्थायी समाधान की मांग की है। पूर्व प्रधान नारायण सिंह बिष्ट और अन्य स्थानीय नेताओं ने सुझाव दिया कि भूस्खलन जोन में पोकलैंड मशीनों का उपयोग और दीर्घकालिक उपाय जैसे रिटेनिंग वॉल और ड्रेनेज सिस्टम की स्थापना की जाए।
यात्रियों के लिए सलाह
- वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें: रानीखेत, लमगड़ा, या शहरफाटक के रास्ते यात्रा करें।
- यात्रा से पहले जानकारी लें: स्थानीय पुलिस या आपदा नियंत्रण कक्ष से मार्ग की स्थिति की जानकारी प्राप्त करें।
- रात्रि यात्रा से बचें: खराब मौसम और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए रात में यात्रा न करें।
- आपातकालीन नंबर पर संपर्क करें: किसी भी आपात स्थिति में उपरोक्त हेल्पलाइन नंबरों का उपयोग करें।
क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और चुनौतियां
अल्मोड़ा, जो कुमाऊं हिमालय की दक्षिणी ढलानों पर बसा है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, यह क्षेत्र भूवैज्ञानिक रूप से संवेदनशील है और भूस्खलन की घटनाएं आम हैं, खासकर मानसून के मौसम में। राष्ट्रीय राजमार्ग 109, जो अल्मोड़ा को हल्द्वानी, भवाली, रानीखेत, और कर्णप्रयाग से जोड़ता है, बारिश के दौरान अक्सर भूस्खलन का शिकार होता है। क्वारब क्षेत्र में कोसी नदी के किनारे सड़क की स्थिति और भी नाजुक है, क्योंकि बारिश से ढलान अस्थिर हो जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में इस मार्ग पर कई बार भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। उदाहरण के लिए, चौखुटिया-खीड़ा-माईथान-मैहलचौरी मार्ग भी हाल ही में चार दिनों तक बंद रहा था, जिससे कुमाऊं और गढ़वाल के बीच यातायात ठप हो गया था।


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