आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए खुशखबरी : सीधे खाते में जाएगी कमाई

UP cm yogi adiyanath

Government outsource employees news : आउटसोर्सिंग कर्मियों के शोषण को समाप्त करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने नई घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों में 100 एकड़ में पीपीपी मोड पर लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर जिला अप्वॉइंटमेंट जोन विकसित करने की योजना बनाई है। इसके साथ ही, इन कर्मियों को अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से 16 से 18 हजार रुपये का वेतन सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जाएगा। दवा किया जा रहा है कि इस कदम से न केवल बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी।

यूपी में डिजिटल क्रांति और एफडीआई निवेश में उछाल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज यूपी का पोटेंशियल पूरी दुनिया देख रही है। प्रदेश में डिजिटल क्रांति के कारण 2016-17 में 122.84 करोड़ रुपये का डिजिटल ट्रांजेक्शन था, जो 2024 के अंत तक 1024.41 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह दिखाता है कि यूपी अब एक आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है।

इसके अलावा, 2017 से 2024 के बीच यूपी में 14,008 करोड़ रुपये का एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) आया है, जबकि इससे पहले 2000 से 2017 तक केवल 3303 करोड़ रुपये का ही निवेश हुआ था। इससे साबित होता है कि यूपी अब निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन गया है।

डीबीटी: भ्रष्टाचार पर प्रहार

सीएम योगी ने डीबीटी योजना को बजरंग बली की गदा करार दिया, जो बेईमानी और भ्रष्टाचार पर वार कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में एक वर्ष में 9.08 करोड़ से अधिक लोगों तक 1,11,637 करोड़ रुपये का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया गया, जिससे सरकार को लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई। यह दिखाता है कि पारदर्शिता और सुशासन से प्रदेश में वित्तीय कुशलता बढ़ी है।

पहले माफिया दौड़ाता था, अब पुलिस का राज

सीएम योगी ने कानून व्यवस्था में सुधार पर जोर देते हुए कहा कि पहले यूपी में माफिया हावी थे और पुलिस असहाय नजर आती थी। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। यूपी में शासन की धमक से अब माफियाओं की कमर टूट चुकी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि एक समय था जब माफिया हाईकोर्ट के जज के काफिले को रोकने की हिम्मत रखते थे, लेकिन आज वही माफिया पुलिस के सामने कांपते हैं। इससे साफ है कि योगी सरकार ने प्रदेश में कानून का राज स्थापित किया है।

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आउटसोर्सिंग नौकरियां क्या होती हैं?

आउटसोर्सिंग नौकरियां वे होती हैं, जिनमें किसी संगठन या सरकार द्वारा कर्मचारियों को सीधे नियुक्त करने के बजाय किसी तीसरी पार्टी के माध्यम से काम पर रखा जाता है। सरकारी आउटसोर्सिंग नौकरियों में अक्सर तकनीकी सहायक, डाटा एंट्री ऑपरेटर, हेल्थकेयर वर्कर और अन्य तकनीकी एवं गैर-तकनीकी पद शामिल होते हैं।

सरकारी आउटसोर्सिंग नीति में सुधार

यूपी सरकार ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के शोषण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस फैसले के तहत अब मध्यस्थ एजेंसियों के हस्तक्षेप को कम किया जाएगा और भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा। इसके लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजना लागू की गई है, जिससे वेतन सीधे कर्मचारियों के खाते में जाएगा।

डीबीटी योजना के लाभ:

  1. भ्रष्टाचार पर लगाम – बिचौलियों की भूमिका खत्म होने से वेतन कटौती और अन्य अनियमितताओं पर रोक लगेगी।
  2. तेजी से वेतन भुगतान – कर्मचारियों को वेतन समय पर मिलेगा, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी।
  3. डिजिटल यूपी की ओर एक कदम – डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
  4. आर्थिक सशक्तिकरण – कर्मचारियों को उनके अधिकार मिलेंगे और वे वित्तीय योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।

Government outsource employees के लिए योजनाएं

यूपी सरकार आउटसोर्सिंग कर्मियों के कल्याण के लिए कई अन्य योजनाएं भी लागू करने की योजना बना रही है, जिनमें शामिल हैं:

  • बीमा और पेंशन योजना – कर्मचारियों के लिए सुरक्षा योजनाएं लागू की जाएंगी।
  • ऋण और क्रेडिट सुविधाएं – बैंकों से आसान ऋण उपलब्ध कराए जाएंगे।
  • शिक्षा और कौशल विकास – कर्मियों को प्रशिक्षण देकर उनकी योग्यता बढ़ाई जाएगी।

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